Review And Summary of Losing My Religion Book in Hindi by Vishwash Mudagal pdf Download. विश्वाश मुद्गल द्वारा लिखी गई एक ऐसी किताब जिसमें रोमांच, दोस्ती, प्यार और किसी काम को करने का जुनून को बहुत ही अच्छे से दर्शाती है।
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Review And Summary of Losing My Religion Book in Hindi
Review
कुछ उपन्यास को आप पढ़ते हैं, अगर आपको अच्छे लगें, तो कुछ पल को सोचते हैं, मुसकुराते हैं। और फिर दूसरे उपन्यास की तरफ बढ़ जाते हैं। पर उसका क्या! जो आपके ज़हन में पैठ बना लेती है। “एक तूफ़ानी दास्ताँ” उनमें से एक हैं। आप पढ़ेंगे, मुस्कुराएंगे और उपन्यास खत्म होने के बाद एक किनारे रख देंगे । लेकिन यह उपन्यास इतनी आसानी से आपका साथ नहीं छोड़ेगी। और मुसकुराते हुए कम से कम एक रात आप इसके बारे में सोचेगे, ज़रूर।
“लुजिंग माई रिलीज़न” विश्वाश मुदगल द्वारा अंग्रेजी भाषा में लिखित एक फिक्शन उपन्यास है। जिसका हिन्दी अनुवाद “एक तूफ़ानी दास्ताँ” चाँदनी माथुर ने किया है। विश्वाश मुदगल अपने जीवन में घटी कुछ घटनाओं से प्रेरित होकर लिखा है। विश्वाश द्वारा लिखा गया एक ऐसा उपन्यास, जिसमें एक सच्चा प्यार, ईमानदार दोस्त और लोगों को प्रेरित करने के साथ-साथ प्रभावित करने वाली जुनून से भरा पड़ा है।
पाठक को इस किताब को पढ़ने से पहले हम थोड़ा बता दें, इस किताब में कुल 300 पेज हैं। 1-100 तक किताब में आपको जबरजस्त एडवेंचर पढ़ने को मिलेगा। जो आपकों कस के बांधे रखेगी। 101-200 तक थोड़ा लव-सब, धंधा-पानी पढ़ने को मिलेगा, जो कुछ खास नहीं है, लेकिन जैसे ही आप 200 पार करेंगे, आपको एक फिर से जबरजस्त और दिलचस्प वाक्या पढ़ने को मिलेगा, जो आपके दिलों-दिमाग पर छा जाएगा और आप पुरा 300 पढ़ कर ही दम लेंगे।
अगर आपको एक एडवेंचर, रोमांच और जुनून वाली किताब की तलास है तो ये किताब आपके लिए है। आप इसे ज़रूर पढे। लेकिन आपको एक सावधानी बरतनी होंगी कि इसके प्रिन्ट में बहुत गलतियाँ है, जिसे आपको थोड़ा ध्यान में रख कर पढ़ना होगा। बाकि सब ठीक है, आप अब आगे बढ़े ।
कहानी एक गेमर ॠषि की है जो अपने पैशन को अपना प्रोफेशन बना लेता है लेकिन उसमें फेल होने के बाद उसे छोड़ कर एक नशेड़ी अंग्रेज एलेक्स के साथ हिमांचल घूमने चला जाता है । हिमांचल से लौटते वक्त अंग्रेज एक नशे का बैग चुरा लेता है और उसे गोवा में बेच कर दोनों एक शैक खोलते हैं। जो चल पड़ता है। गोवा में ही ऋषि की मुलाकात कायरा से होती हैं। जिससे ॠषि को प्यार हो जाता है। और उसके बाद….
