The Greatest Salesman in the World Rules in Hindi. यह किताब ऑग मंडिनो द्वारा लिखित है। जिसकी दुनिया भर में छत्तीस करोड़ प्रतियां बिक चुकी हैं। पैथ्रोस द्वारा दिए गए एक चोगे को जब हाफिद बेचने में नाकाम साबित होता है और उस चोगे को दान कर वापस अपने शहर जेरूसलम को खाली हाथ लौट आता है। जिसका पीछा एक चमकता सितारा करता है। अपने तंबू से बाहर निकलने पर पैथ्रोस उस चमकते सितारा को देख लेता है। जिसे हाफिद के प्रति एक अच्छा प्रतीक माँकर उसे अपने पास रखे चमड़े के पत्रों पर लिखे उन दस युक्तियों को बताता है। जिसे हाफिद को उसकी बेहद जरूरत होती है।
पैथ्रोस द्वारा बताए गए उन सभी दस युक्तियों को बड़े ही ध्यान से सुनने के बाद हाफिद अपने जीवन में एक-2 सभी नियमों को लागू कर एक दिन दुनिया का महान सेल्समैन बन जाता है।
पैथ्रोस और हाफिद की कहानी बहुत ही रोचक और प्रेरित करने वाली है। अगर आपने उस कहानी को नहीं पढ़ा है तो आप पहले उस कहानी से अवगत हो जाइए ताकि आप इस नियम को ज्यादा लगन के साथ तत्पर होकर पढ़ सके और जानकारी हासिल कर सके।
Table of Contents
पहला:आज मै एक नई ज़िंदगी शुरू कर रहा हूँ।
- आज मैं अपनी पुरानी चमड़ी उतार रहा हूँ जिसने न जाने कब से नाकामियों और मामूलीपन के घाव सहे हैं।
- आज मेरा नया जन्म हुआ है और मेरा जन्मस्थान अंगूरों का बगीचा है जिसमे सबके लिए फल है।
- आज मैं अंगूर के बगीचे से सबसे ऊंची और सबसे भारी हुई बेल से ज्ञान के अंगूर तोड़ूँगा क्योंकि इन पौधों को मेरे पेशे के सबसे विद्वान लोगों ने लगाया था जो मुझे पहले पीढ़ी डर पीढ़ी आते रहे हैं।
- आज मैं इन बेलों के अंगूरों का स्वाद चखूँगा और मैं यकीन के साथ हर अंगूर के अंदर छिपे कामयाबी का बीज निगलूँगा और मेरे अंदर एक नयी ज़िंदगी का अंकुर फूटेगा।
- जो पेशेवर ज़िंदगी मैने चुनी है वो अवसरों से भारी है, लेकिन साथ ही यह दिल टूटने और हताशा से भारी है, जो लोग नाकाम हुए हैं अगर उनकी लाशों को एक के ऊपर एक रखा जाए तो उसका साया पृथवि के सभी पिरामिडों को धनक् देगा।
- लेकिन दूसरों की तरह मैं नाकाम नहीं होऊँगा, क्योंकि इस वक्त मेरे हाथों में वो नक्शा है जो मुझे खतरनाक भंवर से तट तक ले जाने में मेरा मार्गदर्शन करेगा, वो तट कल तक मेरे लिए एक सपने की तरह था।
दूसरा: मैं अपने दिल में इस दिन का स्वागत प्रेम के साथ करूंगा।
- क्योंकि सभी कार्यों में कामयाबी का यही सबसे बड़ा रहस्य है। मांसपेशी एक ढाल को चीर सकती है, यहाँ तक जान भी ले सकती है, लेकिन सिर्फ प्रेम की अनदेखी ताकत ही आदमियों का दिल खोल सकती है, और जब तक मैं इस कला पर महारत हासिल नहीं कर लेता, तब तक मैं बाज़ार मे बस एक फेरीवाला ही रहूँगा। मैं प्रेम को अपना सबसे बड़ा हथियार और मैं जिस किसी के पास जाऊंगा वो इसकी ताकत के आगे टिक नहीं पाएगा।
