चुनिंदा गीत
भाई राहगीर, हम कौन-सी गाड़ी पर चढ़ गए।
· कभी पतझड़ नहीं आया, अभी से पत्ते झड़ गए
· भाई राहगीर, ये हम कौन सी गाड़ी पर चढ़ गए
· अभी है बाप जिंदा, बेटे बंटवारे को लड़ गए
· भाई राहगीर, ये हम कौन सी गाड़ी पर चढ़ गए
· भूखा रहकर, सबसे लड़कर, लेखक बन गया वो
· झुकने को ने कहा दुनिया ने, लेकिन तन गया वो
· सब ने कहा लिख शहद मगर उसने तेजाब लिखी
· एक नहीं दो चार नहीं, एक पूरी किताब लिखी
· ठेले पर समोसे के उसके फिर पन्ने फड़ गए
· भाई राहगीर ये हम कौन सी गाड़ी पर चढ़ गए