Summary
ॠषि ने बंगलोर में रहते हुए गेम बनाता है, जो कुछ गड़बड़ी और मार्केटिंग नहीं होने के कारण नही चल पाती है, जिसका नतीजा ये होता है कि उसे बहुत सारा लॉस बुक करना पड़ता है। उसका सारा मेहनत बर्बाद हो जाता है क्योंकि उसकी गेमिंग कंपनी डूब जाती है। जिससे चिंतित और परेशान होकर ॠषि अपना सारा काम-धंधा छोड़कर शराब के नशे में कार ड्राइव कर शहर से दूर मैसूर को निकल पड़ता है।
शराब के नशे में धुत ॠषि कावेरी नदी के किनारे लहरों की ठंडी को महसूस करते हुए कब सो गया पता ही नहीं चला। सुबह जाब आंखे खुली तो उसकी मुलाकात एक नशेड़ी अंग्रेज एलेक्स से हुई, जो भारत दर्शन के लिए अमेरिका में अपना घर-बार, काम-धंधा सब छोड़ कर आया होता है।
एलेक्स इराक में कभी न्यूज़ चैनलों के लिए फोटोग्राफी का काम किया करता था। जिसमें ना जाने कितनी बार उसने मौत का सामना किया। पर उसे एक खरोंच तक नहीं आई। माँ की मृत्यु की खबर मिलने के बाद वापस अमेरिका को चला गया और उनका अंतिम संस्कार करने के बाद भारत आ गया।
एलेक्स के जीवन में अब सिर्फ घूमना-फिरना, भारत में उपलब्ध गाँजा पीना और सस्ते सेक्स की तलास करना है। ॠषि एलेक्स के जीवन में घटी घटनाओं से बहुत प्रभावित होता है और अपना पाजेरो को बेच कर कुछ पैसों के साथ दोनों उत्तर भारत, हिमांचल के मलाना नामक गावं में पहुचते हैं। मलाना का वातावरण दोनों को बहुत प्रभावित करता है। उस गावं का एक सख्त नियम होता है कि वहाँ के लोगों को नही छूना है और वहाँ के किसी घर को नहीं छूना है। गावं के लोग अपने को एक उची जाति का मानते हैं। अगर किसी बाहरी सैलानी ने ऐसा किया तो उसे पंचायत द्वारा कड़ी सजा दी जाएगी।
ॠषि और एलेक्स जब तक होश में रहते है, गावं के नियम का सख्ती से पालन करते हैं लेकिन एक दिन एलेक्स नशे में गावं के कुल देवी मंदिर में घुस जाता है और और वहाँ की दीवारों, मूतियों को छूने के साथ-साथ दानपेटी से पैसे भी चुरा लेता है। जिसे गावं वाले देख लेते हैं और एलेक्स पकड़ा जाता है। एलेक्स के साथ-साथ ॠषि को भी पंचायत द्वारा सजा सुनाई जाती है, जिसमें दो प्रकार के सजा दिए जाने का प्रावधान होता है, एक तो दोनों को इस गावं से भगा दिया जाएगा और कभी दोबारा नहीं आने के लिए बैन कर दिया जाएगा। दूसरा ये कि दोनों को उनके शरीर से एक बड़ा सा पत्थर बांध कर पानी में फेक दिया जाएगा।
दोनों को कैद कर एक कमरे में रखा गया होता है, जो उनके ट्रैवेलर गाइड(राम सिंह) को पता होता है। रात के वक्त गावं के लोग जब गहरी निद्रा में सोये होते हैं, तब राम सिंह अपना फर्ज निभाते हुए उन्हे कमरे से निकाल कर जंगली पहाड़ों से होते हुए भगा ले जाता है। उस पहाड़ी जंगली इलाके से जाते हुए एलेक्स को एक चरस भरा बैग मिलता है, जिसे ॠषि लेने से मना करता है लेकिन एलेक्स उसके बात को नकारते हुए किसी तरह अपने बात पर राज़ी कर लेता है और उस चरस के थैले के साथ दोनों गोवा पहुचते हैं।
