इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपसे विलियम शेक्सपियर द्वारा लिखित एक बेहतरीन नाटक Othello: The Moor of Venice की book review के साथ-साथ summary in hindi और Quotes के साथ-साथ pdf download को भी साझा करेंगे।
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Othello: The Moor of Venice
Book Review
“ओथेलो: दि मूर ऑफ वेनिस” विलियम शेक्सपियर द्वारा लिखित एक वीर योद्धा की कहानी है, जो अपने ही एक साथी द्वारा रचित उसके दलदल में फस जाता है और अपनी पत्नी का गला घोंट देता है। शेक्सपियर की यह नाटक दिल और दिमाग को एकदम झकझोर देने वाला है। आपको जितना प्यार ओथेलो की प्रिय पत्नी देशमिदोना से होगा उतना ही नफरत उसके दुश्मन आईगो से भी होगा, बल्कि कुछ ज्यादा। यह आपके मानसिकता पर निर्भर करता है।
इसे बेहतरीन नाटक को हिन्दी भाषियों को पढ़ने के लिए मैपल प्रेस लिमिटेड ने प्रकाशित किया है।
Othello: the moor of Venice विलियम शेक्सपियर की ज्यादातर नाटक किसी राज्य, उसका राजा, सच्चा प्यार और बिछड़न को प्रदर्शित करता है। दो प्यार करने वालों को कैसे अलग किया जा सकता है, उसका तिगड़म अगर कोई लगा सकता है तो शेक्सपियर उन सबमें से पहले पायदान पर होंगे। लेकिन प्यार को किस तरह मनाया जाता है और उसके लिए आत्मसमर्पण भी अगर कोई कर सकता है तो शेक्सपियर ही उन सबमें सबसे आगे होंगे।
विलियम की यह नाटक गोरे-काले के रंगभेद को भुलाती प्यार को सबसे उच्च पायदान पर रखती है। जिसमें प्यार करने वाले अपने को पवित्र प्रेम की अग्नि में अपनी आहुति दे देतें हैं। यह कहानी एक काले सेनापति को राज्य की सबसे धनवान सभासद की खूबसूरत पुत्री की है। दोनों एक-दूसरे से प्यार करने के कारण पिता और समाज की मर्जी के खिलाफ शादी रचा लेते हैं।
इन दोनों के प्यार की अग्नि से एक राक्षस पैदा होता है, जो इन दोनों को अलग करने के लिए ऐसा चाल चलता है कि एक प्यार करने वाला अपनी प्यारी का गला घोंट कर मार देता है। और जब तक उसे सच्चाई का पता चलता तब तक बहुत देर हो चुकि होती है। जिसके कारण वह भी अपने को शहिद कर लेता है।
इस कहानी को पढ़ते वक्त मुझे पता ही नहीं चला कि मुझे कितने मच्छर मुझे काट रहे हैं। पढ़ते वक्त ऐसे समा बंधी थी। इतना रोचक कि माँ कसम मजा आ गया।
बल्कि आप कमेंट कर मुझे जरूर बताइएगा।
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Summary in hindi
इटली देश के वेनिस नगर की सेना में एक वीर सेनापति ओथेलो था, जो मूलतः अफ्रीका का निवासी था। उसका गठा हुआ शरीर और चतुराई से राज्य के लोग हमेशा प्रभावित रहते थे। उसी राजसभा में एक धनी और ऐश्वर्यवान सभासद था जिसका नाम ब्राबंसियों था, जो ओथेलो की बहुत ही इज्जत किया करता था। ओथेलो का ब्राबंसियों के घर आना-जाना हमेशा लगा रहता था।
ओथेलो के घर आने-जाने से ब्राबंसियों की खूबसूरत बेटी देशमिदोना, उससे प्रभावित होकर ओथेलो से शादी करने को तैयार हो गई। लेकिन यह बात ब्राबंसियों को पसंद नहीं आई और वह राजी न हो सका लेकिन देशमिदोना के सहमति के कारण दोनों ने पिता के चुपके से शादी रचा ली।
इन दोनों से जलाने वालों ने ब्राबंसियों को खबर कर दी, तब उसने इन दोनों को पकड़ने एक लिए अपने सिपाहियों को भेज दिया। तभी पता चला कि तुर्क लोग युद्ध की सारी सामाग्री इकट्ठा करने वेनिस राज्य के करीब आ गया है। तब उनसे निपटामे के लिए ब्राबंसियों को सबसे योग्य को सेनापति नजर आया तो वह ओथेलो ही था। ओथेलो जब तक वहाँ पहुंचता वह नदी पार करते समय तूफ़ान आने के कारण सब तितर-बितर हो चुके थे।
