Review And Summary of Animal Farm Book in Hindi by George Orwell pdf Download. एनिमल फार्म जार्ज आर्वेल द्वारा लिखा गया एक ऐसा कृत, जिसे सदियों-सदियों तक पढ़ा जाएगा। और इसका आज के समाज पर एक गहरा प्रभाव भी पड़ेगा।
Table of Contents
Review And Summary of Animal Farm Book in Hindi
Review
भारत में जन्मे ‘जार्ज आर्वेल’ भारत की धरती को छोड़कर जब लंदन और पेरिस पहुचे, तो उन्होंने एक किताब लिखा। जिसका नाम “एनिमल फार्म” है। इस किताब में इंसानों द्वारा जानवरों के ऊपर हो रहे अत्याचारों के साथ -साथ बड़े ही खूबसूरती से एक सत्ता के आधिपत्य का वर्णन किया गया है। जार्ज आर्वेल की इस किताब ने ना-सिर्फ समाज में एक सोच-विचार को जन्म दिया बल्कि जार्ज को एक खास वर्ग के समाज में लोहा भी मनवाया, जो उन्हे नजरंदाज कर रहे थे।
खैर! अब जो भी हो। जार्ज आर्वेल का ‘एनिमल फार्म’ हिट था, है और रहेगा। कहानी बहुत ही ड्रामटिक है, जिसकों पढ़ने में बहुत ही रोमांचक महसूस हुआ और मजेदार भी लगा। चुकी, मैने दिल्ली सफारी फिल्म देखि हुई है, तो मुझे कुछ कार्टूनों की तरह दिमाग में एक छवि बनती चली गई, और मैं मुसकुराते हुए, पढ़ता चला गया।
‘एनिमल फार्म’ जैसी रचना से पता चलता है कि जार्ज को जानवरों से बहुत अधिक प्यार और उनके प्रति बहुत गहरी सिंपथी थी। ऐसा मुझे रस्किन बॉन्ड की किताब पैन्थर्स मून में भी देखने को मिला। एनिमल फार्म एक प्रतीकात्मक उपन्यास है, जो अगस्त 1945 में प्रकाशित होने से पूर्व तीन ब्रिटिश प्रकाशकों और लगभग बीस अमेरिकी प्रकाशकों द्वारा अस्वीकृत हो चुका था।
कहानी, घर में पालने वाले सभी पालतू जानवरों की हैं, जो मेनर फार्म में रहते हैं। सभी जानवर उस फार्म के मालिक के अत्याचार से परेशान होकर और दाना-पानी समय से ना मिलने पर एक दिन बगावत कर देते हैं। बाड़े में उपस्थित जानवरों को उकसाने में सबसे उम्रदराज सूअर मेजर का हाथ होता है। जानवर अपने क्रूर मालिक से आज़ाद हो जाते हैं और उनमें सबसे युवा और होशियार सूअर नेपोलियन को उनका नेता चुना जाता है । कुछ दिन तक सब ठीक-ठाक चलता रहता है लेकिन…
Summary
कहानी जोंस के बाड़े(मेनर फार्म) से शुरू होती है। जहां बहुत सारे जानवर रहते हैं। सूअर, मुर्गा, गाय, बकरी, कुत्ता , बिल्ली, कौआ, चूहा, घोड़ा, भेड़ इत्यादि। इन सभी जानवरों में सबसे उम्रदराज और होशियार जानवर सूअर मेजर है, जो बाड़े में उपस्थित सभी जानवरों को इंसानों के अत्याचार के प्रति विद्रोह के लिए जागरूक करता है।
मेजर 12 साल का एक भारी-भरकम सूअर है, जिसने 400 बच्चों को जन्म दिया। लेकिन जोंस ने सारे बच्चों को शहर के बुचड़खाने में बेच कर मोटा रकम हासिल करता है। बाड़े में रहने वाले बाकि जानवरों के साथ भी ऐसा ही बर्ताव किया जाता है। चाहे वो घोड़े के बच्चे हो, बकरी के या फिर भेड़ों के। गायों के दूध के साथ-साथ उनके बछड़े को भी बेच दिए जाते हैं। मुर्गियों के अंडे, चूजे निकलने से पहले बेच दिए जाते हैं।