- वो मेरे तर्क का भले ही विरोध कर लें; मेरी बात पर वो भले ही संदेह करे; मेरी बात पर वो भले ही संदेह करे; नेरे कपड़ों को भले ही नापसंद करे; मेरे चेहरे को वो भले ही असीकार कर दे; हो सकता है वो मेरे सौदे पर भी शक करे; लेकिन मेरा प्रेम सबके दिलों को पिघला देगा, ठीक उसी तरह जैसे सूरज की किरणे ठंडी मिट्टी को भी नरम बना देती है।
- मैं प्रकाश से प्रेम करूंगा कीकी वो मुझे रास्ता दिखाता है; लेकिन अधियारे से भी प्रेम करूंगा वो मुझे तारे दिखाता है। मैं आनंद का स्वागत करूंगा क्योंकि वो मेरे दिल को फैलाता है; लेकिन उदासी को सहूँगा कीकी वो मेरी आत्मा को खोलता है। मैं पुरस्कार को स्वीकार करूंगा कीकी मैं उसके उत्सुक हूँ; लेकिन रुकावटों का स्वागत करूंगा कीकी वो मेरी चुनौती है।
- मैं महत्वाकांक्षी लोगों से प्रेम करूंगा कीकी वो मुझे प्रेरणा दे सकते हैं। मैं नाकामियों से प्रेम करूंगा कीकी वो मुझे सीखा सकते हैं। मैं बादशाहों से प्रेम करूंगा क्योंकि आखिरकार वे भी इंसान ही हैं। मैं मासूम लोगों से प्यार करूंगा कीकी वे पवित्र हैं। मैं अमीरों से प्रेम करूंगा क्योंकि वे अंदर से तनहा हैं; मैं गरीबों से प्रेम करूंगा क्योंकि वे बेशुमार हैं। मैं नौजवानों से प्रेम करूंगा कीकी उनमे विश्वाश है; मैं वृद्धों से प्रेम करूंगा कीकी उनके अंदर ज्ञान है।
तीसरा:कामयाबी मिलने तक मैं डटा रहूँगा।
- पूर्वी देश मे नौजवान बैलों को एक खास अंदाज में अखाड़े मे लड़ने के लिए आजमाया जाता है। हर बैल को गोल अखाड़े मे लाया जाता है। और उसपर एक मारुत अपना बरछा चुभोता है। हर बैल की बहादुरी का दर्जा इस बात पर निर्भर करता है कि वह कितनी बार बरछे के दर्द के बावजूद हमला करने की तत्परता दिखाता है। हर रोज मैं यह समझूँगा कि मुझे भी ज़िंदगी में इसी तरह आजमाया जा रहा है। अगर मैं डटा रहूँ, अगर मैं कोशिश करना जारी रखू, मैं कामयाब हो जाऊंगा।
- ज़िंदगी के इनाम हर सफर के अंत में मिलते हैं, शुरुआत के नज़दीक नहीं; और मुझे अपनी मंजिल तक पहुचने के लिए यह नहीं बताया गया कि मुझे कितने कदम उठाने होंगे, हो सकता है हजारवें कदम पर मुझे नाकामी मिले, लेकिन इसके बावजूद कामयाबी सड़क के अगले मोड पर छिपी होती है। मोड आने तक मैं यह नहीं जान पाऊँगा की वो कितनी नज़दीक है।
- आज के बाद अपनी हर रोज की कोशिश को मैं एक शक्तिशाली बलूत पेड़ पर कुल्हाड़ी की मार की तरह समझूँगा । हो सकता है पहली मार का तने पर कोई असर न हो, न दूसरी का, न तीसरी का। हो सकता है हर मार छोटी हो, और ऐसा लगे की किसी काम की नहीं है। लेकिन कमजोर मार के बावजूद आखिरकार बलूत को गिरना होगा। इसी तरह मेरी आज की कोशिश होंगी।
