Shirt ka Teesra Button Book in Hindi

Review And Summary of Shirt ka Teesra Button Book in Hindi by Manav Koul

Review And Summary of Shirt ka Teesra Button Book in Hindi by Manav Koul. मानव कौल द्वारा लिखित यह उपन्यास छोटे से लेकर बड़े तक को अपने अंदर समेटे हुए है। जो भी इसमे गोता लगाएगा अपने बचपन को खोजता फिरेगा।

Review of Shirt ka Teesra Button Book in Hindi by Manav Koul

“शर्ट का तीसरा बटन” मानव कौल द्वारा लिखित यह दूसरा उपन्यास और अगर सारी किताबों की बात करें तो आठवाँ किताब है। पिछला उपन्यास “अंतिमा” मानव की अपनी थोड़ी प्रेम कहानी की थी, जिसे आप उनकी प्रेमिका भी कह सकते हैं। “शर्ट का तीसरा बटन” मानव को पढ़ने वालों उन सभी पाठकों के लिए उनकी अपनी प्रेमिका की कहानी है। यह उपन्यास हर किसी को अपने अंदर झाकने का मौका देगी, जो अपने बचपन में किये गए उन कामों  को याद कर, पात्र के इधर-उधर भटकते नज़र आएंगे।

मानव की अभी तक जितनी भी किताबें पाठकों के बीच आई हैं, यह किताब उन सबमें से कुछ खास है। इस उपन्यास में मिडिल क्लास(छः) में पढ़ते हुए राज़ील उसके दो दोस्त चोटी(अरमान) और राधे की है। राज़ील की पहली प्रेमिका ग़ज़ल और राज़ील की माँ आशा की कहानी है। जिनकी घटनाएं राज़ील को बहुत प्रभावित करती है।  

“शर्ट का तीसरा बटन” राज़ील जब भी अपने जीवन में आने वाली परेशानियों से निपटने के लिए कुछ नही कर पाता है तो चुपचाप अपना सर नीचे कीये अपने शर्ट के तीसरे बटन को निहारने लगता है। क्योंकि ऊपर के दो बटन गर्दन के ठीक नीचे होने के कारण उसके गर्दन दुखने लगते है, चौथे और पाँचवे बटन, शर्ट में सिलवटें होने के कारण नज़र नहीं आते। जिसके वजह से राज़ील तीसरे को अपना बना लेता है। कहानी में कुछ आगे चलते हुए जब राज़ील के दोस्त अरमान, जिसे राज़ील चोटी कह कर बुलाता है, उसके अपने चाचा के साथ शहर चले जाने पर अपना शर्ट का तीसरा बटन नाम देता है।

“शर्ट का तीसरा बटन” अपने आप में तीन-चार कहानियों को समेटे हुए हैं। राज़ील और उसके दोस्तों के बीच पक्के दोस्ती का संबंध, राज़ील और ग़ज़ल के बीच पहली प्यार के साथ पहली बार शारीरिक संबंध और राजिल की माँ(आशा) की ग़ज़ल के पिता के साथ प्यार का संबंध का बहुत गहरा नाता है। इस उपन्यास की कहानी बहुत ही रोमांचकारी और भव्य है। यकीन है कि हर पढ़ने वाले पाठकों को अपने बचपन के बारे  में सोचने को मजबूर कर देगी। और लेखक को उसका इनाम मिल जाएगा। Shirt ka Teesra Button Book in Hindi   

Summary of Shirt ka Teesra Button Book in Hindi by Manav Koul

कहानी राज़ील के घर से शुरू होती है, जहां उसकी माताजी (नानी) का स्वर्गवास हो चुका होता है। आशा(राज़ील की माँ) माताजी के पास बैठे हुए अपनी आँसू बहा रही होती है। राज़ील अपनी दोस्तों के साथ एक कोने में खड़ा रहता है। उसके आँखों से आँसू नही निकलते लेकिन वो रोना चाहता है वरना उसे लोगों के द्वारा सिंपथी नहीं मिलेगी। लोग उसे बुरा कहेंगे। जिसके वजह से राज़ील अपने हाथों से अपनी आँखों को मसल कर लाल कर देता ताकि लोगों को देखने पर ऐसा लगे कि उसे अपने नानी के प्रति प्यार था और उनके जाने का उसे बहुत ज़्यादा दुख है।