जोंस के इस क्रूरता की वजह से सारे जानवर परेशान रहते हैं लेकिन कोई कुछ भी कभी जोंस के प्रति कभी आवाज नहीं उठाता। एक दिन मेजर ये बीड़ा उठाता है। जब शराब के नशे में जोंस अपने घर में मौजूद रहता है। मेजर को सुनने के लिए अभी जानवर सूअर, कुत्ता, बिल्ली, चूहा, मुर्गी, गाय, घोडा, भेड़ बाड़े में इकट्ठा हुए रहते हैं।
मेजर अपनी बात सबके सामने रखता है। मेजर कहता है कि वो अपने को बहुत भाग्यशाली समझता है कि उसने 12 वर्ष तक अपने जीवन को जिया और 400 बच्चे को जन्म भी दिया। लेकिन देखो आज के समय में एक भी बच्चा उसके साथ नहीं है। ऐसा ही गाय, मुर्गी और भेड़ों के साथ भी है। और आगे भी होता रहेगा। हम जानवरों के शरीर में जब तक जान है, मनुष्य शोषण करते रहेंगे और खाने के नाम पर बस जीने भर के लिए दाना-पानी देंगे ताकि हम मौत के कगार पर ना पहुचें।
तो क्या हम सब ऐसी ही अपनी जिंदगी जीते रहेंगे? मैं कहता हूँ, नहीं! अब और ज्याती नही सहेंगे। मनुष्यों के प्रति हम सब इकट्ठा होंगे और बगावत करेंगे। क्योंकि इंसान बहुत कमजोर है। वो हमसे सारे काम करवाता है, अपने कुछ नही करता और भर पेट खाने को भी नहीं देता। तो हम क्यों सहें उनकी गुलामी।
मेजर के जोश भरी बातों को सुनकर बाड़े में उपस्थित सारे जानवर उत्साह से भर जाते हैं और हो-हल्ला होने लगता है। घर के अंदर बैठे जोंस को जब आवाज सुनाई देती हैं तो अपनी बंदूक लिए बाहर निकलता है और बाड़े की तरफ तेजी से बढ़ता है, ये सोचते हुए कि कहीं भेड़िया या गीदड़ न बाड़े में घुस आए हों। मेजर और बाकि के जानवर जल्दी-जल्दी सभा भंग कर अपने-अपने स्थान पर शांति से लेट जाते हैं और जब तक जोंस बाड़े तक पहुचता, सब कुछ शांत हो चुका होता है। अगले दिन मेजर की मृत्यु हो चुकी होती है और उसे दफना दिया जाता है।
बाड़े के जानवर मेजर के मरने की शोक मनाते हैं लेकिन उनके मन में मेजर द्वारा कहीं गई बातें सोचने-विचारने पर मजबूर कर देती हैं। मेजर के मरने के बाद जानवरों को शिक्षित करने का जिम्मा सबसे समझदार जानवर, दो जवान सूअर स्नोबाल और नेपोलियन को दिया जाया है। जिन्हे जोंस केवल प्रजनन के लिए पालता है।
एक दिन जोंस की गैर मौजूदगी में जानवर भूख से तड़प रहे होते हैं । जो आदमी सुबह के समय गाय का दूध निकालने आया था, उसने भी जानवरों को कुछ दाना-पानी नहीं दिया और चुपचाप दूध लेकर चला गया। अब जून की भयंकर गर्मी से परेशान और ऊपर से भूख की तड़प, जानवरों को बर्दास्त नहीं हुई और गायों ने पास के दाना वाले कोठरी में अपने सिंघ की मदद से ढावा बोल दिया ।
जोंस जब अपने बाकि आदमियों के साथ लौटा, उसके होश फ़ाकता हो गए। जोंस कमरे से बंदूक लिए जानवरों पर हमला करने ही वाला था कि सारे जानवरों ने मिल कर उसे और उसके आदमियों को छठी का दूध याद दिला दिया और नतीजा ये हुआ कि जोंस को अपने आदमीयों के साथ घर-बार छोड़ कर अपनी जान लिए भागना पड़ा।