- हार की बात पर मैं ध्यान नहीं दूंगा और मैं अपनी शब्दावली से छोड़ना, नहीं कर सकता, असमर्थ, असंभव, सवाल ही नहीं उठता, विचार से परे, नाकामी, असाध्य, नाउम्मीद, पीछे हटना जैसे शब्द निकाल दूंगा; क्योंकि यह बेवकूफों के शब्द हैं। मैं निराशा से बचूँगा लेकिन अगर मुझे दिमाग का यह रोग लग जाए तो मैं निराशा में काम करूंगा। मैं मेहनत करूंगा और दृढ़ रहूँगा। मैं आनेवाली रुकावटों को अनदेखा करूंगा और मेरी निगाहे लक्ष्य पर रहेंगी, क्योंकि मैं जानता हूँ की जहां रेगिस्तान खत्म होता है वहाँ से हरियाली शुरू होती है।
चौथा:मैं कुदरत का सबसे बड़ा चमत्कार हूँ।
- जब से दुनिया बनी है तब से आज तक ऐसा कोई आदमी नहीं है जिसमें मेरा जैसा मन, मेरे जैसा दिल, मेरे जैसी आंखें, मेरे जैसे कान, मेरे जैसे हाथ, मेरे जैसा मुंह रहा हो। ना तो मेरे जैसा था, ना है, और ना कभी होगा। जो बिल्कुल मेरी तरह बोलेगा, चलेगा, और सोचेगा। सभी आदमी मेरे भाई हैं लेकिन फिर भी मैं उनसे अलग हूं, मैं एक अनोखा जीव हूं।
- मैं दूसरों की नकल करने की कोशिश कभी नहीं करूंगा। बजाय इसके मैं बाजार में अपना अनोखापन प्रकट करूँगा। मैं इसे प्रमाणित करूंगा,जी हां, मैं इसे बेचूँगा। अब मैं अपने मतभेदों को स्वीकार करूँगा; अपनी समानता को छिपाऊँगा। इस सिद्धांत को मैं अपने बेचने वाले वस्तु पर भी लागू करूंगा । सेल्समैन और वस्तु, बाकी सभी के अलग, जिसे इस अंतर पर नाज है।
- मैं मानव जाति, स्वयं को और अपने बेचे जाने वाले माल के बारे में और ज्यादा समझने की कोशिश करूंगा, इस तरह मेरे बिक्री में बढ़ोतरी होगी । अपनी माल बेचने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अल्फाजों का अभ्यास करूंगा, मैं सुधार लूंगा और बेहतर बना लूंगा, क्योंकि वही मेरा आधार है जिसके ऊपर मैं अपना कैरियर बना लूंगा, और यह कभी नहीं भूलूंगा कि मुझसे पहले कई लोगों ने बेहतर ढंग से कही गई बात से अपार धन राशि अपने कामयाबी में हासिल की है । साथ ही मैं अपने आचरण को सुधारने का सतत प्रयास करूंगा क्योंकि यह वह शक्कर है जिसके पास सभी आकर्षित होते हैं।
- मैं अपनी उर्जा को इस पल की चुनौती पर केंद्रित करूंगा और मेरी क्रिया बाकी सभी चीजों को भुलाने में मदद करेगी । मेरी घरेलू समस्याएं मेरे घर में ही रह जाएंगे। जब मैं बाजार में रहूंगा, तब मैं अपने परिवार के बारे में नहीं सोचुँगा क्योंकि वह मेरे विचारों को प्रभावित करेंगे । इसी तरह मार्केट की समस्याएं बाजार में ही छूट जाएंगी और घर के अंदर मैं अपने पेशे के बारे में नहीं सोचुँगा क्योंकि इससे मेरा प्रेम कम हो जाएगा । बाजार में मेरे परिवार के लिए कोई जगह नहीं है। ना ही मेरे घर में बाजार के लिए कोई जगह है। मैं दोनों को एक दूसरे से दूर रख लूंगा और इस तरह दोनों के प्रति वफादार रहूंगा। उन्हें अलग रहना ही होगा वरना मेरा कैरियर खत्म हो जाएगा । यह सदियों का विरोधाभास है।
