One of the Best of Rahgir Poetry Book in Hindi

“कैसा कुत्ता है!” राहगीर द्वारा लिखित यह कविता संग्रह और उनके द्वारा गाए कुछ गीतों की माला है। जिसे राहगीर द्वारा बड़े ही अच्छे से पिरोया गया है। ये माला देखनेमें बहुत ही खूबसूरत और पढ़ने के बाद एक सुकून देने वाली है।

Review of Rahgir Poetry Book in Hindi

कैसा कुत्ता है!” राहगीर द्वारा लिखित यह कविता संग्रह और उनके द्वारा गाए कुछ गीतों की माला है। जिसे राहगीर द्वारा बड़े ही अच्छे से पिरोया गया है। ये माला देखनेमें बहुत ही खूबसूरत और पढ़ने के बाद एक सुकून देने वाली है। आधुनिक युग में इस तरह की कविताएं और गीत को लिखना या पढ़ना अपने-आप एक महान कार्य की तरह है।

Summary of Rahgir Poetry Book in Hindi

राहगीर की इस कविता संग्रह को पढ़ते हुए मैने उनके रचना में सबसे ज़्यादा पेड़-पौधे और जानवरों को पढ़ा है, जो उनकी दास्ता को बताने के लिए काफी है। वैसे देखा जाए तो राहगीर ने सभी के बारे में व्याख्या किया है। चाहे वो पशु-पक्षी हो, पेड़-पौधे हो, घर-बार हो, या फिर समाज। कोई भी उनकी निगाहों से बचा नहीं है। जो बाद में राहगीर से मिलने पर ये शिकायत करें कि उन्हे भुला दिया है, या उनकी चर्चा नहीं हुई है।

चुनिंदा गीत  भाई राहगीर, हम कौन-सी गाड़ी पर चढ़ गए।

· कभी पतझड़ नहीं आया, अभी से पत्ते झड़ गए · भाई राहगीर, ये हम कौन सी गाड़ी पर चढ़ गए · अभी है बाप जिंदा, बेटे बंटवारे को लड़ गए · भाई राहगीर, ये हम कौन सी गाड़ी पर चढ़ गए · भूखा रहकर, सबसे लड़कर, लेखक बन गया वो · झुकने को ने कहा दुनिया ने, लेकिन तन गया वो · सब ने कहा लिख शहद मगर उसने तेजाब लिखी · एक नहीं दो चार नहीं, एक पूरी किताब लिखी · ठेले पर समोसे के उसके फिर पन्ने फड़ गए · भाई राहगीर ये हम कौन सी गाड़ी पर चढ़ गए

चुनिंदा कविता  एक कच्चा घड़ा हूँ मैं

· · एक कच्चा घड़ा हूँ मैं · फिर भी · बरसात में खड़ा हूं मैं · बुँदे बेरहम हैं · उनको ये वहम है · कि मैं टूट रहा हूं · जो मैं चीख रहा हूं · पर वह बेवकूफ है · मैं तो सीख रहा हूं · ऐसे, पहले भी लड़ा हूं मैं · एक कच्चा घड़ा हूं मैं · ये जो खिसक-खिसक के, मैं आगे जा रहा हूं · ये जो फिसल-फिसल के, मैं पीछे आ रहा हूं · ये जो सिसक-सिसक के, मैं आहें भर रहा जा रहा हूं · ये जो पिघल-पिघल के, मैं बहता जा रहा हूँ · नीचे है खाइयाँ और मैं कांप रहा हूं · पर मैं जिंदा हूं अभी, अभी हाफ रहा हूं · ऐसे, पहले भी चढ़ा हूं मैं · एक कच्चा घड़ा हूं मैं

लेखक के बारे में 

राजस्थान के सीकर में जन्में राहगीर आज एक सफल यूट्यूबर होने के साथ-साथ घुमक्ककड़ भी है। अपने घुमक्कड़ी में उन्हे जो चीजे या घटनाएं प्रभावित करती हैं, उन्हे अपने कलम से एक गीत या कविता में लिख डालते हैं और फिर अपने यूट्यूब चैनल पर डाल देते हैं, जिससे उनको चाहने वाले सुन सकें । राहगीर घुमक्कड़ी करने से पहले लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से लेक्ट्रानिक और संचार के क्षेत्र में स्नातक हासिल की है।

FAQ: 

Q: राहगीर का असली नाम क्या है? Ans: राहगीर का असली नाम सुनील कुमार गुर्जर है। राहगीर कौन से कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की है? Ans: राहगीर ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, पंजाब से इलेक्ट्रानिक और संचार के क्षेत्र में डिग्री हासिल की है।