घर के एक कोने में खड़े जब उसकी निगाह ग़ज़ल पर पड़ती है तो उसे देखते ही राज़ील की आँखों से सच में आँसू बहने लगते हैं। जिससे उसे ग़ज़ल की सिंपथी मिलती है लेकिन उस समय उसके पास ना जाते हुए ग़ज़ल उसके माँ के करीब जाती है और उन्हे ढाढ़स बांधती है। नानी के क्रिया-कर्म के बाद तीनों दोस्त मिलते हैं। जिसमें ग़ज़ल का जिक्र होता है। चोटी और राधे द्वारा राज़ील से कहा जाता है कि उसे ग़ज़ल से नहीं मिलना चाहिए, उससे दूर रहना चाहिए। राज़ील भी इसे खुशी-खुशी अपने दोस्तों की बात को स्वीकार कर लेता है।

अगले ही दिन ग़ज़ल जब राज़ील से मिलती है तो अपने को वो रोक नही पाता है और पिछली घटना को याद करते हुए ग़ज़ल की राज़ील को सिंपथी मिलती है और अपने होंठ उसके होंठ पर रख देती है। राज़ील को ये अच्छा तो लगता है पर उसके मन में ऐसा प्रतीत होता है कि उसने पाप किया है जिसकी उसे सजा मिलेगी और वो सजा चित्रगुप्त देंगे। जब इसकी भनक चोटी और राधे को लगती है तो उसकों सतर्क करते हैं, फिर राज़ील उनके सामने कुछ भी कहने से मुकर जाता है और उस दिन चोटी भी अपने दिल की बात बताता है कि उसके चाचा उसके पैन्ट में हाथ डाल कर सोते हैं। जो चोटी को अच्छे नहीं लगते।

राज़ील और राधे तो पहले हसते हैं लेकिन कुछ पल बाद उस बात को भुला देते है और घूमते हुए नदी के किनारे टहलने चले जाते हैं जहां पास की किले के दीवार पर बैठे एक पीले साड़ी मे औरत और एक आदमी दिखते हैं, जिसे राज़ील पहचान लेता है कि पीली साड़ी वाली औरत और कोई नहीं बल्कि उसकी माँ है और वो आदमी ग़ज़ल के अब्बू । राधे भी इस बात को समझते हुए राज़ील को वहाँ से चलने को कहता है।

राज़ील को लगता है कि वो माँ है और उसे माँ की तरह रहना चाहिए । माँ को ये पाप नही करनी चाहिए। वो ऐसा कैसे कर सकती है? ऐसे राज़ील के मन में आशा और ग़ज़ल के अब्बू को लेकर बहुत सारे सवाल पैदा होते हैं लेकिन राज़ील सिवाय सोचने के और कुछ नहीं करता है।

एक रोज उसकी मुलाकात ग़ज़ल से होती है, जिसके साथ वो उसी जगह जाता है जहां पिछले दिनों दोनों के माता-पिता बैठे हुए थे। राज़ील गजल से उस बात को लेकर चर्चा करता है और ग़ज़ल ये कहते हुए समझाती है कि आशा राज़ील की माँ होने से पहेल एक औरत है और उनकी अपनी कुछ भवनाए हैं। इससे पहले की राज़ील कुछ और कहता ग़ज़ल राज़ील को चूम लेती है और उस दिन ग़ज़ल की पहल की वजह से, राज़ील ना चाहते हुए भी उसमें समा जाता है। जिसे लेकर राज़ील के मन में कष्ट होता है।