पाँचवा:मैं आज का दिन इस तरह जियूँगा मानो यह मेरा आखिरी हो।
- क्या गया वक्त कभी लौट कर आ सकता है? क्या सूरज वहां उगेगा जहां अस्त हुआ था और वहां अब तो होगा जहां उगा था? क्या मैं कल की गलतियों को फिर से जी कर उन्हें ठीक कर सकता हूं? क्या मैं कल के घावों को वापस बुलाकर उन्हें ठीक कर सकता हूं? क्या मैं कल से जवान बन सकता हूं? क्या मैं बुरा शब्दों को वापस ले सकता हूं जो मैंने बोले थे, जो मुक्के मैंने मारे थे, वह दर्द जो मैंने दिया था, नहीं। कल को हमेशा के लिए दफना दिया गया है और मैं उसके बारे में कभी नहीं सोचूँगा।
- मेरे पास बस यही दिन है और यह घंटे मेरे लिए अनंत काल है। मैं आनंद के साथ चिल्लाकर इस सूर्यास्त का स्वागत करूंगा, मानो एक कैदी को प्राण दंड से मुक्ति मिल गई हो। मैं एक नए दिन के इस बहुमूल्य उपहार का बाहें फैला का धन्यवाद करता हूं। साथ ही मैं कृतज्ञता से उन लोगों के बारे में सोचूंगा जिन्होंने कल के सूर्योदय को धन्यवाद किया था और जो आज जीवित नहीं है । मैं सच में सौभाग्यशाली हूं और आज का दिन मेरे लिए एक परितोषिक की तरह है, जिसके लिए मैं अयोग्य हूं, मुझे यह अतिरिक्त दिन जीने की अनुमति क्यों दी गई जबकि मुझसे कहीं ज्यादा बेहतर लोग इस दुनिया में नहीं रहे? क्या इसकी वजह है कि उन्होंने अपना लक्ष्य पा लिया और मुझे अभी अपना लक्ष्य पाना है? क्या मेरे लिए यह एक और अवसर है कि मैं उस पद पर पहुंचूँ, जहां मुझे पहुंचना है? क्या कुदरत में एक उद्देश्य है? श्रेष्ठ बनने के लिए क्या यह मेरा दिन है?
- मेरे पास उसके कहीं जिंदगी है और जिंदगी कुछ और नहीं बल्कि समय का माप है। जब मैं 1 दिन बर्बाद करता हूं तब दूसरे को खत्म करता हूं। अगर मैं आज का दिन भर बात करता हूं तो मैं अपनी जिंदगी का आखरी पृष्ठ नष्ट करता हूं। इसलिए आज के दिन के हर पल को मैं भरपूर जाऊंगा क्योंकि वह कभी लौटकर नहीं आएगा।
- समय के हत्यारों से बचने के लिए मैं अपनी पूरी ताकत लगा दूंगा। टाल-मटोल करने को मैं अपने कर्म से नष्ट करूंगा; संदेह को मैं विश्वास के नीचे दफन करूंगा; भय को मैं आत्मविश्वास से भी विखंडित करूंगा । जहां कहीं भी आलसी लोग हैं मैं उनकी नहीं सुनूंगा; जहां कहीं भी आलसी लोग हैं मैं वहां से हट जाऊंगा; जहां कहीं भी आलसी लोग हैं मैं उनसे नहीं मिलूंगा; आज मैं यह जान गया हूं कि आलस्य का मतलब है उन लोगों को भोजन कपड़े और गर्माहट से वंचित रखना जिन से मैं प्यार करता हूं। मेरे दिल में प्यार है और आज मेरा प्यार और मेरी महानता को साबित करने का आखरी दिन है।
