इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपसे ikigai की book review के साथ-साथ summary in hindi और quotes के साथ-साथ pdf download भी साझा करेंगे।
Table of Contents
Book review
इकिगाई! नाम से कुछ समझ में नहीं आ रहा है फिर पिछले कुछ वर्षों से बहुत चर्चा में हैं। मैने पिछले छः महीने में आपसे बहुत सारे किताब को साझा किया है, जब मेरी नजर इस किताब पड़ी तो कुछ जानने की चेष्टा हुई, और जानने के बाद मुझे लगा कि अब इसे भी आपसे दूर नहीं रखा जाना चाहिए, और आज वो आखिर समय आ ही गया। तो चलिए, शुरू करते हैं….
“इकिगाई” हेक्टर गार्सिया और फ़्रांसेस्क मिलारेस द्वारा लिखी गई एक किताब है। जिसका हिन्दी अनुवाद प्रसाद ढापरे ने किया है। इसे लिखने के लिए इन दोनों लेखकों ने बहुत छान-बिन करने के बाद बहुत सारे तथ्यों को इकट्ठा कर आप सब से साझा करने के लिए इसे एक किताब का रूप दिया है।
इस किताब में लंबे समय तक खुशहाली जीवन जीने वालें जापानी लोगों के कुछ नियम, उनके खान-पान, रहन-सहन के बारे में विस्तार पूर्वक लिखा गया है, जिसे जानने की बाद आप उन सभी नियमों का पालन कर आप भी खुशहाली भरी एक लंबा जीवन जिने को अग्रसर हो सकते हैं। जापान के लोग विश्वाश करते हैं कि इकिगाई हर एक के भीतर छिपा होता है।– यह हर सुबह नींद से जागने की वजह होती है।
प्रेरणा और सांत्वना देने वाली यह पुस्तक आपको अपना व्यक्तिगत इकिगाई खोजने में मदद के लिए जीवन में परिवर्तन लाने वाले साधन उपलब्ध कराएगी। यह आपको दिखाएगी कि कैसे आवश्यक भार पीछे छोड़कर अपना उद्देश्य हासिल किया जाए, मित्रता को विकसित किया जाए और स्वयं को अपने जुनून के लिए समर्पित किया जाए।
हेक्टर गार्सिया और फ़्रांसेस्क मिलारेस ने इस भौतिक जीवन की खोज को आध्यात्मिक रास्ते से होते हुए पूरा किया है। दोनों लेखक ने बड़े ही विस्तार से उन सभी माध्यमों को साझा किया है, जिससे आप एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन पा सकते हैं। जैसे कि भारत का ध्यान और योग, चीन का मार्शल आर्ट, जापान का शिएत्सु शामिल है।
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ikigai Summary in hindi
Meaning of ikigai
जापान में इकिगाई शब्द ईकि और गाई शब्द से मिल कर बना है। इसे जापानी भाषा में लिखा गया है। मैने आपको समझाने के लिए हिन्दी भाषा में संधि-विच्छेद किया है। जिसका अर्थ होता है- जीवन और अर्थपूर्ण ।
अब इन दोनों को आपस में जोड़ दिया जाए तो इसका मतलब निकलता है, ऐसा अर्थपूर्ण जीवन जीवन जिसमें किसी चीज की कोई आशा-निराशा न हो, कोई कष्ट या कोई दुविधा न हो, कोई चिंता अथवा परेशानी न हो। यदि आप इन सभी को दरकिनार करते हुए आप अपने जिस भी काम को करते हैं तो समझिए आपको अपना इकिगाई मिल चुका है।
किताबी भाषा के अनुसार-“हमेशा व्यस्त रहने से मिलने वाला आनंद”। इकिगाई शब्द जापान के लोगों की लंबी आयु का रहस्य बताता है। जापान के ओकिनावा राज्य में रहने वाले लोगों की आयु काफी ज़्यादा होती है। यहाँ पर प्रति एक लाख लोगों में से 24.55 लोग 100 साल से ज्यादा उम्र के पाए जाते हैं। जो वैश्विक स्तर की तुलना में यह काफी ज़्यादा अनुपात है।
बढ़ते उम्र में युवा रहने की कला