 चोटी के दुकान के छत पर तीनों बैठे अपने में कुछ चर्चा करते रहते हैं कि चोटी कहता है कि उसके चाचा पिछली रात उसके साथ सोये थे, उसे अब बहुत परेशानी हो रही है, लेकिन वो किसी से कह नहीं सकता, उसने अपने पिता से कहा था तो उसे बहुत मार पड़ी थी।और अब उसके पिता ने कहा है कि उसे अपने चाचा के साथ शहर को जाना होगा। लेकिन वो जाना नहीं चाहता । राधे और राज़ील उसे बहुत समझाते हैं लेकिन उसकी कुछ मदद नहीं कर पाते।

कुछ दिन बाद राज़ील अपने को किसी तरह समझाते हुए जब राधे अपने दुकान पर और चोटी अपने घर होता है तो राज़ील चोटी के अब्बू से वो सारी बातें कह देता है। जो चोटी ने उससे कही थी। जिसके बाद चोटी के अब्बू उसे एक ज़ोर का तमाचा खिच देते हैं और राज़ील को उलटे पाँव लौटना पड़ता है। अगले दिन राधे के माध्यम से पता चलता है कि चोटी को अपने चाचा के साथ जाना पक्का हो गया है, चोटी के मना करने पर उसके अब्बू उसे शहर ना भेजने को राज़ी हो गए थे लेकिन ना जाने किसने उसके अब्बू से कुछ ऐसा-वैसा कह दिया कि उसके अब्बू भड़क गए और अब चोटी को अपने चाचा के साथ शहर को जाना ही होगा।Shirt ka Teesra Button Book in Hindi

चोटी को जाने से रोकने के लिए राधे और राज़ील मज़ार पर बैठे हुए प्लान बनाते हैं कि जब ट्रेन पकड़ने के लिए  चोटी अपने चाचा के साथ जाएगा। राधे और राज़ील उसे बचाने के लिए स्टेशन को जाएंगे। अगले दिन स्टेशन पर सिर्फ राधे मौजूद होता है। राधे कोशिश करता है कि चोटी अपने चाचा से किसी तरह हाथ छुड़ा ले और मैं चाचा को ट्रेन के आगे धक्का दे दूंगा लेकिन चाचा उसके हाथ नहीं और छोड़ते और चोटी को शहर छोड़ना पड़ता है।

साल का पेपर देने के बाद आशा भी राज़ील को अपने मामा के साथ शहर भेजने को निर्णय करती है। स्टेशन पर राज़ील के नहीं पहुचने के कारण राधे नाराज रहने लगता है। दो दिन बाद पता चलता है कि चोटी ने सलफ़ास की गोली खाकर आत्तमहत्या कर ली। राज़ील को अपने शर्ट के तीसरे गुलाबी बटन को देखते हुए चोटी की याद आती है, जब चोटी ने उसके शर्ट के तीसरे बटन के टूट जाने पर अपने दुकान से गुलाबी बटन को लगा कर दिया था।

ग़ज़ल को भी जब ये बात पता चलती है कि राज़ील शहर को जा रहा है तो उससे मिलने आती है और बताती है कि वो भी अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए प्राग जा रही है। जिसे राज़ील अपने खयालों मे देखा करता था। कुछ दिन बाद जब राज़ील शहर के लिए अपने मामा के साथ घर से निकलता है तो माँ के साथ गजल के अब्बू को देख कर खुश होता है।

गावं से बाहर निकलते हुए राधे से मिलने की चाहत में वो चलने घोड़ा गाड़ी से कूद जाता है,जिसमें उसके घुटने फुट जाते हैं लेकिन उसकी कोई परवाह ना करते हुए निरंतर दौड़ कर राधे के घर फिर उसके कचहरी के पास पान वाली दुकान  और वहाँ भी नहीं मिलने पर वो दौड़ते हुए मजार को जाता है जहां कभी-2 दोनों मिला करते थे। वहाँ भी नहीं मिलने पर राज़ील थक हार कर वापस स्टेशन को चला आता है। ताकि उसकी तीराईं ना छूट जाए। जब स्टेशन को आता है तो प्लेटफार्म पर ग़ज़ल और राधे वही खड़े रहते हैं। जिसे देख कर राज़ील तुरंत राधे को गले लगा लेता है और राज़ील द्वारा मजार पर छोड़े गए शर्त को जिसमें तीसरा बटन गुलाबी होता है, राधे अपने साथ रखा होता है। ट्रेन धीरे-1 प्लेटफार्म छोड़ने लगती है। मामाँ राज़ील के सामान को लेकर चढ़ जाते हैं और राज़ील भी ग़ज़ल से मिलने के बाद ट्रेन में चढ़ जाता है।Shirt ka Teesra Button Book in Hindi