छठा:आज मैं अपनी भावनाओं को काबू में रखूँगा।
- लहरें आती हैं; लहरें जाती हैं। सर्दियां जाती हैं और गर्मियां आती हैं। गर्मी कम होती है और सर्दी पड़ती है। सूर्योदय होता है सूर्यास्त होता है। पूर्णिमा आती हैं अमावस जाती है। पक्षी आते हैं; पक्षी जाते हैं। फूल खिलते हैं; फूल मुरझाते हैं । बीज बोए जाते हैं; फसल काटी जाती है। प्रकृति मनोदशा का चक्र है और मैं भी प्रकृति का हिस्सा हूं और प्रकृति की तरह मेरी मनोदशा प्रबल होगी; मेरी मनोदशा कमजोर होगी।
- हर दिन जागने पर मैं इस युद्ध नीति का पालन करूंगा, इससे पहले की उदासी, आत्म दया और नाकामी की ताकतें मुझ पर हावी हो जाएं-
- अगर मैं विषाद महसूस करता हूं, तो मैं गाऊंगा।
- अगर मैं उदासी महसूस करता हूं, तो मैं हसूंगा।
- अगर मैं बीमार महसूस करता हूं, तो मैं मेहनत दुगुनी कर दूंगा।
- अगर मैं भय महसूस करता हूं, तो मैं आगे छलांग लगाऊंगा ।
- अगर मैं हीनता महसूस करता हूं, तो मैं नए कपड़े पहनूँगा ।
- अगर मैं अनिश्चित महसूस करता हूं, तो मैं अपनी आवाज ऊंची करूंगा।
- अगर मैं गरीबी महसूस करता हूं, तो मैं आने वाले धन के बारे में सोचूँगा।
- अगर मैं योग्य महसूस करता हूं, तो मैं पिछली कामयाबी याद करूंगा।
- अगर मैं तुच्छ महसूस करता हूं, तो मैं अपने लक्ष्यों को याद करूंगा
सातवाँ:मैं दुनिया पर हसूँगा।
- इंसान के अलावा और कोई जिंदा प्राणी हंस नहीं सकता। हो सकता है जख्मी होने पर पेड़ रोए, और मैदानों में जानवर दर्द और भूख से कराह सकते हैं, लेकिन सिर्फ मेरे पास हंसी का उपहार है और मैं उसे जब चाहे इस्तेमाल कर सकता हूं। आज के बाद मैं हंसने की आदत डालूंगा।
- मैं मुस्कुरा लूंगा और मेरी पाचन शक्ति सुधरेगी; मैं मुंह बंद करके हसूँगा और मेरा बोझ कम हो जाएगा; मैं हसूँगा और मेरी ज़िंदगी बढ़ जाएगी क्योंकि यह एक लंबी उम्र का रहस्य है और यह मेरा है।
- मैं हंसी के साथ आज के दिन को चित्रित करूंगा; मैं गाने के साथ आज की रात को बांध लूंगा। मैं खुशी के लिए मेहनत नहीं करूंगा; बल्कि उदास रहने की जगह मैं बेहद व्यस्त रहूंगा। मैं आज की खुशी का आनंद आज ही लूंगा । वह कोई अनाज का दाना नहीं जिसे बक्से में रखा जा सकता है। वह कोई मदिरा नहीं जिसे मर्तबान में रखा जाए। उसे कल के लिए बचा कर नहीं रखा जा सकता। उसे उसी दिन बो कर काटा जाना है और यह मैं आज के बाद करूंगा ।