कुछ भी करो, लेकिन कभी भी रिटायर मत होना- एक बार आपको अपना इकिगाई स्पष्ट हो जाए तो फिर सुख और संतुष्टि अपने आप मिलती हई। जीवन को असली अर्थ मिलता हयाई। इस किताब के माध्यम से आपको आपका इकिगाई मिले और जापानी लोगों के टन, मन व बुद्धि से हमेशा स्वस्थ रहने के पीछे का राज आप समझ पाएं, यही इस किताब की उद्देश्य है।
आप यह जानकार हैरान हो जाएंगे कि रिटायर होने के बाद भी वहाँ के लोग हमेशा काफ़ी सक्रिय और व्यस्त रहते हैं। सच बात तो यह भी है कि जापान के लोग रिटायर होते ही नहीं हैं। जब तक उनका शरीर साथ देता है वहाँ के लोग अपना पसंदीदा काम करते रहते हैं।
उम्र ना बढ़ने का राज़
छोटी-छोटी बातें आपको आनंद और दीर्घायु देती हैं- आपने यह कहावत तो अवश्य ही सुना होगा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ आत्मा का निवाश होता है। जो हमें ये बताता है कि हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखना है। इसके लिए आप व्यायाम कर सकते हैं, सुबह उठकर टहल सकते हैं, जिम ज्वाइन कर सकते हैं और घर बैठे ध्यान कर सकते हैं।
मस्तिष्क पर को कोई तनाव न ले, यह आपके दीर्घायु न होने का सबसे बड़ा कारण है, बेकार का बातें न सोचा करें। अपने आप को हमेशा व्यस्त रखे। कभी भी अपने आप को दूसरे के साथ कंपेयर न करें। इन्सी सब बातों से जापान में रहने वाले ओकिनावा के लोग अपने को दूर रखते हैं और अपने काम को निरंतर करते रहते हैं। जो उन्हे दीर्घायु होने में बढ़ावा देता है।
एक जगह ज्यादा देर तक बैठे नहीं, लेकिन अगर आपका आठ-दस घंटे का ऑफिस कां है, तो कम से कां उसके बाद अपने को बीस-तिस मिनट तक चल कर ऑफिस से घर जाने क् पीएआस करें या अगर कार का ही इस्तेमाल करते हैं तो आप अपने आस-पास के पार्क वगैरह में समय दे सकते हैं। जापानी लोगों का मानना है कि ज्यादा बैठे रहने से भी बुढ़ापा चढ़ता है।
अपने जीवन का उद्देश्य जानकर लंबी आयु तक जिने की कला-
विएना क्लिनिक में फ्रैंकल ने यह निष्कर्ष निकाला कि लोगों कॉ जिंदा रहने के लिए किसी न किसी मकसद की जरूरत होती है। उन्होंने जिन लोगोंन का अध्ययन किया उनमें से 80% लोग मानते थे कि उनके पास जिंदा रहने के लिए कोई उद्देश्य है और 60% लोगों ने यह माना कि उनके जीवन में कम से कम एक चीज तो ऐसी है जिसके लिए वे मरने को भी तैयार हैं।
कार्य और खाली समय का इस्तेमाल अपने विकास के लिए कैसे करें-
यदि आपने अपने उद्देश्य जान गए हैं और उसे पाने के लिए आप निरंतर कार्य कीए जा रहे हैं और जब तक आप अपना उद्देश्य पा नहीं लेते, आपके पास कोई भी खाली समय नहीं होगा। अथवा आपका स्वभाव उस उद्देश्य को पाने के लिए आपका प्रवाह बना रहेगा। और तब तक बना रहेगा जब तक आप अपना उद्देश्य को हासिल नहीं कर लेते।
इस अवस्था में आप अपने कां में इतना खो जाते हैं कि आपके आस-पास में क्या घाट रहा है इससे उसको कोई फर्क नहीं पड़ता है। वह कार्य ही उसके लिए प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत होता है। उस कां को करने से जो फायदा होने वाला है, उसके बारे में नहीं सोचते हुए सिर्फ और सिर्फ कां करना ही उसे ज़्यादा आनंद देता है। उस आनंद को पानए के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है।
विश्व के सबसे दीर्घायु लोगों का महत्वपूर्ण मार्गदर्शन-जेने केल्मे(122 वर्ष)