कुछ महत्वपूर्ण अंश Shirt ka Teesra Button Book in Hindi by Manav Koul

  • रात में जब भी खुले आसमान के नीचे मैं सोता था तब तारों को देखकर आश्चर्य होता था कि इस गहरे अंधेरे को खूबसूरत बनाने के लिए किसी ने कैसे ये चटक चमकते तारे टाँक रखे हैं और उन सारे टांके हुए के बीच एक चाँद लटका रखा है जो एकदम अवास्तविक लगता है। फिर एक दिन क्लास में तारों, आकाशगंगा और ग्रहों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
  • निर्णय- मैने आज तक जीवन में कभी कोई निर्णय नहीं लिया था। मैं दूसरों के निर्णयों के पीछे हो लेता था। मैं किस स्कूल में जाऊँ का निर्णय माँ का था। मुझे चाय अच्छी लगती है का फैसला मेरा नहीं था। जब मैने चाय की चुस्की लेते वक्त चोटी के पिता के चेहरे पर उभरे सुख को देखा तो मुझे चाय पसंद आने लगी।Shirt ka Teesra Button Book in Hindi
  • बड़े होने का डर- स्कूल में जब मैं 12वीं के लड़के-लड़कियों को देखता था तो विश्वास नहीं होता कि मैं कुछ सालों में इनके जैसा हो जाऊंगा।  मैं इतना बड़ा होकर क्या करूंगा? कितने निर्णय फिर मुझे ही लेने होंगे, वह भी बिना किसी की मदद के! मैं बड़े होने से बहुत घबराता था। गांव में जो लोग बड़े हुए थे, मैं उनका हश्र देखा था ।Shirt ka Teesra Button Book in Hindi
  • पीड़ा- शरीर में कहीं फोड़ा निकल आता है तो डॉक्टर लोहिया कहते हैं कि अपना हाथ उस फोड़े से दूर रखना वरना वह पक जाएगा। मुझे पता होता था कि शरीर की सारी तकलीफ वह थोड़े से फूट रही है और अगर मैंने अपने हाथों पर काबू रखा तो यह बहुत जल्दी ठीक हो जाएगा। पर उंगलियां अपनी शरारत से बाज नहीं आती थी वह ठीक थोड़ा नहीं छोटी वह अगल-बगल देर तक उस फोड़े को खुजाती रहती थी। वह थोड़ा ठीक होने के बजाय शरीर में अपनी स्थाई जगह बना चुका होता था, जहां से पीड़ा की बुँदे टपकती रहती थी।Shirt ka Teesra Button Book in Hindi
  • घर- मैं घर आता हूं तो हमेशा से बहुत तसल्ली देने वाला लगता था। जब भी मेरे मुंह से निकला है कि मैं घर जा रहा हूं तो लगता है कि एक सुरक्षा का कवच मेरे चारों तरफ खड़ा होना शुरू हो गया है। कुछ ही देर में मैं अपने घर में होऊँगा और फिर कोई भी मेरा कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता।Shirt ka Teesra Button Book in Hindi
  • विस्तार का नियम- हर चीज अपने विस्तार में एक-दूसरे से दूर जा रही होती है। जैसे इस धरती पर सारा जमीन एक-दूसरे के करीब थी और आस-पास समुद्र था। फिर जमीन का विस्तार हुआ और वह टूट -टूटकर अलग-अलग देश में बँट  गई। हम सूरज से भी बहुत धीमे-धीमे, पर दूर जा रहे हैं।  चांद पृथ्वी से बहुत धीमे-धीमे दूर जा रहा है। विस्तार का यह नियम है।Shirt ka Teesra Button Book in Hindi
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कोट्स Shirt ka Teesra Button Book in Hindi by Manav Koul