- आज के बाद मैं सिर्फ पसीने के आँसू बहाऊँगा, क्योंकि मार्केट में उदासी पछतावा या निराशा के आंसुओं की कोई कीमत नहीं होती । जबकि हर मुस्कुराहट के बदले सोना मिल सकता है और दिल से बोला गया मेहरबानी का हर शब्द एक किला बना सकता है। मैं भी खुद को इतना अहम, इतना विद्वान, इतना गौरवशाली, इतना ताकतवर नहीं बनाऊंगा कि मैं खुद पर और दुनिया पर हंसना भूल जाऊं। इस मामले में मैं हमेशा एक बच्चे की तरह रहूंगा क्योंकि सिर्फ एक बच्चे के नाते ही मुझमें दूसरे का आदर करने की योग्यता है; और जब तक मैं दूसरे का आदर करूंगा, मैं अपनी चादर के बाहर पैर नहीं फैलाऊँगा।
आठवाँ:आज मैं अपने मूल्यों को सौ गुना बढ़ाऊँगा।
- जब शहतूत के पत्ते पर प्रतिभाशाली आदमी का स्पर्श लगता है तो वह रेशम बन जाता है। खेत की मिट्टी पर जब प्रतिभाशाली आदमी का स्पर्श लगता है तो वह एक किला बन जाता है। साइप्रस के पेड़ पर जब प्रतिभाशाली आदमी का स्पर्श लगता है तो वह एक पूर्ण स्थल बन जाता है। भेड़ के बाल पर जब प्रतिभाशाली आदमी का स्पर्श लगता है तो वह सम्राट का परिधान बन जाता है। और यह पत्तियों, मिट्टी और लकड़ी और बाल के लिए अपनी कीमत को 100 गुना या हजारों गुना बढ़ाना मुमकिन है, तो क्या वही काम मैं नहीं कर सकता जो मिट्टी का बना है?
- मैं गेहूं के एक दाने की तरह हूं जिसका सामना तीन में से एक भविष्य से होता है। यह बोरे में भरकर गोदाम में रखा जा सकता है जब तक कि उसे जानवर को खाने के लिए नहीं दिया जाता । या फिर उसका आटा पीसकर रोटी बनाई जा सकती है या फिर उसे जमीन में बोया जा सकता है और एक दिन उस एक बीज से हजारों दाने पैदा हो सकते हैं।
- मैं अनाज के एक दाने की तरह हूं, फर्क एक ही है। गेहूं का दाना यह फैसला नहीं ले सकता है कि उसे किसी जानवर को दिया जाए या पीसकर रोटी बनाई जाए या बो कर कई गुना बढ़ाया जाए। मैं चुनाव कर सकता हूं और मैं अपनी जिंदगी को किसी जानवर का खाना बनाने की इजाजत नहीं दूंगा ना ही मैं नाकामी और निराशा के पत्थर में उसे पीसने दूंगा ताकि बाकी लोग खा सकें।
- अपने ऊंचे लक्ष्यों से मैं नहीं डरूँगा, हालांकि उन्हें पाने से पहले कई बार ठोकर खाकर गिरूँगा। गिरने के बाद मैं फिर से उठूँगा और मैं उसकी चिंता नहीं करूंगा क्योंकि लक्ष्य पाने से पहले गिरना जरूरी है। सिर्फ एक कीड़ा ही है जिसे ठोकर खाकर गिरने का फिक्र नहीं होता। मैं कोई कीड़ा नहीं हूं । दूसरे भले ही अपनी मिट्टी से गुफा बना ले अपनी मिट्टी से मैं एक किला बनाऊंगा।
नौवां:अब मैं कर्म करूंगा।
- जिस टाल-मटोल की वजह से मैं पीछे रह गया था उसकी वजह थी भय। और अब उन सभी निर्भय दिलों को देखकर मैंने इस रहस्यमय मन को पहचान लिया है। अब मैं जान गया हूं कि भय को पराजित करने के लिए मुझे बिना हिचकिचाहट के कर्म करना होगा और मेरे दिल की घबराहट खत्म हो जाएगी।
