Twelfth Night: Book Review

Twelfth Night: Book Review, Summary in hindi, Quotes, pdf download

इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपसे विलियम शेक्सपियर द्वारा लिखित Twelfth Night की Book Review के साथ-साथ Summary in hindi और Quotes के साथ-साथ pdf download भी साझा करेंगे।

Twelfth Night: Book Review

“Twelfth Night” विलियम शेक्सपियर द्वारेय लिखित यह नाटक या कहानी एक महिला प्रेम प्रधान है। जिसमें नारी की साहस, चतुराई और अपने प्रेम के प्रति समर्पित को वायोला के माध्यम से दर्शाया है तो वहीं दूसरी स्त्री को उसकी सुंदरता और लावण्य का लक्षण लिए ओलिविया को प्रदर्शित किया है।

हिन्दी भाषियों के लिए एक बड़े सौभाग्य की बात है कि इसे पढ़न एके लिए मैपल प्रेस लिमिटेड ने प्रकाशित कर अपना अहम योगदान दिया है।

विलियम शेक्सपियर ने अपनी इस नाटक में नारी को एक उच्च दर्जे का प्रेमी और आत्मसमर्पण का एक ऊंचा दर्जा दिया है। जिस पर इस नाटक की सारी महिला पात्रों ने अपना अहम दर्जा हासिल किया है। जिसकी सराहना कारी चाहिए।

शेक्सपियर ने जो चित्र स्त्री-जाति का खींचा है, वह वस्तुतः हर एक काल और हर एक देश की स्त्रियों में संघटित हो सकता है। अधिकतर स्त्रियाँ-पुरुषों को बहकाने वाली नहीं होती, किन्तु पुरुष ही स्त्रियों को बहलाते हैं। वे अपने सरल स्वभाव के कारण पुरुषों पर विश्वास कर लेती हैं। पुरुष स्त्रियों को सुधारने वाले नहीं हैं किन्तु स्त्रियाँ पुरुषों को न केवल सदाचारी ही बनाती हैं और कष्ट के समय में उनको शांति देती हैं।

शेक्सपियर की Twelfth Night बहुत ही रोचक मनोरंजक है। नाटक का रूप एक सरलतम है लेकिन उसका गुथा जाना इयतना कठिन है कि एक बार को तो भूलणा पड़ता है कि कौन-कौन है, फिर धीरे से एक कड़ी मिलती है और सुलझाने लगता है। मुझे यह नाटक तो बहुत अच्छी लगी, उम्मीद है आपको भी यह जरूर मोहित करेगी।  

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Twelfth Night: Summary in hindi

मिसेलिन नगर में दो बहन-भाई थे जो एक साथ पैदा हुए थे और दोनों में इतनी समानता थी कि कपड़ों के अलग-अलग होने के अलावा और कोई पहचान उनमें नहीं हो सकती थी। बहन का नाम वायोला और भाई का सिवाशिचयन था।

उन दोनों का जन्म एक ही घड़ी में हुआ था और एक ही घड़ी में उनका अंत भी निकट आ पहुंचा था, क्योंकी जब वे एक जहाज पर बैठे हुए कहीं जा रहे थे, तभी तूफ़ान आया और उनका जहाज इलिरिया देश के निकट एक चट्टान से टकराकर टूट गया।

जहाज का कप्तान थोड़े से मनुष्यों को साथ लेकर एक छोटी सी नाव पर सवार होकर निकल गया, जिस पर वायोला सवार थी। और बाकि लोगों के साथ सिवाश्चियन छूट गया था। इसी कारण वक्ष वायोला बहुत दुखी थी लेकिन कप्तान ने उसे बताया कि उसने खुद को एक मस्तूल से बांध लिया और उसी के सहारे बहता-बहता कहीं न कही किसी किनारे तक पहुँच जाएगा।

वायोला को अपने भाई से बिछड़ने का दुख तो था लेकिन उसके जीवित रहने की बात को जान कर उसके मन में एक संतोष का भाव भी पैदा हुआ। अकेली होने के कारण उसने अपनी आगे का जीवन यापन करने के लिए कप्तान से बात करनी शुरू की। जो वायोला को इस देश के राजा आर्सिनो के बार में बताता है।

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वायोला ने यह नाम अपने पिता से सुन रखा था, जब वो कुवारा था। कप्तान बात को आगे बढ़ाते हुए कहता है कि व अब भी कुवारा हैं। लेकिन उसका दिल एक सुंदरी पर आआ गया है। उसका नाम ओलिविया है।

वायोला के और पूछने पर कप्तान ओलिविया के बारे में कहता है कि वह एक गुणी कन्या है। उसका पिता एक प्रतिष्ठित पुरुष था, जिसको मारे आज बारह महीने हो चुके हैं, वह मरने से पहले एक लड़के को छोड़ गया था, जिसकी देख-रेख ओलिविया किया करती थी। लेकिन कुछ दिनों बाद वह भी मर गया, जिससे ओलिविया इतनी दुखी हो गई कि वह किसी से मिलती-जुलती नहीं है।Twelfth Night

