Siddharth

इस वेब स्टोरी में हम आपसे सिद्धार्थ की बुक समरी को साझा करेंगे।

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ब्राम्हण कूल में जन्म लेने के कारण सिद्धार्थ बचपन से पांडित्य में विश्वास रखता था।

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जिसके कारण उसका दोस्त गोविंद उस पर बहुत विश्वास और श्रद्धा रखता था।

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दोनों का लक्ष्य आत्म सात होना था।

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एक दिन आत्म-सात की खोज में दोनों घर-बार छोड़कर कर निकल पड़े।

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दोनों के कुछ दिन श्रवणों के  साथ विचरण किया।

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एक दिन श्रावस्ती में सिद्धार्थ की मुलाकात बुद्ध से हो गई।

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बुद्ध से संतुष्ट होने के बाद गोविंद वही उनके आश्रम में ठहर गया लेकिन माथे पर बहुत सारे प्रश्नों के साथ सिद्धार्थ आगे बढ़ गया।

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उसने नदी पार एक सुंदर वेश्या कमला के साथ रहने लगा।

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कमला के साथ रहने के लिए उसने कामस्वामी नाम के व्यापारी के यहाँ काम करने लगा।

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कमला के साथ 20 साल तक रह लेने के बाद एक दिन अचानक सब कुछ छोड़कर सिद्धार्थ वापस लौट गया ।