- मैं आज का काम कल पर नहीं छोडूंगा क्योंकि मैं जान गया हूं कि कल कभी नहीं आता। मैं अब कर्म करूंगा, मेरे कर्म भले ही खुशियां या कामयाबियाँ ना लाएं क्योंकि कर्म करके नाकाम होना बिना कर्म किए छटपटाने से कहीं बेहतर है। वास्तव में खुशियां मेरे कर्म से तोड़े गए फल भले ही न हो, फिर भी कर्म के बगैर सभी फल पेड़ पर ही मर जाएंगे।
- आज के बाद मैं इन शब्दों को बार-बार दोहराऊँगा, हर घंटे, हर रोज, हर दिन। जब तक कि यह शब्द मेरी सांस की तरह मेरी आदत नहीं बन जाते। और आने वाले कर्म मेरे पलक झपकने की तरह स्वभाविक नहीं बन जाते। इन शब्दों के साथ मैं अपने मन को हर उस कर्म को करने के लिए प्रतिबंधित करूंगा, जो मेरी कामयाबी के लिए जरूरी होगा। इन शब्दों के साथ मैं अपने मन को हर उस चुनौती के लिए प्रतिबंधित कर पाऊंगा, जिनसे नाकामी बचा सकती थी।
- बाजार में सिर्फ कर्म ही मेरा मूल्य तय करता है और अपने मूल्य को दोगुना करने के लिए मैं दुगना कर्म करूंगा। मैं वहां जाऊंगा जहां नाकामी जाने से डरती है। मैं कर्म करूंगा जबकी नाकामी आराम करना चाहेगी। मैं बात करूंगा जब नाकामी खामोश रहेगी। जब अपना माल बेचने के लिए 10 लोगों से मिलूंगा, जब की नाकामी एक आदमी से मिलने के लिए बड़ी-बड़ी योजनाएं बना रही होगी। मैं कहूंगा काम हो गया, इससे पहले कि नाकाम कहेगी बहुत देर हो चुकी है।
दसवां:मैं भगवान को धन्यवाद करूंगा और अपने मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना करूंगा।
- मैं मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना करूंगा और मैं इस तरह एक सेल्समैन के नाते प्रार्थना करूंग।
- हे सर्व वस्तुओं के रचयिता मेरी मदद करें। क्योंकि आज मैं इस दुनिया में निर्वस्त्र और अकेला होकर निकला हूं, और मुझे रास्ता दिखाने के लिए तुम्हारे हाथ के बगैर मैं उस रास्ते से दूर भटक जाऊंगा जो मुझे कामयाबी और आनंद तक ले जाएगा।
- मैं ना तो सोना या कपड़े या मेरी योग्यता के अनुकूल अवसर की गुहार लगाता हूं; इसके बजाय मेरी मदद करें कि मुझे मेरी योग्यता के अनुकूल अवसर प्राप्त हो।
- तुमने शेर और चील को शिकार करना और अपने दांतो और पंजों से फलना फूलना सिखाया है। मुझे अपने शब्दों से शिकार करना और प्रेम से फलना फूलना सिखाओ ताकि मैं बाजार में आदमियों के बीच एक शेर और चील की तरह बन सकूँ।
- रुकावटों और नाकामियों के बीच मुझे विनम्र बने रहने में मदद करो; लेकिन मेरी आंखों से उस इनाम को मत छुपाओ जो मुझे जीत के साथ मिलने वाली है।
- मुझे वह काम दो जिसमें दूसरे नाकाम हो गए हो; लेकिन उनकी नाकामियों से कामयाबी के बीच तोड़ने में मेरी मदद करो। भय से मेरा सामना करवाओ जो मेरे जोश को मजबूत बनाएगा; लेकिन मुझे बहादुरी का दान दो ताकि अपने संदेशों पर हंस सकूं। अपने लक्ष्यों को पाने के लिए पर्याप्त समय दो; लेकिन आज का दिन जीने के लिए मेरी मदद करो मानो यह मेरा आखरी दिन हो।