कुछ दिन मस्ती करने के बाद ॠषि और एलेक्स को एक शैक खोलने का विचार आता है। एलेक्स अपने पास रखे लाखों के चरस के कुछ पैकेटों को बेच कर एक शैक खोल लेते हैं और ॠषि एलेक्स को साथ लेकर अपनी दिमाग को कुशलतापूर्वक इस्तेमाल करते हुए शैक को दौड़ा देता है। सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहता है कि ॠषि की मुलाकात कायरा ब्लैक से होती हैं। जो एक अमेरिकन खूबसूरत यौवनपूर्ण लड़की है। जिसे देखते ही ॠषि उसे चाहने लगता है।
ॠषि को पता चलता है की पास ही के पैराडाइज होटल में एक गेम होता है। जिसका प्रतिभागी बनने का ॠषि को मन करता है और एलेक्स के साथ चल पड़ता है। वहाँ पहुचने पर पता चलता यही कि कायरा भी उस खेल की प्रतिभागी है। दोनों एक अलग-अलग टीम से खेलते है और अंत में दोनों का एक-दूसरे का आमना-सामना होता है और कायरा विनर साबित होती है।
जितने के बाद कायरा और ॠषि की मुलाकर बढ़ती है, और ॠषि कायरा को अपने शैक में ले जाता है, जो कायरा को बहुत पसंद आता है। शैक के पीछे वाले हिस्से में ॠषि अपने पर्सनल कमरे में ले जाता है तब कायरा चौधियाँ जाती है, ए जानकर कि ॠषि कोई शैक चलाने वाला नहीं बल्कि एक जबरजस्त गेम डिजाइनर है। जिसे बंद होने से कुछ दिनों पहले कायरा खेला करती थी। ॠषि की ये बात कायरा को काफी प्रभावित करती है और उसकी फैन होने के साथ-साथ प्रेमिका भी बनती है। उस रात दोनों मिलकर एक हो जाते हैं।
दोनों को मिले अभी 10-15 दिन ही हुए रहते हैं कि कायरा ये कहते हुए अमेरिका चली जाती हैं कि वो अपने परिवार के लिए बहुत अहम है और उन्हे ऐसे छोड़ कर नहीं आ सकती अतः उसे जाना ही होगा। ॠषि बहुत समझाने को कोशिश करता है पर कायरा अपनी मजबूरी जानती है और अगली सुबह जब ॠषि अपने कमरे में सोया होता है कायरा निकल चुकी होती है।
कायरा के जाने के बाद ॠषि उखड़ा-उखड़ा गुमसुम सा रहने लगता है। एलेक्स उसे बहुत समझाने की कोशिश करता है। कुछ ना कुछ इधर-उधर घूमने को कहता है। शैक में आई दूसरी लड़कियों से संपर्क बढ़ाने को कहता है लेकिन ॠषि के ऊपर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। कुछ महीनों बाद हरिद्वार में कुम्भ लगने वाला होता है। जहां एक अमेरिका के एक रिचेस्ट मैन(जेरार्ड वुल्फ़)के द्वारा दुनिया का सबसे बड़ा रिएलिटी शो (द अप्रेंटिसशिप) शुरू होने वाला होता है। जिसका जिक्र कायरा ने किया था।
कुम्भ में अपने बिजनेस को लेकर और कायरा की खोज में ॠषि और एलेक्स हरिद्वार को निकल पड़ते हैं। कुछ दिनों तक हरिद्वारा में मतरगस्ति करने के बाद आसानी से बिजनेस कीये जा सके और कम समय में बड़े पैमाने पर पैसा कमाया जा सके, ऐसा एक बिजनेस खोज निकलता है। एलेक्स को बताता है। एलेक्स तो पहले मना करता है लेकिन के बाद में ॠषि का प्लान सुनने और समझने के बाद साथ देने के लिए राज़ी हो जाता है।