सन् 1875 में फ्रांस के अहले में जन्मी जेन केल्मे 04 अगस्त, 1997 को विश्व की सबसे बुजुर्ग महिला के तौर पर पहचानी गई थीं। उस वक्त उनकी उम्र 122 वर्ष की थी । एक् बार मज़ाक में उन्होंने बताया था कि मैने मिथ्युसलाह(बाइबल के मुताबिक 969 साल तक जिने वाले) से स्पर्धा की है। जेन ने अपने जीवन में कई रेकार्ड्स ब्रेक कीए।
जीवन के आखिरी पल तक वह स्वस्थ और आनंदित रहीं। 100 वर्ष की उम्र तक वह साइकिल कहलाती थीं। 110 साल तक वह अकेले ही रहीं थीं। अपार्टमेंट में ज़रा सी आग लगाने की वजह से सुरक्षा के हिसाब से उन्हे नर्सिंग होम जाना पड़ा। उन्होंने 120 की उम्र में सिगरेट पीना बंद कर दिया था। तब मोतियाबिंद की तकलीफ की वजह से उन्हे ठीक से दिखना बंद हो गया था, जिससे सिगरेट होंठों तक लेकर जाना कठिन हो गया था।
शायद उनकी लंबी आयु का एक राज मज़ाक करने की आदत रहा होगा। 120 की उम्र में उन्होंने कहा था, “मुझे ठीक से दिखाई नहीं देता, सुनने में भी तकलीफ होती है, मेरा स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता, लेकिन बाकि सब अच्छा चालक रहा है।”
खुशहाली और लंबी आयु के लिए जापान के रीति-रिवाज और कहावतें- जापान के हमेशा खुशी से रहने के कई तरीके जानते हैं। जैसे की वहाँ के 85-120 साल तक के युवा अपने कुछ दोस्तों के साथ अपना जन्मदिन मनाते हुए दिख जाते हैं। उनका कहना आहै कि हर दिन एक साथ खुशी से मनाओं।
जापानी लोग ज्यादा से ज्यादा अपने लोगों से मिलते-जुलते रहते हैं। वह किसी चीज का चिंता नहीं करते। सुबह उठकर बगीचे में टहलना उनके अच्छी आदतों में से एक है। वाहज अपने दोस्तों से मिलते-जुलते रहते हैं। उनके साथ अपनी खुशियों को साझा करते हैं। हमेशा साकारात्मक बने रहते हैं।
विश्व की सबसे लंबी आयु वाले लोगों का खान-पान कैसा होता है-
ओकिनावा राज्य के लोग काफी विविधातापूर्ण खाना खाते हैं, जिसमें सब्जियों की मात्रा ज़्यादा होती है। भोजन में यह विविधता उनकी लंबी आयु का राज हो सकता है।
ओकिनावा में लंबी आयु के लोगों का सर्वेक्षण किया गया तो पता चला कि वे 206 प्रकार के पदार्थ का सेवन करते हैं जिसमें कई मसालें भी शामिल हैं। वे दिन में कम से कम 18 विभिन्न प्रकार के पदार्थ खाते हैं। हमारे खाने की संस्कृति से यह बिल्कुल विपरीत है।
वे दिन में कम से कम पाँच बार फल और सब्जियां खाते हैं। वे दिन में सात अलग-अलग प्रकार के फल खाते हैं। जिसमें लाल शिमला मिर्च, गाजर, पालक, गोभी और बैंगन मुख्य हैं। वे रोज चावल और नूडल्स खाते हैं। वे शक्कर बहुत ही कम मात्रा में खाते हैं। वे अपना पेट 80% तक ही भरते हैं। वह खाने के बाद कुछ भी मीठा का सेवन नहीं करते हैं। वह ग्रीन टी का भी सेवन करते हैं।
व्यायाम-
जापानी लोग भारत के द्वारा दी हुई उसकी व्यायाम पद्धति को अपनाने से नहीं कतराते। वह नियमित व्यायाम या योग करते हैं। जिसमें सूर्य नमस्कार शामिल है। उसके बाद चीन द्वारा दी गयी मार्शल आर्ट और जापानी शिएत्सु को कभी नहीं छोड़ते। वह नियमित और सही तरीके से इसका पालन करते हुए अपने जीवन को दीर्घायु तक ले जाते हैं।
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कुछ अच्छे और महत्वपूर्ण अंश-
तनाव कम करने के लिए सजग रहे-