कप्तान से ओलिविया की दुख भरी बातें सुनकर वह उसकी सेविका बनने की इच्छा प्रकट करती है। लेकिन ओलिविया किसी से मिलती नहीं है अतः कप्तान उसे राजा का सेवक बनने का प्रस्ताव देता है, जिसे वह स्वीकार करती है।Twelfth Night

वायोला की दुखभरी बातें सुनकर उस पर दया करते हुए कप्तान भरपूर साथ देता है। वायोला कप्तान से कहकर अपने लिए सिवाश्चियन की तरह ही पोशाक बनवाती है। और कप्तान उसका नाम बदलकर सीसारियो रख देता है। दोनों आर्सियों के दरबार में पहुचते हैं, आर्सिनो इस नौकर के रूप, गुण तथा अच्छी बातों से प्रभावित होकर उसे अपने सेवक बनाने में को परेशानी नहीं हुई।

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राजा सिसारियो को इतना पसंद करता था कि वह उसे एक मिनट के लिए भी कहीं दूर नहीं होने देता था। राजा अपने आंतरिक मामले भी उसके साथ साझा करता था। यहाँ तक कि अपने और ओलिविया के बीच उमड़े प्रेम संबंध को भी। चुकि सिसारियो एक स्त्री थी, वह राजा के मुख से जो भी प्रेम रस ओलिविया के लिए सुनती थी, उसे सुन कर उसके मन में राजा के प्रति प्रेम जागृत होने लगा।

सीसारियो से जब नहीं रहा गया, तब उसने बड़ी ही चतुराई से घुमा-फिराकर अपने दिल की बात कह दी। ये अभी हो ही रही थी कि एक दूत आया राजा से कहा कि महाराज ओलिविया अपने कक्ष में किसी को प्रवेश ही नहीं दे रही। जिससे राजा रुष्ट हो जाता है।

कुछ देर बाद उसकी मूर्छा खुलती है और वह सीसारियो के रूप और चतुराई से इतना मोहित होता है कि वह इसबार उसे ही अपना प्रेम दूत बनाकर भेजता है। सीसारियो न चाहते हुए भी एक राजा का सेवक होने के नाते वह अपने काम को ईमानदारी से निभाते हुए ओलिविया के कक्ष तक पहुचती है।

ओलिविया का दूत सिसरियो को अंदर जाने से मना करता है लेकिन फिर भी सिसरियो अपने चतुराई से ओलिविया के कक्ष में पहुँच ही जाती है। ओलिविया भी उसके साहस को देख बहुत ही प्रभावित होती है। जिसके बाद सीसारियो अपने राजा के प्रेम भाव को प्रकट करती है। उसके भाव को सुनकर ओलिविया का दिल सीसारियो पर आ जाता है और वह राजा को मना कर देती है।

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एक दिन जब सीसारियो ओलिविया के कक्ष से अपने राज्य को जा रहा होता है कि रास्ते में उसके ऊपर लाठी से  हमला होता है, इससे पहले कि सिसरियो कुछ कहती एक सज्जन उसकी मदद को आगे आ जाते हैं। सीसारियो अभी उसे धन्यवाद देती, राज्य के सैनिक उसे पकड़ लेते हैं।

 वह सज्जन उससे कहता है कि यह सब उसी के वजह से हो रहा है। जाते-जाते वह उससे अपने दिए हुए पैसे की मांग करता है। सीसारियो को कुछ समझ में ही नहीं आता। और तो और  बार-बार उसके भाई का नाम भी लेता जाता है।

जिससे सीसारियो को यह अनुमान लगता है कि उसका भाई सिवाश्चियन अभी जीवित है। जिससे उसके दिल को बहुत ही तसल्ली मिलती है।

बात कुछ इस तरह है कि सिवाश्चियन जब मस्तूल से बंधा हुआ समुद्र में बहा जा रहा था, तब बहुत थक गया था और उसमें तैरने की शक्ति नहीं बच थी, तभी ईश्वर ने दया कि और वहाँ पर एक जहाज आ गया। उस जहाज वाले ने जिसका नाम एंटोनियों था, सिवाश्चियन को समुद्र से निकाल लिया। जिसके बाद दोनों खुशी-खुशी रहने लगे।

जब सिवाश्चियन ने इलिरिया की सैर करने का इरादा किया, तो वह अपने मित्र से दूर रह न सका। हालांकि वह जानता था कि इलिरिया पहुंचते ही पकड़ा जाएगा। क्योंकी उसने यहाँ के राजा के भतीजा की हत्या की थी। अतः वह पकड़ा गया। अपने दोस्त को पकड़े जाने के डर से सिवाश्चियन छुपने के लिए ओलिविया के महल में जा पहुंचा।

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जब ओलिविया से सीसारियो रूपी सिवाश्चियन से मिल कर बहुत खुश हुई, वह अपने को अपने प्यार के इजहार करने से रोक नहीं सकी और उससे तुरंत शादी का प्रस्ताव रख दिया। जिसे मौका देख सिवाश्चियन ने शादी के लिए हाँ कर दिया।

