The Room on The Roof

The Room on The Roof | Review and Summary of The Room on the Roof Book in Hindi by Raskin Bond pdf download

The Room on The Roof | Review and Summary of The Room on the Roof Book in Hindi by Raskin Bond pdf download. 17 साल की उम्र में रस्किन बॉन्ड की कलम से निकली एक ऐसी रचना, जिसने समाज में एक नया संदेश दिया और अपनि लेखनी को लोहा मनवाने में भी कामयाब रहे।

The Room on The Roof Review

रस्किन बॉन्ड! इस किताब पढ़ने के बाद आपको विश्वाश नहीं होगा कि इस बेहतरीन लेखक की उम्र मात्र 17 साल होंगी, जब इतनी शानदार किताब लिखी गई।  यह किताब न सिर्फ पढ़ी जाने वाली है, बल्कि अपने लिए आज़ादी की मांग करती है। एक तरफ देखा जाए तो भारत आजाद हो चुका था तो वही कुछ था, जो अभी भी बेड़ियों में जकड़ा हुआ था।उसे जब लगा कि बेड़ियाँ और जकड़ रही हैं, इससे पहले कि वो टूट जाए, उसने बगावत कि और उन बेड़ियों को तोड़ कर आजाद हो गया हमेशा के लिए…  

“दि रूम ऑन दि रुफ” यह ऐसा किताब है, जिसका पहला पन्ना अगर आपने खोल दिया तो फिर आपको आखिरी पन्ने तक बधे बधे रह जाएंगे। उसे बीच में छोड़ कर जाने की ज़हमत नहीं करेंगे। और अगर आपने ऐसा कर भी तो ये इस किताब के प्रति आपकी नाइंसाफी होंगी। ऐसी किताबें बहुत कम पढ़ने को मिलती है। जिसका पहला पन्ना पढ़ो तो लगता है कि इसके दसवें पन्ने पर क्या लिखा होगा? अब क्या होगा? और आगे क्या होगा…

इस क्लासिक छोटे उपन्यास का आज तक रिकार्ड रहा है कि कोई भी इससे बोर नहीं हुआ है। बचपन और जवानी के बीच की अल्हड़ उम्र के अनुभवों पर आधारित यह क्लासिक उपन्यास आज भी पाठकों का भरपूर मनोरंजन करता है। “अपना एक विशेष जादू है इस पुस्तक का।”

The Room on The Roof Summary

ये कहानी इंडियन-एग्लो 17 वर्षीय लड़के रस्टी की है, जो अपने माता-पिता के मरने के बाद उनके अंग्रेज दोस्त के यहाँ पला-बढ़ा है। मिस्टर हैरीसन उसकी देखभाल एक अंग्रेज की भांति करते हैं। ताकि उसमें किसी भी तरह का भारतीयता का स्वभाव ना आए। इसलिए उनके अपने कुछ सख्त नियम हैं, जिन्हे रस्टी को मानना ही पड़ता है, वरना उसकी कुटाई मिस्टर हैरीसन के कमरे के अलमिरा के पीछे रखी हरी बांस के बेत से पिछवाड़े पर होती है। जो रस्टी के लिए बहुत ही कष्टदायक है। 

एक दिन मिस्टर हैरीसन के नहीं रहने पर रस्टी घर से निकल कर भारतीय इलाके की तरफ देखने-सुनने  और घूमने के लिए निकल पड़ता है। रास्ते में उसकी मुलाकात सोमी से होती है, जो साइकिल से भारतीय इलाके के तरफ ही जा रहा होता है। रस्टी तो पहले मना करता है लेकिन बारिश के कारण और उसके बार-बार कहने पर मान जाता है। कुछ दूर और आगे चलने पर रनबीर भी उसकी साइकिल पर सवार हो जाता है।

सोमी और रनबीर रस्टी के दोस्त बनते हैं और उसे भारतीय इलाके में लगे बाज़ार में घुमाते-फिराते हैं। बाजार में उपलब्ध चाट-पकौड़े भी खिलाते हैं । रनबीर उससे कहता है कि कल को होली का त्योहार है, उसे बुलाने जरूर आएगा। उसके घर के करीब एक ढोलक बजाएगा, जिसकी मदद से वो उसे बुला सके। उसके बाद रस्टी शाम के समय अपने घर को लौट जाता है।

घर पहुचने पर पता चलता है कि मिस्टर हैरीसन पहले से ही मौजूद है, जिसकी वजह से रस्टी डर जाता है। मिस्टर हैरीसन जान जाते हैं कि रस्टी भारतीय इलाके के तरफ गया था। जिसके बाद उसे  बांस की हरी बेंत से पिछवाड़े पर ज़ोरों की मार पड़ती है। और रस्टी चुपचाप अपने कमरे में जाने के बाद तकिये से मुख दबाए रोते हुए सो जाता है।