उसके बाद राज्य सभा में ओथेलो और देशमिदोना को पेश किया गया। देशमिदोना ने अपनी बातों से अपने पिता को प्रभावित कर लिया और दोनों को आशीर्वाद देकर उन्हे विदा किया, जिसके बाद दोनों खुशी-खुशी जीवन व्यतीत करने लगे।
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लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई, देशमिदोना से शदी करने वाला और दूसरा उसके पिता की धन को चाहने वाला ये दोनों मिलकर देशमिदोना और ओथेलो के प्यार वाले रस में ऐसा विष घोला कि दोनों को खून की उलटी होने लगी।
ओथेलो का एक प्रिय मित्र केसियो था, जो इन दोनों के शादी से पहले ओथेलो और देशमिदोना के बीच प्रेम के तारपत्र को लाने-ले जाने का काम करता था। जिसके वजह से देशमिदोना और केसियो के बीच अच्छी बनती थी। दोनों कभी-कभार अपने में हसी-ठिठोली किया करते थे। जिसे ओथेलो भी कुछ नहीं कहता था।
लेकिन यह शादी के बाद ज्यादा दिनों तक चल न सका। आईगो, जो की बहुत धूर्त और चालाक था, उसने अपने पत्नी के माध्यम से ऐसी चाल चली कि उसने ओथेलो और देशमिदोना के बीच काटों के बीज बो दिए। हुआ ये कि आईगो ने अपनी पत्नी से कहकर ओथेलो द्वारा देशमिदोना को एक रुमाल दिया था, जिसे देशमिदोना बहुत पसंद करती थी और हमेशा अपने पस रखती थी।
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आईगो ने अपनी पत्नी से वो रुमाल मांग कर केसियो के पास पहुंचा दिया। तब आईगो ने ओथेलो के दिन-प्रतिदिन देशमिदोना और केसियो को लेकर कान भरने शुरू कर दिए। जिससे ओथेलो के मन में शंका पैदा हो गया। उसने अपने आप को बहुत समझाने की कोशिश की पर वह असफल रहा।
जब ओथेलो से रहा नहीं गया तो उसने आईगो से उन दोनों के संबंध के सबूत मांगने लगा। तब अपने चाल को बखूबी चलते हुए आईगो ने कहा कि आपने देशमिदोना को एक रुमाल दिया था, उस रुमाल को मैने केसियो के पास देखा है। ओथेलो से यह बात सहन न हो सका और वह देशमिदोना के पास वह रुमाल मांगने लगा पर उसके पास न होने पर उसने किसी दूसरे कपड़े को देना पसंद किया।
इस घटना के बाद ओथेलो का शंका पूरा विश्वास में तबदिल हो गया और वह इसका बदला लेने के लिए देशमिदोना जान से मारने का प्रण कर लिया। ओथेलो ने आईगो से कहा कि वह अपने सैनिकों को भेजकर केसियो को भी मरवा दे, तो वह उसे लेफ्टिनेंट की पद को उसे सौप देगा।
यह बात जानकार आईगो बहुत खुश हुआ और अपने सैनिकों को आआगया देकर केसियो को मारने के लिए भेज दिया। उसी रात ओथेलो भी रात के समय जब देशमिदोना सोई हुई थी, उसके कमरे में प्रवेश कर चुपके से उसका गला घोंट कर मार डाला।
आईगो के सैनिक जब केसियो को मारने पहुंचते हैं तो वह उन्हे हराकर किसी तरह भागते हुए ओथेलो के पास आता है, उसके पास उँ भेजें हुए साइनोकों से कुछ पत्र मिलता है, जिसमें ओथेलो के मारने के संदेश होते हैं। इतना सब होने पर आईगो की पत्नी सामने आती है और उस रुमाल के बारे में सारा कुछ बता देती है कि आईगो ने ही उसे देशमिदोना के पास से चोरी कर केसियो के पास रखने को कहा था।
आईगो की साजिस जानने के बाद राज्य के लोग ही उसे मार डालते हैं। और ओथेलो ये जानकर बहुत दुखी होता है कि उसने बेकसूर देशमिदोना को अपने हाथों से मार दिया, जिससे वह बेहद प्यार करता था। वह इतना दुखी होता है कि अपने ही तलवार से अपने को मार लेता है। जिसके बाद इस पवित्र शरीर को राज्य के लोग श्रद्धांजलि व्यक्त करते हैं और उसके कब्र पर फूल चढ़ाते हैं।
कुछ अच्छे और महत्वपूर्ण अंश-
देशिमिदोना भी राज्यसभा में गवाही देने के लिए बुलाई गई। उसने कहा-पूज्य पिता जी! मेरे कर्तव्य भिन्न-भिन्न हैं। आप मेरे पिता हैं। अअपने मुझे जन्म दिया और पालन-पोषण करके उतना बड़ा किया है, इसलिए मैं आपका पुत्री के समान सम्मान करती हूँ।
