Shirt ka Teesra Button Book in Hindi by Manav Koul

““शर्ट का तीसरा बटन” मानव को पढ़ने वालों उन सभी पाठकों के लिए उनकी अपनी प्रेमिका की कहानी है। यह उपन्यास हर किसी को अपने अंदर झाकने का मौका देगी, जो अपने बचपन में किये गए उन कामों  को याद कर, पात्र के इधर-उधर भटकते नज़र आएंगे।

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Summary of Shirt ka Teesra Button Book in Hindi by Manav Koul

 राज़ील जब भी अपने जीवन में आने वाली परेशानियों से निपटने के लिए कुछ नही कर पाता है तो चुपचाप अपना सर नीचे कीये अपने शर्ट के तीसरे बटन को निहारने लगता है। क्योंकि ऊपर के दो बटन गर्दन के ठीक नीचे होने के कारण उसके गर्दन दुखने लगते है, चौथे और पाँचवे बटन, शर्ट में सिलवटें होने के कारण नज़र नहीं आते। जिसके वजह से राज़ील तीसरे को अपना बना लेता है।

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कुछ अच्छे और महत्वपूर्ण अंश-

 बड़े होने का डर- स्कूल में जब मैं 12वीं के लड़के-लड़कियों को देखता था तो विश्वास नहीं होता कि मैं कुछ सालों में इनके जैसा हो जाऊंगा।  मैं इतना बड़ा होकर क्या करूंगा? कितने निर्णय फिर मुझे ही लेने होंगे, वह भी बिना किसी की मदद के! मैं बड़े होने से बहुत घबराता था। गांव में जो लोग बड़े हुए थे, मैं उनका हश्र देखा था ।

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कुछ अच्छे  जीवन उपयोगी कोट्स -

– बड़ी त्रासदियाँ घटती नहीं हैं, और हम छोटी त्रासदियों को, जो हमारे अगल-बगल में घट रही होती हैं, इतना तुच्छ मानते हैं कि हमें लगता है इनसे जूझना हमें एक साधारण इंसान बना देता है। –मृत्यु के बाद की तस्वीरें अजीब-सी निर्जीव होती हैं।  मृत्यु को धीरे-2 रेंगते हुए आता देखने से शायद उसका प्रहार उतना असर नहीं करता। –

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पात्रों का चरित्र-चित्रण

राज़ील- राज़ील “शर्ट का तीसरा बटन” का प्रमुख पात्र है। जो आशा का इकलौता पुत्र है। उसके दो पक्के दोस्त चोटी और राधे हैं। राज़ील के बाल और नायक-नक्श सब साधारण थे। शरीर का रंग गेहुआँ। राज़ील को हर छोटा विचार बड़े ही आश्चर्य मे दल देता और उसका माथा घूमने लगता।

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FAQ-

Q:- शर्ट का तीसरा बटन से क्या तात्पर्य है? Ans: राज़ील शर्ट के तीसरे बटन को देखते हुए किसी भी परिस्थिति से बड़े ही आसानी से निपट लेता था। पहला और दूसरा गर्दन के बहुत ही करीब था, जिसके वजह से उसे देखते हुए गर्दन दर्द करने लगती थी। चौथा और पाँचवा शर्ट में सिलवटों के वजह से दिखाई नहीं देने के कारण उसे तीसरा ज़्यादा भाता था।