अगली सुबह जब उसके कानों में ढोलक की आवाज पड़ती है, तो उसकी निद्रा खुल जाती है। लेकिन रस्टी डर रहा  होता है कि कहीं मिस्टर हैरीसन सुन ना ले, डर के कारण वो अपने कानों को भी बंद कर लेता है लेकिन ढोलक की आवाज निरंतर आती रहती है। आखिरकार जब उससे नहीं रहा जाता है तो कमरे की खिड़की फांद कर निकल जाता है। रनबीर के साथ भारतीय इलाके में पहुचता है। जहां बहुत सारे लोग एक साथ इकट्ठा होकर रंग के साथ खेल रहे होते हैं।

यह दृश्य रस्टी को बहुत अच्छा लगता है। और रनबीर  के साथ मिलकर रस्टी देर तक होली के मजे लाता है। उसके कपड़े भी फाड़ दिए जाते हैं। लेकिन रस्टी उसे बुरा नहीं मानता । देर रात को चेहरे पर रंग लगाए जब घर को पहुचता है तो एक बार तो मिस्टर हैरीसन पहचान ही नहीं पाते। लेकिन जब करीब आकर रस्टी को इस हालत में देखते हैं तो उनसे रहा नहीं जाता और रस्टी को टेबल पर धक्का मार देते हैं, जिससे रसती को सर पर चोट लग जाती है। रस्टी इस बार बर्दास्त नहीं करता है और मिस्टर हैरीसन से बगावत कर उसी समय घर छोड़कर उस भारतीय इलाके के तरफ भाग जाता है।

रात होने के वजह से उसे कहीं ठिकाना नहीं मिलता और पूरी रात उसे इलाके में मडराते हुए बितानी पड़ती है। अगली सुबह जब उसकी मुलाकात सोमी से होती है, सोमी ये जान कर खुश होता है कि अब से रस्टी उसके साथ रहेगा। सोमी के साथ रहते हुए रस्टी अपने लिए किसी भी तरह की काम की तलास करने को कहता है। जिससे रस्टी अपना जीवन-यापन कर सके।

अगले दिन सोमी रस्टी के लिए कपूर साहब (जो की थोड़ी ही दूरी पर नहर के करीब था)के यहाँ उनके उनके बच्चे किशन को इंग्लिश पढ़ाने की बात तय करके चला आता है। ये बात रस्टी को खुश कर देती है। लेकिन जब उसे ये पता चलता है कि उसे कोई तनख्वाह नहीं मिलेगी तो मायूस होता है , उसके चेहरे पर खुशी तुरंत वापस आ जाती है, ये जानते हुए कि उसे रहने को कमरा और खाने को खाना भी मिलेगा। रस्टी झट से स्वीकार कर लेता है।

कपूर साहब थोड़े पैसे वाले हैं। जिनका दिन सिर्फ और सिर्फ शराब पीने में जाता है।  रस्टी जब उनके यहाँ पहुचता है, तो उसकी मुलाकात मीना (जो कि कपूर साहब की खूबसूरत और जवान पत्नी हैं) से होती है। किशन रस्टी को देखकर बड़ा ही खुश होता है, उसे अपने दोस्त जैसा समझता और व्यवहार भी करता है। मीना रस्टी को किशन को अच्छे से अंग्रेजी सिखाने के लिए कहती हैं और उसके रहने के लिए छत वाले आखिरी कमरे को दिखा देती है। जिसकी खिड़की से बाहर नजारा बिल्कुल शानदार होता है।

कुछ दिनों बाद सोमी बाहर चला जाता है। रस्टी जब अपने को अकेला महसूस करता है तब उसके साथ किशन आ जाता है और दोनों एक-दूसरे को दोस्त बन कर रहने लगते हैं। उसी दौरान रस्टी को धीरे-2 मीना से प्यार हो जाता है। ये बात मीना भी स्वीकार करती है, चुकी उसकी भी मांग है, क्योंकि अपने से 20 साल बड़े कपूर साहब उसकी प्यार में अपने को मुस्तैद नहीं मानते हैं, तो मीना को रस्टी का लंबा-चौड़ा शरीर भा जाता है।

एक दिन मीना कपूर साहब को लेकर उसकी दूसरी नौकरी की इंटरव्यू के लिए शहर से बाहर लेकर जाती है, लेकिन एक्सीडेंट में मारी जाती है। कपूर साहब किशन के मौसी के घर हरिद्वार रहने लगते हैं। कुछ दिनों बाद जब हरिद्वार से मौसी के घर से किशन के लिए बुलावा आता है, अब ना चाहते हुए भी किशन को जाना पड़ता है।  