जब ये बात राजा को पता चला तो उसने अपना क्रोध व्यक्त किया। तब तक सीसारियो उसके सामने प्रकट हो गया। बात और बढ़ गई। ओलिविया और सिवायश्चियन की जिस साधु ने शादी करआई थी, उसने भी अपना अवयान दे दिया। ओलिविया भी सामने आई। राज्य में जांच-पड़ताल करने के बाद वायोला ने अपना रहस्य से पर्दा उठाया और तब सबको दोनों के बारे में पता चला।

दोनों भाई-बहन एक-दूसरे को देख कर बहुत खुश हुए। राज्य ने भी भी वायोला की स्त्री रूप देखा तो वह उस पर मोहित हो गया, जिसके बाद दोनों ने शादी कर ली। ओलिविया जो सीसारियो को एक मर्द रूप देख चुकि थी, और उससे काफी प्रभावित हुई थी, उसने भी वायोला के भाई को अपने साथ रख लिया।        

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कुछ अच्छे और महत्वपूर्ण अंश-

जब वायोला अगली बार ओलिविया के पास गई, तब अंदर जाने में पहली बार की तरह कष्ट नहीं हुआ। यदि कोई युवती किसी युवक से बातचित करना चाहती है, तो उसके नौकर भी तुरंत ताड़ जाते हैं। इसलिए जैसे ही वायोला दरवाजे पर पहुंची, नौकर बहुत आदर के साथ उसे ओलिविया के कमरे में ले गए।

वायोला ने कहा कि मैं फिर अपने स्वामी का संदेश लेकर ओलिविया ने उत्तर दिया- मुझसे राजा के बारे में कभी कुछ मत कहना। हाँ, यदि कुछ और कहना चाहो या किसी और का प्रेम-संदेश लाए हो तो कह सकते हो।

यही नहीं, बल्कि ओलिविया ने साफ-साफ कह दिया कि वह उसे चाहती है और उससे विवाह करना चाहती है। वायोबा, जिसको ओलिविया ने पुरुष समझा था, वास्तव में स्त्री थी। इसलिए जब वह इस प्रेम के बारे में सुनकर नाराज हो गई, तब ओलिविया कहने लगी-देखो! तुम्हारा गुस्सा भी कितना प्यारा लगता है।

सीसारियो, वसंत के फूलों की कसं! मुझे तुमसे प्रेम है और मुझे समझ नहीं आ रही कि किस प्रकार इस भाव को प्रदर्शित करूँ।

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पात्रों का चरित्र-चित्रण-

वायोला-

वायोला एक अत्यंत मृदु स्वभाव की चतुर, साहसी और विदुषी नारी है। जो राजा की प्रेम भरी बातें सुनकर कर उसके मन में भी प्रेम की ज्वाला धधकने लगती है। वह साफ तौर कर

ओलिविया-

ओलिविया अत्यंत सुंदर स्वरूप और लावण्य रूप किसी के मन को मोहने वाला है। उसका विशाल माथा है, अपूर्व होंठ हैं। उसके तीखे कटाक्ष हैं। ऐसा लगता है जैसे परमात्मा ने उसके शरीर को खुद रचा है। उसका दिल भी अति कोमल है। लेकिन वह जल्दी किसी से प्रभावित नहीं होती है। उसके अंदर भी प्रेम के प्रति समर्पण का भाव है। लेकिन वह अपनी मान-मर्यादा को जानती है। वह एक स्वाभिमानी नारी है।  

Twelfth Night: Quotes

यदि कोई युवती किसी युवक से बातचीत करना चाहती है, तो उसके नौकर भी तुरंत ताड़ जाते हैं।

Twelfth Night

प्रेम की डोर में बंधा हुआ मनुष्य उससे मुक्त नहीं हो सकता।

Twelfth Night

युवती कुमारियों के लिए युवक राजाओं के प्रेम की बात सुनना अच्छा नहीं होता।

Twelfth Night

FAQ

Q ट्वेल्थ नाइट का लेखक कौन है?

विलियम शेक्सपियर जैसे महान नाटक ही ट्वेल्थ नाइट का लेखक हो सकता है।  

Q ओलिविया कौन थी?

ओलिविया इलिविया की एक रूपवान स्त्री थी, जिससे इलिविया का राजा आर्सिनो प्रेम करता था।

Q वायोला कौन थी?

वायोला बहुत ही चतुर, बुद्धिमान और रूपवान आर्सिनो राज्य के राजा की सेविका थी। जिसने अपना रूप बदलकर सीसारियो के भेष में रहा करती थी।   

Q वायोला के भाई का नाम क्या था?

वायोला के भाई का नाम सिवाश्चियन था। जो तूफ़ान से जहाज टकारकर टूटने के बाद अपनी बहन से बिछड़ गया था।  

Q सिवाश्चियन को डूबने से किसने बचाया था?   

सिवाश्चियन को एंटोनियो नाम के एक व्यक्ति ने बचाया।  

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