जानवर, जोंस की क्रूरता से नेपोलियन और स्नोबॉल की अगुआई में आजाद हो गए और अपनी मरमर्जी से जिंदगी जीने लगे। काम उतना ही करते जितने की जरूरत होती थी। खाना खूब दबा कर खाते थे और खुले आसमान के नीचे आराम से बेफिक्र होकर टहलते। नेपोलयन और बाकि जानवरों की सहमति से जोंस द्वारा रखे गए मेनर फार्म को बदलकर एनिमल फार्म कर दिया गया।
नेपोलियन की अगुआई में जानवरों ने अपने लिए सात नियम बनाए-
- ऐसा प्राणी जो दो परों पर चलता है, दुश्मन है।
- ऐसा प्राणी, जो चार पैर पर चलता है अथवा उसके पंख है, मित्र है।
- कोई भी जानवर वस्त्र नहीं पहनेगा।
- कोई भी जानवर बिस्तर पर नहीं सोएगा।
- कोई भी जानवर मदिरा पान नहीं करेगा।
- कोई भी जानवर किसी दूसरे जानवर को नहीं मारेगा।
- सभी जानवर एक समान है।
नेपोलियन इन सब की अगुआई करने लगा। और लीडर बन गया। कुछ दिनों तक इन नियमों के साथ जानवर चलते रहे फिर धीरे-धीरे नेपोलियन एक-एक कर नियमों में अपने सुविधा अनुसार बदलता गया और जो भी जानवर नेपोलियन या उसके द्वारा बदले गए नियमों के प्रति आवाज उठाता या बगावत करने की सोचता, नेपोलियन उन्हे अपने द्वारा पाले गए खूंखार कुत्तों से मरवा देता ।
धीरे-धीरे यही सिलसिला चलता रहा। और बाड़े में उपस्थित जानवरों की हालत बाद से बदतर हो गई। अब नेपोलियन अपना बाड़ा छोड़कर जोंस के घर में रहने लगा। उसके कपड़े पहनने लगा। बिस्तर पर सोने लगा। मुर्गियों के अंडों का व्यापार इंसानों के साथ शुरू कर दिया। गायों के दुध को बाज़ार में बिकने के लिए जाने लगे। भेड़ और बकरियों के बच्चे दोबारा बूचड़खाने में काटने को जाने लगे। नेपोलियन अपने कारोबारियों के साथ जोंस के घर में रात की दावत उड़ाने लगा। मदिरा पान करने लगा। बाड़े में पड़े जानवर बाहर से देखते उन्हे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि कौन सूअर और और आदमी।
कुछ अच्छे और महत्वपूर्ण अंश-
मुझे किताब को पढ़ते वक्त मुझे कुछ ऐसे तथ्य नहीं मिले, जिन्हे मैं आपके लिए लिख सकु। जिसके कारण वश मैने किताब के पहले अध्याय के कुछ अंश को लिखा है। जो इस किताब की जान है।
जब मेजर(सबसे उम्र दराज सूअर) ने देखा कि सब ने अपनी-अपनी जगह ले ली है और ध्यान पूर्वक उसके बोलने का इंतजार कर रहे हैं तब उसने अपना गला साफ करते हुए शुरू किया-
“दोस्तों, तुम सब ने मेरे कल रात के अद्भुत सपने के बारे में सुना है लेकिन मैं सपने के बारे में बाद में बात करूंगा; पहले मैं कुछ और कहना चाहूंगा। मित्रों, मुझे नहीं लगता कि मैं तुम लोगों के साथ कुछ महीने बाद रहूँगा। और मरने से पहले मैं सोचता हूं कि यह मेरा कर्तव्य और धर्म है कि अपने इतने सालों के अनुभव का ज्ञान तुम लोगों के साथ साझा करूं। मैंने एक लंबी जिंदगी जी है और घुड़साल की कोठरी में अकेले बैठे मुझे सोचने का बहुत समय मिला है । मैं कह सकता हूं कि इस पृथ्वी पर जीवन की प्रकृति की समझ मुझे अच्छी तरह से आ गई है, जैसे किसी भी अन्य जानवर में आती है । इसी बारे में मैं तुम सब से बात करना चाहता हूं।”