रस्टी उस कपूर साहब के मकान में अकेले रहने लगता है। जिससे वो जल्द ही घबरा जाता है और सोचता है कि क्यों ना वो यहाँ से भाग कर इंग्लैंड चला जाए। क्योंकि लौट कर अपने घर को तो जाने से रहा। रस्टी सारी जानकारी इकट्ठा कर घर को छोड़ कर निकल जाता है। लेकिन किशन से उसकी दोस्ती या यूं कह ले कि लगाव इतनी ज़्यादा हो चुकी होती है कि एक आखिरीबार उससे आखिरीबार मिलने के लिए हरिद्वार को निकल पड़ता है।

मौसी के घर पहुचने पर पता चलता है कि वो किशन के मौसी का घर नहीं बल्कि कपूर साहब से दूसरी शादी कर ली है, जबकि अभी मीना को गए महीने भर का दिन भी नहीं हुआ। ये बात रस्टी के मन को कष्ट पहुचाती है। और किशन के पूछने पर पता चलता है कि वो अब घर में उनके साथ नहीं रहता। उसने घर छोड़ दिया है और यहीं कुछ बदमाश लोगों के साथ मिलकर आए हूए श्रद्धालुयों की पॉकेट मारता है। जिसकी तलस पुलिस कर रही है।  

किशन के बारे में ऐसी बात जानने के बाद रस्टी किशन को पूरे हरिद्वार में खोजता है। जब किशन उसे मिलता है तो रस्टी उसे समझाता है और यहाँ से भाग चलने को कहता है। किशन कहता है कि वो इतनी आसानी से नहीं भाग सकता, क्योंकि हर पर उस पर नजर रखी जाती है। क्योंकि वो चोरी का माल इन्ही को देता है और वो बदले में उसे  कमीशन और संरक्षण देते हैं। जिसके वजह से पुलिस भी कुछ नहीं करती।

रस्टी किशन को समझाता है और कहता है कि तब वोभी घर छोड़ कर इंग्लैंड को जा रहा है। जिसे किशन स्वीकार नहीं करता। अगले दिन दोनों रात के समय किसी तरह छुप-छुपा कर अपने शहर को भाग निकलते हैं। दोनों कपूर साहब के पुराने मकान में शरण लेते हैं और किशन चौराहे पर दुकान लगता है। रस्टी मुहल्ले के लड़कों को इंग्लिश पढ़ाने का काम करता है।   

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कुछ अच्छे और महत्वपूर्ण अंश-

हवा पर सवार हल्की बसंती फुहार सड़क के दोनों ओर खड़े पेड़ों के बीच से होते हुए सड़क तक पहुँच रही थी। इस बारीक फुहार की वजह से हवा में एक खुशनुमा ताज़गी, मिट्टी का सोंधापन, और फूलों की महक आ गयी थी। इसी फुहार की बदौलत ही सड़क पर चले जा रहे लड़के की आँखों में मुस्कुराहट छा गयी।

हैरीसन साहब झटका खा गये। पहले तो उनके अंदर गुस्से की लहर दौड़ पड़ी, फिर पीड़ा की। ये वही लड़का है जिसे उन्होंने सिखाया-पढ़ाया है-ये जंगली सा फटीचर, एहसान-फरामोश जिसे ये तक पता नहीं कि क्या ठीक है और क्या नहीं, क्या सलीका है और क्या जंगलीपन। क्या शऊर है और क्या शर्मनाक। यानि बरसों की मेहनत बेअसर साबित हुई?

हैरीसन साहब रोशनी में आए और गुस्से में कुछ बुदबुदाते हुए हाथ बढ़ाकर रस्टी की गर्दन पीछे से पकड़ी और खिचते हुए उसे ड्राइंग रूम मे लाए। फिर उसे ऐसा ज़ोरदार धक्का दिया कि वो संभल नहीं सका और मेज से टकराते हुए औंधे मुँह फ़र्श पर गिर पड़ा।

 जो लोग सबसे देर में सोते हैं, वहीं सबसे पहले जागते हैं। भूख और तकलीफ रात को लंबा कर देती है। यही वजह है कि भिखारी और कुत्ते तारों की भी छाँव में सबसे देर तक जागते रहते हैं। भूख और तकलीफ की वजह से नींद टूट भी जाती है, इसलिए सूरज के दर्शन सबसे पहले इन्हे ही होते हैं।

