Henry Vi: part i, ii and iii

Henry Vi: part i, ii and iii, book review, summary in hindi, Quotes, pdf download

इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपसे विलियम शेक्सपियर द्वारा लिखित Henry Vi की part i के साथ-साथ ii and iii की book review और summary in hindi के साथ-साथ henry vi की quotes को भी साझा करेंगे।

Henry Vi: part i, ii and iii, book review

प्रिय पाठकों के पढ़ने के लिए मैने हेनरी की सभी भाग को सम्मिलित कर दिया है।

“Henry Vi और Henry Viii” विलियम शेक्सपियर द्वारा लिखित एक बहुत ही उलझा हुआ नाटक है, जिसे आज के समय में हिन्दी भाषियों के लिए मैपल प्रेस प्राइवेट लिमिटेड ने प्रकाशित किया है। अगर आपने चौथे और पाँचवे हैनरी को पढ़ा है या आप उस बेहतरीन नाटक को जानते हैं तो उसी नाटक को आगे बढ़ाते हुए छठवाँ और आठवाँ हैनरी को लिखा गया है।  

चौथा हैनरी जिस प्रकार अपनी राजगद्दी हारने के बाद मारा जाता है उसी राजगद्दी को पाँचवाँ हैनरी फ्रांस के राजा को हराकर अपनी बाप-दादा की राजगद्दी वापस लेता है। तो वहीं Henry Vi इन सबसे अलग है। वह बहुत शांत है। वह लड़ाई-झगड़ा से हमेशा दूरी बनाए रखता है। वह जहां तक हो सके युद्ध को टालने की कोशिश करता है। लेकिन माहौल उसके ठीक विपरीत हो जाता है।

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शेक्सपियर ने चौथे और पाँचवे हैनरी को जितना मजबूत योद्धा बताया उतना ही Henry Vi को कमज़ोर, शांत और उतना ही सुलझा हुआ दिखाया है। पाँचवाँ हैनरी की जीवन युद्ध कहानी जितनी सुलझी थी, Henry Vi का जीवन उतना ही उलझा हुआ है। उसे फ्रांस गवाना पड़ता है, उसकी पत्नी उसे एक डरपोक राजा कहकर संबोधित करती हैं।

शेक्सपियर ने इस नाटक में पुरुष पात्र को धूर्त, छल-कपटी और निर्दई की छवि प्रस्तुत करता है तो वहीं महिला पात्र को वीर, साहसी, बुद्धिमान और निडर। जिस प्रकार जेन डार्क और मारग्रेट ने अपने आप को प्रस्तुत किया वह काफी सराहनीय है और मजेदार भी।

यह बहुत ही रोमांचक है। अगर आप इसे ध्यान से नहीं पढ़ते हैं तो आप इसमें किसी भी पात्र से बिछड़ सकते हैं, जो आगे चलकर आपको सोचने पर मजबूर कर देगा इसलिए इसे सावधानी से पढ़ें।

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Henry Vi: part i, ii and iii, summary in hindi

पचवाँ हैनरी फ्रांस की राजकुमारी से शादी कर जब इंग्लैंड लौटता है तो नगर वासी उसकी खूब धूम-धाम से स्वागत  करते हैं। लेकिन फ्रांस का राजकुमार डौफिन उसका विरोध करता है। जिसकी कारण युद्ध की शुरुआत हो जाती है और दो साल तक चलती है। इससे परेशान होकर पंचम हैनरी की तबीयत खराब हो जाती है और फिर कुछ ही दिनों बाद उसकी मृत्यु।

लंबे दिनों तक युद्ध चलने के कारण इंग्लैंड और फ्रांस को जान-माल दोनों का भरी नुकसान होता है लेकिन इंग्लैंड को कुछ ज़्यादा ही। उसके बाद जब छठवाँ हैनरी दो साल  का हो गया तो उसने इंग्लैंड की गद्दी को संभाला। तब तक इंग्लैंड के हाथ से फ्रांस निकल चुका था और डौफिन अपने आस-पास के राज्यों की मदद से फ्रांस का राजा बन गया।

डौफिन को फ्रांस की सत्ता दिलाने में जेन डार्क नाम की एक वीर महिला योद्धा का हाथ था। जिसने हैनरी के वीर से वीर योद्धा जैसे टालबट, साल्सबरी जैसे योद्धा ने जेन डार्क के सामने घुटने टेक दिए तो वहीं बरगंडी नाम योद्धा को जेन डार्क ने अपनी चापलूसी बभरी बातें और चतुराई से उसे अपने में शामिल कर लिया।