“हां तो मित्रों, हमारे जिंदगी का क्या मतलब है? चलो अब अपनी जिंदगी को समझते हैं- हमारे जिंदगी दयनीय, मेहनतकश, कष्टसाध्य और छोटी है। जब से हम पैदा हुए हैं, हमें उतना ही खाना दिया जाता है जिससे हमारे शरीर में सांस चलती रहे और हम में से जो काबिल है उससे उसकी आखरी सांस और शक्ति तक काम कराया जाएगा; और जिस क्षण हमारी उपयोगिता खत्म हो जाएगी उसी क्षण हमें बूचड़खाने में क्रूरता पूर्वक मार दिया जाएगा । इंग्लैंड के किसी भी जानवर को 1 साल की उम्र के बाद किसी खुशी का अवकाश का मतलब पता नहीं होगा । इंग्लैंड में कोई भी जानवर स्वतंत्र नहीं है। जानवर की जिंदगी दुखदाई और गुलामी वाली है। यह प्रत्यक्ष सत्य है। “
“लेकिन क्या यही प्रकृति की व्यवस्था है?” क्या यह इसलिए है कि हमारी जमीन इतनी गरीब है कि वह यहां पर रहने वालों को एक सम्मानजनक जीवन जीने देने के लिए असमर्थ है? नहीं; मित्रों, मैं इसके लिए हजार बार नहीं कहूंगा! इंग्लैंड की मिट्टी उपजाऊ है और इसकी जलवायु भी अच्छी है, अभी जितनी भी जानवर यहां रहते हैं, उससे कई गुना ज्यादा लोगों के पोषण करने का सामर्थ है इसमें।
यह हमारा खेत ही है जो दर्जन घोड़े, बीस गाय और सैकड़ों घोड़ों को पाल सकता है -वह भी हमारी कल्पना से परे आरामदायक और सम्मान पूर्वक ढंग से। फिर हम क्यों इस दयनीय दशा में जी रहे हैं? क्योंकि हमारी मेहनत का पूरा फल मनुष्य हम से चुरा लेते हैं। दोस्तों, यही हमारी मुश्किलों का उत्तर है। इसे एक ही शब्द में अभिव्यक्त किया जा सकता है -आदमी। आदमी हमारा एकमात्र शत्रु है। आदमी को घटनास्थल से हटा दो, तब ही हमारी भूख और अधिक परिश्रम की जड़ के कारण हमेशा-हमेशा के लिए अंत हो जाएगा।”
“आदमी एक ऐसा प्राणी है, जो बिना पैदा किया वस्तु का उपभोग करता है। वह दूध नहीं देता, वह अंडे नहीं देता, वह इतना कमजोर है कि खेत नहीं जोत सकता, वह तेज दौड़ कर खरगोशों को नहीं पकड़ सकता। फिर भी वह जानवरों पर राज करता है। वह उनको काम पर लगाता है और बदले में उन्हें वह कम से कम खाना खाने के लिए देता है, बस इतना जिससे वो बस भुखमरी के कगार पर ना हो और बाकी सब अपने लिए रखता है। हमारी मेहनत से जमीन जोतता है, हमारे गोबर से उसे उपजाऊ बनाता है और फिर भी हम में से कोई एक भी अपना खाल के अलावा इसका मालिक नहीं है।”
“मेरे सामने वाली गायों, तुम लोगों ने पिछले साल में कितने हजार गैलन दूध दिया है? उस दूध का क्या हुआ है, जो हमारे बछड़ों को तगड़ा करने के लिए काम में आना चाहिए था; उसकी एक-एक बूंद हमारे दुश्मनों के गले में गई है और तुम मुर्गियों, इस वर्ष कितने अंडे से चूजे निकले? बाकी सब बाजार में चले गए, जोंस और उसके आदमियों के लिए पैसा बनाने के लिए और तुम क्लोवर, तुम्हारे चार बछड़े कहां हैं, जो तुमने पैदा किए थे, जो तुम्हारी सहायता करते और बुढ़ापे की खुशी होते? 1 साल के होते ही सबको बेच दिया गया- तुम उन में से किसी एक को भी नहीं देख पाओगी । तुम्हारे 4 कारावासों और खेती में मेहनत के अलावा बदले में तुम्हें क्या मिला थोड़ा आहार और छोटी सी कोठरी?”