कुम्भ शुरू होने से पहले ॠषि अपने कुछ परिचय वाले लोगों से संपर्क कर तमिलनाडु और केरला से नारियल मंगाता है। और वहाँ के छोटे दुकान दारों से संपर्क कर अपना बिजनेस शुरू कर देता है। धंधा चल पड़ता है और ॠषि और उसकी टीम खूब ढेर सारा पैसा बना लेती है।
तब तक कुम्भ में रिएलिटी शो भी शुरू हो चुका होता है। लेकिन मिस्टर वुल्फ़ को इंडिया या दुनियाभर में कुछ खास अटेन्शन नहीं मिल पाता है। उनके रिएलिटी शो को चलाने के लिए दो-चार ग्रुप में नए बिजनेस वालें लड़कों को कुछ पैसे दिए जाते हैं और वो लड़कें उस पैसे को लेकर एक हस्ते भर में कुछ ऐसा निजात करते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा पैसा कमा सके। और जितने वाली जोड़ी को ढेर सारा पैसा इनाम में दिया जाता है और किसी कंपनी में सी ई ओ के पद भी।
कायरा की तलास में ॠषि इधर-उधर भटकता रहता है और आखिरकार वो दिन आ ही जाता है जब ॠषि को तपस्या पूर्ण हो जाती है। कायरा उसके समक्ष खड़ी होती है। दोनों एक-दूसरे को देख कर बहुत खूश होते हैं। ॠषि कायरा को अपने बिजनेस के बारे में बताता है, जिसे जानकर कायरा बहुत खुश होती है। और उसके टीम के सारे मेंबर से भी मिलती है, जिसमें एलेक्स खास होता है। सबको अब लगता है कि ॠषि का मूड अब पहले से ठीक है।
एक दिन कायरा को उसकी एक अमेरिकी पत्रकार दोस्त उससे मिलती है। जो हरिद्वारा में मिस्टर वुल्फ़ के रिएलिटी शो के बारे में लिखती रहती है। दोनों कुछ देर तक उस शो के बारे में बातें करती रहती है और अपने बॉयफ्रेंड के बारे में बात करती है कि कायरा के मुख से मिस्टर वुल्फ़ के शो के खिलाफ कुछ टिप्पड़ी कर देती है, जिसे बाद में उसके फोटो सहित सभी न्यूज चैनलों पर एक ब्रेकिंग न्यूज में चलाया जाता है। तब कायरा को पता चलता है कि उसके साथ छलावा हुआ है।
कायरा की बात उसके और उसके पिता के लिए एक मुसीबत खड़ी कर देती है। क्योंकि कायरा कोई छोटी-मोटी लड़की नहीं बल्कि अमेरिका में मिस्टर वुल्फ़ के प्रतिद्वंदी मिस्टर ब्लैक की बेटी है। जो कि अमेरिका के सबसे बड़े रईस आदमी हैं। जिसका सबसे बड़ा कारोबार है, जिसे मिस्टर वुल्फ़ एक कड़ी टक्कर देते हैं। कायरा के टिप्पड़ी के बाद ॠषि भी ब्रेकिंग न्यूज का एक हिस्सा बन चुका होता है। कायरा और ॠषि के बारे में जानने के बाद मिस्टर ब्लैक कायरा को तुरंत अमेरिका बुला लेते हैं और कायरा को मजबूरन जाना पड़ता है।
कुछ दिन बाद मिस्टर वुल्फ़ कायरा की बात को सिरे से नकारते हुए अपनी सलाहकारों की कहने पर ॠषि को अपने रिएलिटी शो का हिस्सा बनने का आमंत्रित कर देते हैं। ॠषि इसे स्वीकार करता है और इस बार खेलअमेरिका में खेला जाता है। कायरा ॠषि के साथ एलेक्स को अपने पिता को समझाते हुए अमेरिका बुला लेती है और दोनों मिलकर मिस्टर वुल्फ़ के खेल का हिस्सा बनते हैं।
जिसके वजह से मिस्टर वुल्फ़ के टी वी चैनल को ढेर सारे दर्शक् इंडिया से लेकर अमेरिका तक मिलते हैं। उसके टी वी चैनल और खबरों को खूब ढेर सारा बिजनेस मिलता है। ॠषि भी अपने दिमाग का इस्तेमाल करते हुए मिस्टर वुल्फ़ को उन्ही के रिएलिटी शो में उन्ही को चुनौती है और मिस्टर वुल्फ़ को ना चाहते हुए हिस्सा लेना पड़ता है।