मैं आपकी बेटी और आप मेरे पिता हैं, परंतु अपने पति के लिए भी मेरा कुछ कर्तव्य है। जिस प्रकार मेरी माँ आपको प्यार करती थीं और अपने पिता से भी अधिक आपको चाहती थीं, इसी प्रकार मैं भी अपने स्वामी को उसी नजर से देखती हूँ।
ब्राबंसियों-ईश्वर! ईश्वर! ही भगवान! मैं भर पाया। ही परमात्मा! तुमने मुझे ऐसी संतान क्यों दी? इससे तो गोद खाली रखना ही अच्छा था। ओथेलो, अब मैं तुमको खुशी से अपनी पुत्री देता हूँ, परंतु मेरा बस चलता तो मैं कभी नहीं देता। ईश्वर ने कृपया की कि मेरी और कोई पुत्री नहीं है, नहीं तो मैं इस पुत्री के चाल-चलन को देखकर उसको बड़े-बड़े बंधनों में रखता।
जब यह झगड़ा खत्म हो गया, तब सभापति ने ओथेलो को साइप्रस के युद्ध का मुख्य सेनापति नियुक्त कर दिया।
पात्रों का चरित्र-चित्रण-
ओथेलो-
वेनिस नगर का सबसे वीर सेनापति ओथेलो था। उसका रंग बहुत ही काला था परंतु उसके साहस, चतुराई तथा बल के चर्चे थे। वह एक सभी पुरुष था। वीरता में तो कोई भी उसकी बराबरी नहीं कर सकता था। वह एक विश्वास पात्र आदमी था। उसे प्यार में समर्पण करना होना आता था। जिसके लिए उसने अंत में अपनी जान तक न्योछावर कर देता है।
ब्राबंसियों –
ब्राबंसियों इटली के वेनिस नगर की राजसभा का सबसे धनवान और ऐश्वर्यवान सभासद था। ब्राबंसियों एक बूढ़ा प्रभावशाली पुरुष था। राजसभा में उसकी सब सम्मान करते थे। वह अपने बेटी का विवाह अपने ही तरह किसी धनवान से करना चाहता था। पर ऐसा हों न सका। उसके अंदर धैर्य की क्षमता कूट-कूट कर भरी हुई थी। वह कोई भी कार्य बिना विचार कीए या सोचे-समझे बिना नहीं करता था।
आईगो-
आईगो बहुत धूर्त और चालाक था। वह धर्म-अधर्म का कुछ भी विचार नहीं करता ठा। स्वार्थसिद्धि ही उसके जीवन का मूल आधार था। दूसरे को ठगना उसे बहुत अच्छी तरह आता था। ओथेलो के साथ मित्रता कर उसी से छल-कपट के लिए हमेशा तैयार रहता था। और एक-से-एक युक्ति लगाया करता था। वह धन का लोभी था।
Quotes
कोई चिंता मनुष्य के मन को इतनी पीड़ा नहीं देती, जितनी पति अथवा पत्नी के प्रेम की शंका।
Othello: The Moor of Venice
सांसारिक विषयों से बचा रहना और भोगों में न फ़सना हर एक आदमी के बस का कां नहीं है।
Othello: The Moor of Venice
बड़े-बड़े धीर पुरुष अपने धर्म मार्ग से डिग जाते हैं।
Othello: The Moor of Venice
आदमी आखिर आदमी ही है। बड़े-बड़ों से भूल हो जाती है।
Othello: The Moor of Venice
गुस्से में मनुष्य अपने मित्रों के साथ भी वह बातें कर बैठता है जो उसे शत्रु के साथ भी नहीं करनी चाहिए।
Othello: The Moor of Venice
असावधान रहने से सावधान रहना अच्छा है।
Othello: The Moor of Venice
बहुत से मनुष्य अपने दिल की बातें सपने में सोते-सोते बोलते हैं।
Othello: The Moor of Venice
इस संसार में सिर्फ सच्चाई से काम नहीं चलता। यहाँ झूठ का राज है।
Othello: The Moor of Venice
मनुष्य कोई देवता तो है नहीं कि कभी कोई परिवर्तन नहीं हो।
Othello: The Moor of Venice
FAQ-
Q ओथेलो: दि मूर ऑफ वेनिस का लेखक कौन है?
विलियम शेक्सपियर ओथेलो: दि मूर ऑफ वेनिस के लेखक हैं।
Q ओथेलो कौन था?
ओथेलो इटली देश के वेनिस राज्य का सबसे वीर सेनापति था।
Q ओथेलो ने अपनी प्रिय पत्नी को क्यों मार डाला?
ओथेलो ने शंका की आड़ में बेवजह अपनी प्रिय पत्नी को मार डाला।
Q ओथेलो का दुश्मन कौन था?
आईगो ओथेलो का सबसे खतरनाक दुश्मन था, जो ओथेलो और उसके प्रिय पत्नी के बीच भ्रम पैदा कर उसी के हाथों उसकी की पत्नी की हत्या करा दी।
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