“और तो और, इस तरह के कष्टदायक जीवन के बावजूद हमें अपनी पूरी जिंदगी भी जीने को मंजूरी नहीं है। मुझे अपने लिए कोई शिकायत नहीं है, क्योंकि मैं उन खुशकिस्मत लोगों में से हूं; मैं 12 वर्ष का हूं और मेरे 400 बच्चे हुए हैं। इतनी ही एक सूअर की औसत जिंदगी होती है, लेकिन अंत में कोई भी जानवर उनके क्रूर चाकू से बचता नहीं है। सामने बैठने वाले सब जवान सूअरों, एक साल के भीतर ही तुम्हें से हर एक अपने जीवन के लिए चीखेगा। हम सबको उस भय का सामना करना है- जिसमें गाय, सूअर, मुर्गी भेड़ सब सब के सब शामिल है। घोड़े और कुत्तों का भी भाग्य उनसे अच्छा नहीं है। तुम बॉक्सर, जिस दिन तुम्हारे मांसपेशियों की ताकत खत्म होगी, जोंस तुम्हें कसाईखाने को बेच देगा, जो तुम्हारा गला काटकर विलायती कुत्तों के लिए उबालेगा । जहां तक कुत्तों का सवाल है, जब वे बूढ़े और दंतहीन हो जाएंगे, जोंस उनके गले में पत्थर बांधकर उन्हे सबसे पास वाले तालाब में डुबो देगा।“
“तो दोस्तों, क्या इससे यह एकदम स्पष्ट नहीं है कि हमारे जिंदगी की त्रासदी का कारण मनुष्य की निर्दयता है? उस मनुष्य का बहिष्कार करने से हमारे मेहनत का फल हमारा ही होगा। एक ही रात में हम लोग अमीर और स्वतंत्र हो जाएंगे। तो इसके लिए हम क्या करें? क्यों रात और दिन इनके लिए काम करें अपना शरीर और आत्मा मनुष्य जाति के लिए न्यौछावर करें! दोस्तों यही मेरा तुम लोगों के लिए संदेश है: विद्रोह! मुझे नहीं मालूम राजद्रोह कब आएगा, एक हफ्ते में या एक 100 साल में , लेकिन मैं जानता हूं उसी सच के साथ जैसे कि भूसा जो मेरे पैरों के नीचे है, आज नहीं तो कल, न्याय होकर रहेगा। उस उद्देश्य की तरफ अपनी आंखें गड़ाए रखो”
“दोस्तों, अपनी बाकी बची हुई जिंदगी में तुम्हारा ध्येय यही होना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरा यह संदेश अपने बाद आने वालों तक पहुंचाओ, ताकि भावी पीढ़ियां इस संघर्ष को आगे बढ़ा सके जब तक वे विजई ना हो जाए।”
“और याद रखो दोस्तों, तुम्हारा संकल्प कभी भी ना डगमगाए। कोई भी विवाद तुम्हें भटका ना सके। कभी उन लोगों की ना सुनना जो तुमसे कहे कि आदमी और जानवर का एक समान स्वार्थ है, एक ही समृद्धि में ही दूसरे की सफलता है। यह सब झूठ है। आदमी सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए काम करता है; किसी और प्राणी के लिए नहीं और संघर्ष के समय हम जानवरों के बीच एक पूर्ण एकता और एक आदर्श दोस्ती होनी चाहिए। सब मनुष्य दुश्मन है। सब जानवर दोस्त हैं।”
पात्रों के चरित्र-चित्रण-
जोंस-