एक तीखी चीख सन्नाटे को चीर गयी। एक ऐसा पुकार, जो हर तरफ से आती सुनाई दी, और उसकी गूंज ने हवा को झनझना दिया। और जैसे बिना एक पल भी सोचे रस्टी ने मीना को अपनी बाहों में घेर लिया-उसकी हिफ़ाजत के लिए या खुद को बचाने के लिए, ये उसे भी नहीं पता था- बस, कस कर पकड़े रहा।

वह मीना पर अपनी पकड़ ढीली नहीं कर पाया, और मीना ने भी खुद को उसकी पकड़ से छुड़ाने की कोई कोशिश नहीं की। उसे देखकर वह खिलखिला दी, और पलकों के साये में उसकी आंखे नाचती रही। लेकिन रस्टी ने अपने होंठों को उसके होंठों से लगाकर उसकी खिलखिलाहट का दम घोंट दिया।

चूमने का यह अजीब सा, बेशऊर सा अंदाज था, लेकिन उसमें बेहद जुनून था। और मीना ने भी साथ दिया, उसे कस कर जकड़, वैसी ही शिद्ददत से कहूं कर। दोनों एक साथ वहीं छाया में खड़े रहे, रस्टी पर खूबसूरती और मिठास का नशा छा रहा था और मीना खुलकर जीने और प्यार पाने से सुखी थी।

बेहतरीन कोट्स-

  • बाज़ार, हिंदुस्तान और ज़िंदगी, तीनों की ही शुरुआत शोर और अफ़रातफ़री से होती है।  
  • जो लोग सबसे देर में सोते हैं, वहीं सबसे पहले जागते हैं।
  • भूख और तकलीफ रात को लंबा कर देती है।
  • तुम बिना डरे जो कहना चाहते हो, कहो। अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करों, चाहे तुम गलत ही क्यों न हो।
  • खुद को गुदड़ी का लाल बताना शोहरत दिलाने करने में मददगार भी होती है।
  • जो जिंदगी में बहुत कुछ गवां चुका है, वह पुरानी बातों को या अपने खानदान की बातें याद करता है।
  • जो खुश होता है, उसी का ध्यान जाता है हर चीज़ पर।

पात्रों का चरित्र-चित्रण-

रस्टी-

उजली-सी रंगत वाले इस लड़के की आँखें नीली और कंजी और बालों का रंग भी हल्का भूरा था। रस्टी का चेहरा खुरदरा और निशानों से भरा था, औरनीचे का होंठ भरी और लटका सा था। मनमौजी, घुमक्कड़, समझदार और स्वाभिमानी के साथ-साथ विद्रोही स्वभाव का था।  

रनबीर-

रणवीर एक मध्यम परिवार में जन्मा लड़का है। जो मेहनती है। अपना समय हमेशा काम करने में बिताता है। उसके पास चाट खाने को भी समय नहीं है। उसका शरीर कुश्ती लड़ने के कारण एक पहलवान की तरह है। लेकिन वो उतना ही भोला और दयालु भी है। रणबीर का अपने मन पर पूरा काबू है। जब वन नाचने वाली से मिलता है तो अपने को किसी तरह उससे दूर कर लेता है।

मीना-

मीना की नायक और माथा देख कर ही समझ में आ जाता था कि वह किसी ऊंचे खानदान से थी। अमावस की रात से काले लंबे बाल, गजब की कद-काठी, हुस्न का जादू और हाज़िरजवाबी ये खूबियाँ थी मीना के पास और उनपर इतराते थे कपूर साहब।

किशन-

किशन अल्हड़ और आज़ाद किस्म का लड़का है। खूबसूरती अपनी पिता से और होशियारी अपने माँ से उसे विरासत में मिली है। अपने माता-पिता की  मर्जी के खिलाफ उसे बाजार मे रहना पसंद है। उसे जानवर नहीं पसंद हैं। उसके पास दया-धरम के लिए समय नहीं है। किशन को काम करना अच्छा नहीं लगता।

FAQ

Q: “दि रूम ऑन दि रुफ के लेखक कौन है?

Ans: रस्किन बॉन्ड इस किताब के लेखक है।

Q: इस किताब का जर्ने क्या है?

Ans: यह एक फिक्शन बुक है।

Q: “दि रूम ऑन दि रुफ” को लेखक ने कब लिखा गया था?

Ans: रस्किन बॉन्ड ने अपने 17 साल की उम्र में इस किताब को लिखा था।

Q: “दि रूम ऑन दि रुफ” के लेखक को साहित्य अकादमी अवॉर्ड कब मिला था?

Ans: रस्किन बॉन्ड को 1992 में साहित्य अकादमी अवार्ड मिला था।

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