हमें सताने वाले डर व चिंताएं चाहें असली हो या नकली, लेकिन उससे जो तनाव पैदा होता है उसके परिणाम असली ही होते हैं। उस तनाव के हमारे मन और शरीर पर भी बुरे परिणाम होते हैं। इससे हमारी हजम करने की शक्ति और त्वचा से लेकर कई सारे अंगों पर बुरा परिणाम होता है।
इसलिए समस्या आने से पहले ही हमें उसके खोजने होंगे कई सारे लोगों ने इसके लिए मैनड़फूल, मतलब सजग रहने की सलाह दी है। तनावमुक्त होने के उपायों में सजग रहने को सबसे ज़्यादा महत्व दिया गया है। हम किन परिस्थितियों में कैसा प्रतिसाद देते हैं, इस पर अपना ध्यान एकाग्र करना सजगता का पहला पायदान है। ऐसा करने से हम अपने आप वर्तमान में जिने लगते हैं और विचारों को अपने नियंत्रण के बाहर जाने से रोक पाते हैं।
थोड़ा सा तनाव अच्छा होता है-
डॉ. हॉवर्ड एस. फ्रीडमैन यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, रिवरसाइड में मनोविज्ञान के प्रोफेसर हैं। उन्होंने बीस साल तनाव पर कां किया और यह जानने की कोशिश की कि उसका मानवीय जीवन पर क्या असर होता है।
वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि जो लोग कुछ हद तक तनाव में रहते हैं वे सामने आई समस्या से पहुंचे कि जो लोग कुछ हद तक तनाव में रहते हैं वे सामने आई समस्या से लड़ने के लिए टन-मन से ताकत लगाते हैं। ये लोग ज़्यादा आरामदेह और सुस्त जीवन जिने वाले लोगों से ज़्यादा स्वस्थ रहते हैं और ज़्यादा जीते हैं।
इससे यह साबित होता है कि नियंत्रित मात्रा में तनाव में रहने वाले लोगों पर तनाव का सकारात्मक परिणाम होता हैं। वे लोग ज़्यादा आनंदित जीवन जीते हैं, अच्छी आदतें बनाते हैं तथा धूम्रपान व मद्यपान जैसी आदतों से दूर रहते हैं।
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Quotes
जोश से भरा हुआ मन हमेशा आपको जवान रखता है और उम्र बधने के आसार कम दिखाई देते हैं।
ikigai
जब भी हमारे जीवन में कोई उद्देश्य नहीं होता है या धुंधला होता है तो हमें अपने सतीत्व के बारे में भी निराशा महसूस होने लगती हैं।
ikigai
हम जैसा करते हैं, वैसे बनते हैं। इसलिए उत्कृष्टता कोई क्रिया नहीं है, यह तो हमारी आदत है।
अरस्तू
आनंदित इंसान को वर्तमान में ही इतना आनंद मिलता है कि उसे भविष्य के विचारों में खोने की जरूरत ही नहीं होती है।
ikigai
अगर हमें हमेशा प्रवाह में रहना है तो कोई न कोई अर्थपूर्ण चुनौती हमारे सामने होनी चाहिए।
ikigai
लंबी उम्र के लिए असली वजह तो हसते-हँसते जीवन जीना और आज को अच्छे तरीके से बिताना ही है।
ikigai
हमें वैसे खाने से बचाना चाहिए जिससे हमारे द्वारा ली जाने वाली कैलरीज़ की मात्रा बढ़ जाए लेकिन उसमें पौष्टिक का अभाव हो।
ikigai
जो चीजें हमारे नियंत्रण में नहीं आती हैं उनके बारे में चिंता करने का कोई भी फायदा नहीं है।
ikigai
आपके साथ क्या घटना होती है यह महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण यह है कि आप उस घटना पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
ikigai
इच्छाओं और आकांक्षाओं को सजगता से देखना और उनसे मुक्त होनया जरूरी है। परिपूर्णता में सुंदरता खोजने की बजाय अपूर्णता में सुंदरता को खोजना ही असली कला है।
ikigai
FAQ
Q इकिगाई का लेखक कौन है?