खेल शुरू होता है। जिसे छः दिन तक रखा होता है और दोनों टीमों को $10 लाख दिया जाता है। मिस्टर वुल्फ़ अपनी सारी टीम और ईमानदारी से बेईमानी करते हुए $10 लाख को $13 लाख बना देते हैं तो वही ॠषि अपनी कायरा और एलेक्स की मदद से $10 लाख को अपनी बंद पड़ी गेमिंग प्रोग्राम को कंप्लीट कर $45 लाख में बेच देता है। इस तरह ॠषि मिस्टर वुल्फ़ से एक भारीभरकम जित हासिल कर पूरी दुनिया में छा जाता है ।
कुछ अच्छे और महत्वपूर्ण अंश-
सदियों पुराने मंदिरों और महलों से गुजरते हुए, आखिरकार वो कावेरी नदी के किनारे आकर रुक गया। कुछ पल कार में ही बैठे रहने के बाद, वो रात की ठंडी हवा में बाहर निकला। किनारे तक अपना रास्ता खोजते हुए, उसने अपने हाथ नदी में डूबोये और अपने चेहरे पर पानी के छींटे देने लगा। पानी ने उसे उसके शराब के नशे में चढ़ रही खुमारी को कम करने में सहायता की। उसे कुछ बेहतर महसूस हुआ।
वापस अपने आए हुए रास्ते पर मूड कर वो नदी के किनारों वाली चट्टानों की ओर चल पड़ा, और एक सिग्रेट सुलगाई। वो काफी देर वही लेटा रहा, किनारे पर लगते पानी की आवाज को सुनता हुआ, कावेरी नदी उसकी परेशानियों को लोरी सुना कर सुला रही थी। ऊपर आसमान में बिछे तारे टिमटिमा रहे थे।
आपका सफर आपको नए-नए मोड़ो से वाकिफ कराता है। इसमें हमेशा एक छुपा हुआ मकसद होता है जो शुरुआत में हम समझ नहीं पाते। यही तो मज़ा है बिना किसी पकके प्लान के सफर करने का।
रोमांस-
कायरा के दिल की धड़कने तेज हो गई थी और उसे सांस भी मुश्किल आ रही थी। वह किसी चीज़ पर ध्यान नहीं लगा पा रही थी। उसे सिर्फ वही दिख रहा था उसके इतना पास खड़ा हुआ, उसका उत्तेजित शरीर लगभग उससे सटा हुआ, सिर्फ एक एहसास हो रहा था उसे कि इसके होंठ तैयार थे, उसके होंठों से मिल जाने के लिए…
उसने सर हिला कर हामी भरी। उसका दिल उसकी छाती में आगे-पीछे बुरी तरह धड़क रहा था। उसका सर घूम रहा था। इस वक्त अगर वह कुछ चाहती थी तो वह था सिर्फ ॠषि; उसके होंठ अपने होंठों पर उसके हाथ अपने बदन पर, उसका कठोर यंग गहराई तक अंदर… “मुझे छूओ, ॠषि” उसने एक सांस में कह डाला।
धर्म-
कुम्भ के दौरान नहाने से भक्तों के सारे पाप धूल जाते हैं और उन्हे मोक्ष की प्राप्ति होती है। वैज्ञानिक तर्क से भी, यह माना जाता है कि इस समय, गंगा का पानी सूर्य, चंद्र और बृहस्पति की किरणों के द्वारा सकारात्मकता से परिपूर्ण रहता है।
बिजनेस-
एक बिजनेसमैन हमेशा कम लागत में अधिकतम फायदे की सोचता है। पैसा छोटे पर महत्वपूर्ण मौकों पर बनाया जा सकता है, जैसे यह कुम्भ का मार्केट। सब नंबरों का खेल है।
कोटस-
- हम सब अपनी-अपनी जिंदगियों में कुछ पागलपन करना चाहते हैं, पर कभी भी ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते।
- ज़िंदगी इतनी गंभीरता ले लेने की चीज़ ही नहीं है। “लोग ये बात आखिर कब समझेंगे?”