  • बड़ी त्रासदियाँ घटती नहीं हैं, और हम छोटी त्रासदियों को, जो हमारे अगल-बगल में घट रही होती हैं, इतना तुच्छ मानते हैं कि हमें लगता है इनसे जूझना हमें एक साधारण इंसान बना देता है।
  • मृत्यु के बाद की तस्वीरें अजीब-सी निर्जीव होती हैं।
  • मृत्यु को धीरे-2 रेंगते हुए आता देखने से शायद उसका प्रहार उतना असर नहीं करता।
  • आवश्यकता आविष्कार की जननी है।
  • रात बत्ती की तरह होनी चाहिए। बटन बंद करो तो रात और अगर उसी वक्त बटन फिर से दबा दिया तो सुबह।
  • असल मे किसी के जाने के बाद उसकी जगह कोई दूसरा ले लेता है।
  • सोना मिलना तो चमत्कार है। और चमत्कार तो वहीं होता है, जहां उसकी संभावना सबसे कम होती है।
  • बूढ़े होते ही हम सब कितने एक जैसे हो जाते हैं-पुरुष, स्त्री, अमीर,गरीब-सब लाचार, आश्रित, उतने ही अपनी हड्डियों से छूटते हुए।
  • प्रेम स्वयं एक त्याग है, विस्मृति है, तन्मयता है। प्रेम के प्रांगण में कोई अपराध ही नहीं होता।
  • जो नहीं बदला वो जिया ही नहीं।
  • जो पानी से नहाएगा वो सिर्फ लिबास बदल सकता है, लेकिन जो पसीने से नहाएगा वो इतिहास बदल सकता है।
  • जो पेड़ तूफ़ान में झुक जाते हैं वो बच जाते हैं।
  • हमें लगता है कि हम जी रहे हैं, हम नहीं जी रहे, हम अर्धनिद्रा की स्थिति में धक्के खा रहे होते हैं।
  • एक जीवन अपने भीतर कितने रहस्य छुपाये हुए होता है! रहस्य और उन रहस्यों की जाने कितनी अनगिनत संभावनाएं।
  • हर दुख और तकलीफ का एक कमीनापन भी होता है। दुख यूं ही खाली दुखी करके नहीं जाना चाहता, वह अपने होने का गवाह चाहता है।
  • संसार में पाप कुछ भी नहीं है, वह केवल मनुष्य के दृष्टिकोण की विषमता का दूसरा नाम है।
  • कुछ बातों का अंत नहीं जानना ही ज्यादा ठीक होता है।
  • सबसे पहले पक्की दोस्ती तो खुद से ही करनी चाहिए, वरना कैसे समझ आएगा कि पक्की दोस्ती क्या होती है?
  • सच किसी गावं की सड़क की तरह सीधा और सपाट होता है।
  • अच्छाई फैलनी चाहिए और बुराई अगर एक जगह ही सिमटकर रहे तो बेहतर है।

चरित्र-चित्रण Shirt ka Teesra Button Book in Hindi by Manav Koul

राज़ील- राज़ील “शर्ट का तीसरा बटन” का प्रमुख पात्र है। जो आशा का इकलौता पुत्र है। उसके दो पक्के दोस्त चोटी और राधे हैं। राज़ील के बाल और नायक-नक्श सब साधारण थे। शरीर का रंग गेहुआँ। राज़ील को हर छोटा विचार बड़े ही आश्चर्य मे दल देता और उसका माथा घूमने लगता। Shirt ka Teesra Button Book in Hindi