जोंस मेनर फार्म का अधिपति है। जो बहुत ही क्रूर तानाशाह और शराबी है। फार्म के जानवरों को खाना समय पान नहीं देता है और देता भी है, तो बहुत कम देता है। जानवरों से काम ज्यादा लेता है और उन पर कठोर शासन भी करता है।
मेजर-
मेजर मेनर फर्म का सबसे उम्रदराज एक पुरस्कृत मध्य श्वेत सूअर था। मेजर को पूरे फार्म में बड़े सम्मान से देखा जाता था। इसलिए लोग उसकी बात को सुनते थे। मेजर 12 वर्ष का था। वह काफी भारी और स्थूल शरीर का था। इसके बावजूद वह एक राजसी-सा दिखने वाला सूअर था।
नेपोलियन-
नेपोलोयन एनिमल फार्म का एक युवा सूअर है। जो बाड़े में उपस्थित सभी जानवरों का नेता है। मेनर के मरने के बाद नेपोलियन ही बाद की बागडोर संभालता है और फिर धीरे-धीरे जानवरों पर क्रूरता से शासन करने लगता है, जिसके लिए जानवरों ने इंसान से बगावत की थी, आखिर वही हिसाब-किताब उनके पल्ले पड़ता है। जिससे जानवर परेशान हो जाते हैं।
बाक्सर-
बाक्सर एनिमल फार्म का एक युवा, जोशीला, होशियार और कठिन परिश्रम करने वाला काला घोड़ा है। जो एक भीमकाय जानवर था। उसका शरीर लगभग अट्ठारह फिट ऊंचा और दो साधारण घोड़ों के बराबर शक्तिशाली था। बाक्सर सिर्फ और सिर्फ कठिन परिश्रम करने पर ही भरोसा रखता है और बाड़े के नेता के प्रति सच्ची ईमानदारी से श्रद्धा भी रखता है। आखिरकार अपने बाड़े के लिए इंसानों से लड़ते हुए उनके गोली का शिकार हो गया, जिसमें उसकी जान चली जाती है।
क्लोवर- क्लोवर एनिमल फार्म में बाक्सर की पत्नी थी। जो बाक्सर के साथ मिलकर बच्चों को जन्म दिया करती थी। क्लोवर बाक्सर पर जान छिड़कती थी। जो बहुत ही नरम दिल और सबके लिए सहायक घोड़ी थी।
यह भी पढे:-
- मानव कौल की नई किताब को पढ़ने के लिए अभी क्लिक करें।
- नेपोलियन हिल की किताब को पढ़न के लिए अभी क्लिक करें।
- मोटिवेशनल किताब को पढ़ने के लिए अभी क्लिक करे।
- कविता-संग्रह को पढ़ने के लिए अभी क्लिक करे।
FAQ
Q: एनिमल फार्म के लेखक कौन है?
Ans: एनिमल फार्म के लेखक जार्ज आर्वेल हैं।
Q: एनिमल फर्म कैसी किताब है?
Ans: यह एक अधिकारवादी और सत्ता से होने वाले भ्रस्टाचार पर आधारित जबरजस्त काल्पनिक कथा, एक प्रतीकात्मक उपन्यास है।
Q: एनिमल फर्म कब लिखा गया था?
Ans: नवंबर 1943- फरवरी 1944.
Q: जार्ज आर्वेल का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
Ans: जार्ज आर्वेल का जन्म भारत के बिहार जिले में 25 जून, 1903 को हुआ था।
Q: जार्ज आर्वेल की मृत्यु कब हुई?
Ans: 1950 में छियालीस वर्ष की अवस्था में जार्ज आर्वेल की मृत्यु हुई थी।
pdf download
नीचे दिए गए print बटन पर क्लिक करें और save as pdf पर क्लिक करें।