जैन डार्क की इस अहम भूमिका से डौफिन ने इंग्लैंड के कई अहम राज्य को हथिया लिया। लेकिन बहुत कोशिशों के बाद जैन डार्क जब इंग्लैंड के हाथ लगी तो उसे जिंदा जला दिया गया।

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इसी युद्ध में ऐज़्जू के राजा की लड़की मारग्रेट अंग्रेजी योद्धा सफोक के हाथ लगी। मारग्रेट बहुत सुंदर थी। उसके रूप को देखकर सफोक का मन उसकी  ओर आकर्षित हो गया, परंतु उसका विवाह हो चुका था, इसलिए मारग्रेट के साथ संबंध बनाना असंभव था।

तब उसने यह विचार किया कि इस युवती को इंग्लैंड की महारानी बनाना चाहिए। मारग्रेट ने यह बात माँ ली और उसके पिता से इस शर्ट पर संधीन कि उसकी ऐज़्जू का राज लौटा दिया जाएगा। हैनरी ने यह स्वीकार किया। रोम के पॉप ने भी आग्रह किया कि फ्रांस इंग्लैंड के युद्ध में ईसाइयों का खून बहता है, इसलिए संधि हो जानी चाहिए।

विन्चेस्टर का लॉट पादरी ने डौफिन और हैनरी के बीच संधि करा दी। जिसमें डौफिन की भी सहमति थी। छठवाँ हैनरी भी यही चाहता था। मारग्रेट की हैनरी से शादी हो गई और संधि के मुताबिक ऐज़्जू के राजा को उसके राज के साथ-साथ एक और राज्य उसे दे दिया गया।

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इस कारण जिन इंग्लैंड के ही कुछ योद्धाओं ने उस राज्य को हासिल किया था, वह हैनरी के खिलाफ हो गए। जिसमें मुख्य ग्लौस्टर, सालसबरी, वारिक, विन्चेस्टर का पादरी और रिचर्ड यार्क ये सब लोग शामिल थे।  

थोड़े दिन बाद फ्रांस देश के प्रांतों के अध्यक्ष-पद के लिए झगड़ा हुआ। पहले बैडफोर्ड फ्रांस का अध्यक्ष था। दो आदमी यानि सोमसेट और यार्क भी यही पद चाहते थे। ग्लौस्टर यार्क की ओर था, परंतु सफोक सोमरसेट को चाहता था।

मारग्रेट के सामने सोमरसेट और यार्क ने उस अध्यक्ष पद के लिए एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरू कर दिया, जिसमें विन्चेस्टर का पादरी भी यार्क का ही साथ दिया और सोमरसेट को मारग्रेट के सामने ऐसा सिद्ध कर दिया कि वह राजद्रोह है। वह नीच है और फ्रांस की अध्यक्ष पद के लिए काबिल नहीं है।

सोमरसेट को कैद कर लिया गया। अब ग्लौस्टर की बारी आई तो विन्चेस्टर का पादरी और यार्क ने मिलकर मारग्रेट की नज़र में उसे भी गलत साबित कर दिया और उसे भी कैद कर लिया गया, जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गई। ग्लॉस्टर की मृत्यु पर हैनरी ने शोक व्यक्त कीए। और सफोक को देश निकाला दे दिया गया। और दूसरे राज्य के सैनिकों ने उसे पकड़ कर हत्या कर दी।

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राज्य में कलह मैच गया। यार्क ने हैनरी पर हाला कर दिया और राजगद्दी को अपने कब्जा में ले लिया। हैनरी और  मारग्रेट को अपनी जान बचाने लिए लंदन भागना पड़ा। वहाँ उसने एक राजसभा बुलाई जिसमें उसने अपना प्रस्ताव रखा कि मुझे मेरे ही राज अधिकार से वंचित कर दिया गया है। जिसका मैं अधिकारी हूँ।

उस राजसभा में यार्क अपने पुत्रों, एडवर्ड और रिचर्ड तथा नाफार्क और वारिक के साथ वहाँ पर आ गया। उनकी टोपीयों में सफेद गुलाब के फूल लगे हुए थे और उनके विरोधियों अर्थात हैनरी के साथियों का चिन्ह लाल गुलाब था, इसलिए इस युद्ध को जो ऐलबंस की लड़ाई से आरंभ हुआ और लगातार 25 वर्ष तक चलता रहा ‘गुलाब युद्ध’ के नाम से जाना गया है।

जिस समय यार्क अपने साथियों सहित राजसभा भवन की ओर आया था, उसका विचार हैनरी को पकड़ लेने का था। परंतु हैनरी अवसर पाकर निकल गया।