चोटी- चोटी का असली नाम अरमान था। जिसके बाज़ार मे एक दर्जी की दुकान चलाते थे। उस दुकान के छज्जे पर बैठ कर तीनों गप्पे लड़ाते थे। दिन में दो शर्ट की सिलाई चोटी भी करता था। चोटी का धर्म मुस्लिम था लेकिन अपने धर्म को अपने दोस्तों के बीच कभी नहीं आने दिया। अपने चाचा से शोषण का शिकार होने के कारण वो ज़हर खाकर आत्महत्या कर लेता है। Shirt ka Teesra Button Book in Hindi

राधे-  चोटी और राज़ील का पक्का दोस्त था। तीनों हमेशा साथ रहते थे। राधे चोटी को उसके चाचा के चंगुल से बचाने के लिए राज़ील के साथ मिलकर उन्हे मारने का प्लान करता है लेकिन उसमे असफल होता है, जिसका उसे मलाल होता है। लेकिन जब राज़ील शहर छोड़कर जाने को होता है तो वो उससे मिलने स्टेशन को जाता है। और उसके हाथ में चोटी द्वारा लगाए बटन वाला शर्ट भी होता है, जिसे देख कर राज़ील बहुत खुश होता है।  Shirt ka Teesra Button Book in Hindi  

ग़ज़ल- ग़ज़ल आशा के मुस्लिम दोस्त की लड़की है, जो एक सरकारी स्कूल में पढ़ती है। ग़ज़ल चेहरे से बहुत सुंदर और आजाद खयाल की समझदार लड़की है। जो राज़ील के नानी और नाना के मर जाने पर राज़ील के प्रति अपनी सिंपथी व्यक्त करती है। जिसके बाद उसे अपना दोस्त भी मानती है और धीरे-धीरे राज़ील से प्यार करने लगती है, और राज़ील से संबंध भी बनाती है।  

आशा- आशा राज़ील की माँ है। जो एक सरकारी विद्यालय में हिन्दी साहित्य की अध्यापिका है। जिसे किताबें पढ़ना बहुत पसंद है। और ग़ज़ल के पिता को स्कूल कॉलेज से अपना दोस्त मानती है और राज़ील के शहर चले जाने पर अपना पुराना घर छोड़ कर ग़ज़ल के घर ही उसके पिता के साथ रहने चली जाती है। Shirt ka Teesra Button Book in Hindi

FAQ Shirt ka Teesra Button Book in Hindi

Q: शर्ट का तीसरा बटन से क्या तात्पर्य है?

Ans: राज़ील शर्ट के तीसरे बटन को देखते हुए किसी भी परिस्थिति से बड़े ही आसानी से निपट लेता था। पहला और दूसरा गर्दन के बहुत ही करीब था, जिसके वजह से उसे देखते हुए गर्दन दर्द करने लगती थी। चौथा और पाँचवा शर्ट में सिलवटों के वजह से दिखाई नहीं देने के कारण उसे तीसरा ज़्यादा भाता था।  Shirt ka Teesra Button Book in Hindi

Q: चोटी ने आत्महत्या क्यों किया?

Ans: चोटी अपने चाचा द्वारा शोषण का शिकार होने के कारण बर्दास्त नहीं कर सका, पिता से कहने पर उसे उल्टे मार पड़ती थी। जिसके कारण कोई दूसरा उपाय ना सुझते हुए उसने सलफ़ास की गोली खाकर आत्महत्या कर लिया। Shirt ka Teesra Button Book in Hindi 

Q: राज़ील के पिता कौन थे?

Ans: राज़ील के पिता के बारे लेखक ने कोई जिक्र नहीं किया है। काहनी के अंत में राज़ील के पिता की सिर्फ और सिर्फ उसके चित्र के अलावा और भी किसी चीज़ के बारे में नहीं बताया गया है। जिसके बारे में बताना मुश्किल है। Shirt ka Teesra Button Book in Hindi

Q: राधे के पिता क्या सच में नाली से सोना बीनने का काम करते थे?

Ans: नहीं! ऐसा सिर्फ राज़ील का वहां था। राधे के पिता शहर के कचहरी पर पान की दुकान चलाया करते थे। Shirt ka Teesra Button Book in Hindi

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