इकिगाई का लेखक “हेक्टर गार्सिया और फ़्रांसेस्क मिलारेस” है।
Q इकिगाई का मतलब क्या होता है?
किताबी भाषा के अनुसार-“हमेशा व्यस्त रहने से मिलने वाला आनंद”। इकिगाई शब्द जापान के लोगों की लंबी आयु का रहस्य बताता है। जापान के ओकिनावा राज्य में रहने वाले लोगों की आयु काफी ज़्यादा होती है। यहाँ पर प्रति एक लाख लोगों में से 24.55 लोग 100 साल से ज्यादा उम्र के पाए जाते हैं। जो वैश्विक स्तर की तुलना में यह काफी ज़्यादा अनुपात है।
Q जापानी लोगों के लंबे उम्र तक जीवन जिने का क्या रहस्य है?
मस्तिष्क पर को कोई तनाव न ले, यह आपके दीर्घायु न होने का सबसे बड़ा कारण है, बेकार का बातें न सोचा करें। अपने आप को हमेशा व्यस्त रखे। कभी भी अपने आप को दूसरे के साथ कंपेयर न करें। इन्सी सब बातों से जापान में रहने वाले ओकिनावा के लोग अपने को दूर रखते हैं और अपने काम को निरंतर करते रहते हैं। जो उन्हे दीर्घायु होने में बढ़ावा देता है।
Q दीर्घायु जीवन जिने वाले जापानी लोगों का खान-पान कैसा है?
ओकिनावा राज्य के लोग काफी विविधातापूर्ण खाना खाते हैं, जिसमें सब्जियों की मात्रा ज़्यादा होती है। भोजन में यह विविधता उनकी लंबी आयु का राज हो सकता है।
ओकिनावा में लंबी आयु के लोगों का सर्वेक्षण किया गया तो पता चला कि वे 206 प्रकार के पदार्थ का सेवन करते हैं जिसमें कई मसालें भी शामिल हैं। वे दिन में कम से कम 18 विभिन्न प्रकार के पदार्थ खाते हैं। हमारे खाने की संस्कृति से यह बिल्कुल विपरीत है।
वे दिन में कम से कम पाँच बार फल और सब्जियां खाते हैं। वे दिन में सात अलग-अलग प्रकार के फल खाते हैं। जिसमें लाल शिमला मिर्च, गाजर, पालक, गोभी और बैंगन मुख्य हैं।
Q विश्व की सबसे लंबी उम्र तक जीवित रहने वाली महिला का नाम क्या है और वो कहना की रहने वाली थी?
सन् 1875 में फ्रांस के अहले में जन्मी जेन केल्मे 04 अगस्त, 1997 को विश्व की सबसे बुजुर्ग महिला के तौर पर पहचानी गई थीं। उस वक्त उनकी उम्र 122 वर्ष की थी ।
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