- ज़िंदगी में संतुलन बनाना सिख लो इससे पहले की बहुत देर हो जाए।
- अपने बहुत को अपने भविष्य पर हावी मही होने देना, काबिले तारीफ है।
- इंकार सबसे खराब तरीका है टूटे रिश्तों से निपटने का।
- बिजनेस का मतलब हमेशा “बढ़िया” उत्पाद बेचना नहीं होता। अक्सर यह मामूली चीजों की ही खरीद-फरोख्त का नाम होता है।
- ज़मीन पर पैर जमा कर कां करो, और तुम आसमान की बुलंदियों पर होंगे।
- सफलता तभी सफलता होती है, जब आपके साथ कोई उसकी खुशी बाटने वाला हो…
- जहां दिल ने एक बार फैसला कर लिया फिर कोई सफाई काम नहीं आती।
- बदमाश, दुष्ट और गुंडा अगर किसी चीज़ से घबराता हैई तो वह है, उसका सामना करने वालों से।
- हमेशा ज़िंदगी जी भर के जियो और वो करो जिसे करने में तुम्हें सबसे ज़्यादा खुशी और संतुष्टि मिलती है।
- सम्पूर्ण दुनिया का इतिहास, इतिहास है उन चंद जाबाज़ों का जिन्होंने वक्त आने पर अजूबे कर दिखाए थे। एक बार फिर कुछ कर दिखाने का वक्त आ गया था। एक बार फिर इतिहास रचने का वक्त आ गया है।
पात्रों का चरित्र-चित्रण-
ॠषि-
ॠषि एक गेमर है। आज़ाद खयाल वाला बेफिक्र इंसान है। उसके अंदर किसी नए काम को लेकर हमेशा एक जुनून रहता है। एक जोशीला लड़का, समझदार और सैयम बरतने वाला लड़का है। जो किसी कां को बड़े ही धैर्य के साथ करता है, जब वो उसके अंत तक नहीं पहुच जाता।
एलेक्स-
एलेक्स एक मनमौजी, बेफिक्र अमेरिकी हिप्पी टाइप का है। जो हमेशा चरस की नशा में डूबा रहता है। लेकिन एक विश्वाशपूर्ण ईमानदार और सच्चा दोस्त है। जो हमेशा ॠषि के साथ रहता है।
कायरा-
कायरा अमेरिकी बिजनेसमैन की लड़की है। जो होशियार और बहुत ही जिम्मेदार है। जिसे अपने परिवार के प्रति अपने कर्तव्यों को पता है। और उसे ईमानदारी से ॠषि के साथ मिलकर निभाती भी है। ॠषि के लिए उसके दिल में एक हमेशा एक सच्चा प्यार रहता है। जिसे वो बखूबी निभाती है।
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FAQ
Q: एक तूफ़ानी तूफ़ानी दास्ताँ के लेखक कौन है?
Ans: विश्वाश मुद्गल इस किताब के लेखक है।
Q: इस किताब को पहली बार कब पब्लिश किया गया था?
Ans: इस किताब को पहली बार 2014 में पब्लिश किया गया था।
Q: “लुज़िंग माई रिलीजन” का जर्ने क्या है?
Ans: लेखक विश्वाश मुदगल के जीवन में घटी घटनाओं से प्रेरित और काल्पनिक का मिला जुला है। तो आप इसे फिक्शन के केटेगरी में रख सकते हैं। —
Q: एक तूफ़ानी दास्ताँ में सबसे पसंदीदा हिस्सा कौन है?
Ans: मुझे पढ़ने के बाद इसमें सबसे पसंदीदा हिस्सा वह है, जब ॠषि मिस्टर वुल्फ़ से चुनौती स्वीकार करता है। और जित का दिखा देता है।
Q: एक तूफ़ानी दास्ताँ में सबसे पसंदीदा किरदार कौन सा है?
Ans: मुझे तो एलेक्स का किरदार सबसे ठीक लगा। क्योंकि अगर ॠषि के जीवन में एलेक्स की मुलाकात नहीं हुई होती तो कहानी आगे नहीं बढ़ती। और मजा नहीं आता।