हैनरी ने  राजसभा में सबके सामने अपना पद के अधिकार की मांग को रखा, जिसमें एल्सिटर, वेस्टमोरलैंड और नारथंबरलैंड ने हैनरी का साथ दिया तो यार्क का वरिक  ने। यार्क ने कहा कि हैनरी के पिता से पहले इंग्लैंड की राजगद्दी उसके पिता की थी, जिसे मार कर हैनरी ने यह गद्दी हासिल की और अब मैने तुमसे।

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उस राजसभा में यार्क इतना उत्तेजित हो गया कि छटवाँ हैनरी को लगा कि उसकी मृत्यु यार्क के हाथों में अभी है तो उसने एक प्रस्ताव रखा कि वह जब तक जीवित है, वह गद्दी पर बैठेगा और उसके मृत्यु के पश्चात यार्क इंग्लैंड का राजा बनेगा नाकि उसका पुत्र प्रिंस आफ वेल्स।

जब यह प्रस्ताव मारग्रेट को पता चली तो उसने सोर मचान शुरू कर दिया, उसने हैनरी को बहुत गालियों सुनाई। उसे डरपोक राज्य कहकर संबोधित किया। यह कहकर मारग्रेट अपने पुत्र के साथ वेकफील्ड के पास यार्क का मुकाबला के लिए चली गई। क्लीफ़र्ड नारथंबरलैंड और बहुत सारे अन्य योद्धा उसके साथ थे। भयंकर युद्ध हुआ। जिसमें यार्क मारा गया।

यार्क के मरने के बाद उसका पुत्र एडवर्ड यार्क का मुखिया बना और हालांकि इन लोगों को दो लड़ाइयों में हार मिल चुकि थी, फिर भी वारिक ने हिम्मत नहीं हारी और लोगों को इकट्ठा करके मारग्रेट से पहले लंडन पहुँच गया और अपने को राजसभा चौथा एडवर्ड बताया।

हैनरी को यार्क का मारा जाना कुछ उचित नहीं लगा। मारग्रेट और क्लीफ़र्ड ने उसे समझाने की कोशिश की। तब  तक एडवर्ड अपने कुछ साथियों के साथ उनके पास आ गया और दोनों में कुछ बहस हुई, जिसके बाद फिर युद्ध हुआ और हैनरी को भेष बदलकर भागना पड़ा तो वहीं मारग्रेट अपने लड़के के साथ फ्रांस के राजा लुईस के पास चली गई।

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कुछ दिनों बड़ा हैनरी पकड़ा गया, जिसे कैद कर लिया गया। मारग्रेट ने जब लुईस से अपनी बात रखी तो उन्होंने सांत्वना दी की वह उसकी मदद करेंगे क्योंकी वह अब भी मारग्रेट को महारानी मानते हैं।

जब थोड़े दिनों बाद मारग्रेट अपनी सेना लेकर आई तो एडवर्ड और मारग्रेट के बीच युद्ध हुआ, जिसमें मा-बेटे पकड़े गए और एडवर्ड के भाई रिचर्ड के हाथों राजकुमार मारा गया। यह देखकर मारग्रेट ने अपनी मृत्यु की भी इच्छा जाहीर की लेकिन उसे कैद कर यार्क अपने साथ लेकर चला गया।

रिचर्ड यह खबर लेकर हैनरी के पास गया, जहां वह कैद किया हुआ था। जब रिचर्ड के मुख से हैनरी अपने पुत्र के हत्या की पता चला तो वह बहुत दुखी हुआ। उसने रिचर्ड को बहुत भला-बुरा कहा, जिससे परेशान होकर रिचर्ड ने उसे अपनी तलवार से मार डाला। और अब उसके निशाने पर एडवर्ड था। 

कुछ अच्छे और महत्वपूर्ण अंश-

सालसबरी- “अनुचित बात के लिए कसं खाना पाप है और पापयुक्त कसं के अनुसार चलना महापाप। यदि किसी ने किसी की हत्या करने, किसी स्त्री की इज्जत लूटने, किसी अनाथ का माल लेने या किसी विधवा को लूटने की कसं खाई हो तो क्या उसे ऐसी कसं को पूरी करना उचित है?”

मारग्रेट- “मजबूर! हाँ, मजबूर किया था! क्या यह राजा है? राजाओं को कौन मजबूर कर सकता है? हे कायर अभागे! तुमने अपना, मेरा और अपने पुत्र का नाश कर दिया। क्या तुम समझते हो कि तुम बच जाओगे? क्या भेड़ियों से घिरी हुई भेड़ बच जाति है? यदि मैं तुम्हारी जगह होती, तो चाहे सिपाही लोग भालों पर उछाल-उछालकर मुझे मार डालते, परंतु इस अन्याय की बात को स्वीकार नहीं करती!

परंतु तुम अपनी जान को यश से अधिक चाहते हो, इसलिए मैं तुम्हारे पास से जा रही हूँ और जब तक राजसभा से यह तय नहीं हो जाएगा कि तुम्हारे बाद तुम्हारा पुत्र ही गद्दी पर बैठेगा, उस समय तक तुम्हारे पास नहीं आऊँगी। मैं जा रही हूँ और नारथंबरलैंड आदि की सहायता से यार्क का सामना करूंगी।”

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पात्रों के चरित्र-चित्रण-

छठवाँ हैनरी-

पंचम हनेयरी की तरह छठवाँ हैनरी में राजा बनने की काबिलियत नहीं है। वह नरम और कोमल दिल का है। उसके अंदर उत्साह नहीं है। उसके रहते ही उसके मंत्री आपस में लड़ने लगते हैं, जिसे वो अपनी बातों से समझाता है। उसे लड़ाई करना पसंद नहीं। उसे बस अपनी लालच है। वह अपने पुत्र और पत्नी के बारे में नहीं सोचता।  

जेन डार्क-

जेन डार्क फ्रांस की एक बहुत ही साहसी और वीर योद्धा है। उसे तलवार के साथ युद्ध करने में मजा आता है। वह किसी से डरती नहीं, सीधे सामना करती है और अपने प्रतिद्वंदी को हरा कर ही सांस लेती है। इन सब कलाओं के बाद वजह बहुत ही होशियार और चतुर महिला है। वह अपने को सिद्ध करना जानती है।  

मारग्रेट-

मारग्रेट को जेन डार्क की परछाई कहना गलत नहीं होगा। क्योंकि वह भी उसी के प्रकार साहसी, निडर और बहादुर है। उसे अपने पति पर भरोसा नहीं। वह अपना राज्य को हथियाना जानती है। वह अपने बेटे के हक के लिए लड़ती है। दुश्मन को हरा देती है। लेकिन उसका बेटा मारा जाता है और उसे कैद कर लिया जाता है। लेकिन वह हार नहीं मानती।

Henry Vi: part i, ii and iii, Quotes-

हराम का कमाया हराम में ही जाता है।

Henry Vi

लुटेरे लोग अपनी लूट को बहुत उदारता से खर्च करते हैं। मित्रों को खिलाते हैं, वेश्याओं पर लुटाते हैं।

Henry Vi

छोटे पिल्लों के गुर्राने की कोई भी चिंता नहीं करता, परंतु शेरों की दहाड़ से बड़े-बड़े लोग डर जाते हैं।

Henry Vi

जब लोमड़ी मेमने को पकड़ती है तो भोंकती नहीं।

Henry Vi

साफ दिल के मनुष्य कभी नहीं डरते।

Henry Vi

ऐश्वर्य की इच्छा ने शुभ गुणों को छुपा रखा है।

Henry Vi

लोगों के मन से दया का भाव खत्म होता जा रहा है।

Henry Vi

कुत्ते को मारने के लिए लकड़ी मिल ही जाती है।

Henry Vi

अनुचित बात के लिए कसं खाना पाप है और पापयुक्त कसं के अनुसार चलना महापाप।

Henry Vi

जानवर भी उस मनुष्य पर आक्रमण करते हैं, जो उनके बच्चों को मारता हो।

Henry Vi

अन्याय से ली हुई चीज दुखदायी होती है। पुत्र को तो वही पिता अच्छा लगता है, जो उसके लिए धन एकत्र करके नरक में चला जाए।

Henry Vi

अपराधी को हमेशा शंका होती है! चोर जिस झाड़ी को देखता है, उसको सिपाही ही समझता है।

Henry Vi

यदि पक्षी एक बार किसी झाड़ी में फंस जाए, तो उसे सब झाड़ियों पर शंका होती है।  

Henry Vi

FAQ-

Q Henry Vi का लेखक कौन है?

विलियम शेक्सपियर Henry Vi के लेखक हैं।

Q Henry Vi कौन था?

Henry Vi इंग्लैंड का राजा था।  

Q मारग्रेट कौन थी?

मारग्रेट ऐज़्जू राज्य के राजा की पुत्री और Henry Vi की बहादुर पत्नी थी।

Q Henry Vi के पुत्र का क्या नाम था?

Henry Vi के पुत्र का नाम प्रिंस ऑफ वेल्स था।

Q जेन डार्क कौन थी?

जेन डार्क मरियम द्वारा भेजी गई दूत थी, जिसने फ्रांस की ओर लड़ने का फैसला किया और अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए।

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