इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपसे Hamlet की Book Review के साथ-साथ Summary in Hindi और Quotes के साथ-साथ pdf download भी साझा करेंगे।
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Hamlet: Book Review
हैम्लिट! अगर आपने हॉलीवूड या बॉलीवूड की फिल्मे देखना पसंद करते हैं या आपने विलियम शेक्सपियर का नाम सुना होगा तो आप इस नाम से अवश्य परिचित होंगे।
“हैम्लिट” विलियम शेक्सपियर द्वारा लिखित उनके प्रमुख और सभी चर्चित नाटकों में गिना जाने वाला सबसे उच्च कोटी का नाटक माना जाता हैं। जिस पर आज भी देश-विदेश में मंचन कीए जाते हैं। और शदियों से इस नाटक पर देशों और विदेशों में चलचित्र भी बनाए गए हैं।
1996 में हॉलीवूड ने और अभी कुछ साल पहले ही बॉलीवूड ने भी मिस्टर शाहिद कपूर के साथ मिलकर हैदर नाम की फिल्म बनाई थी, जो काफी सुर्खियों में रही थी। इसी से आप इसकी महत्ता और लोकप्रियता को जान सकते हैं।
विलियम शेक्सपियर की इस नाटक में आपको दुख, डर, आश्चर्य, आतंक आदि ये सभी भावनाएं पढ़ने और जानने को मिलेंगी। यह नाटक एक बदले की है, जिसमें बदला लेने वाला बहुत ही भावुक और भोला-भाला लड़का है लेकिन समय की मार उसे बहुत ही होशियार, सचेत और बहादुर बना देती है।
हैम्लिट, जो डेनमार्क का राजा है। एक दिन उसका भाई उसे राज्य और उसकी प्यारी सुंदर पत्नी को पाने की लालच में अपने बड़े भाई को मार देता है। और राज्य के साथ उसकी पत्नी को हथिया लेता है। यह बात जब हैम्लिट के पुत्र छोटे हैम्लिट को पड़ती है तो वह अपने चाचा से बदला लेने का प्रण करता है।
शेक्सपियर ने अपने इस नाटक में पात्र और भावनाओं की रचना इस प्रकार की है कि आप इसके किसी भी पात्र से उसके सम्मोहन से बच नहीं पाएंगे। क्लौडियस का छल-कपट, हैम्लिट का अपने पिता के प्रति प्यार और लार्टीज़ के हेमलेट के प्रति मित्रता। आपकों बांध लेंगे। मैं अपने को बड़ा दुर्भाग्य मानता हूँ, की मैने इसे आज पढ़ा, जबकि यह किताब मेरे पास वर्षों से था, लेकिन मैं अपने को सौभाग्य भी मानता हूँ, कि मैने इसे पढ़ा।
मुझे तो यह नाटक या कहानी बहुत अच्छी लगी, उम्मीद हैं आपको भी अवश्य अच्छी लगेगी। कृपया हमें कमेंट कर जरूर बताएं।
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Hamlet: Summary in hindi
यह कहानी डेनमार्क के राजकुमार हैम्लिट की है। जिसकी पिता की मृत्यु के चंद महीने बाद ही उसकी माँ गरटूड ने चाचा क्लौडियस से शादी कर ली और खुशी-खुशी जीवन व्यतीत करने लगी। यह बात राज्य के कुछ लोगों के साथ राजकुमार हैम्लिट को भी खटकती थी।
क्योंकि क्लौडियस न तो शारीरिक रूप में महारानी के पहले पति के समान था और न ही मानसिक गुणों में ही, किन्तु वह उतना ही कुरूप था जितना कि नीच और दुष्ट। इन्ही सारी बातों को लेकर हैम्लिट हमेशा सोच-विचार और चिंता में डूबा रहता था। हैम्लिट अपने मृत पिता से बहुत गहरा प्रेम करता था। और अपनी माता द्वारा किया गया इस कार्य से से शर्म और घृणा भी होती थी।
हैम्लिट को दुखी होने का यह भी मुख्य कारण था, कि उसकी माँ कैसे उसके योग्य पिता को भूल सकती है। माँ गरटुड तथा ने राजा ने उसे बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन वह फिर भी नके चंगुल में न फसा और पिता के पटरी अपना दुख व्यक्त करता रहा।
एक बार क्या हुआ कि राज्य के बाहर पहरेदारों को एक आत्मा दिखी, जो हैम्लिट के पिता की तराग़ ही दिखती है। रराजा की तरह उसके पहनावा और उसके पास तलवार भी रहता था। पहले तो उन्हे डर लगा और यह बात धीरे-धीरे एक-दूसरे के मुख से होते हुए हैम्लिट के कानों में पड़ी तो हैम्लिट ने एक रात पहरा देना स्वीकार किया।
उस रात हैम्लिट ने उसी आत्मा को देखा और और उससे बात करने की सोची। जब वह उस आत्मा से बात करने की विचार किया तो उस आत्मा ने यह कहा कि उसे किसी एकांत जगह पर चलना चाहिए। जिसके लिए हैम्लिट मान गया लेकिन उसके साथ के पहरेदार साथियों ने उसे ऐसा करने से मन कि कहीं यह कोई उसके पिता अके भेष में कोई बुरी आत्मा न हो।
हैम्लिट ने उसके बात को तनिक भी स्वीकार नहीं किया और उस आत्मा के पीछे-पीछे चलता गया। जब दोनों शांत जगह पर पहुंचे तो उस आत्मा ने अपनी बात को कहना प्रारंभ किया और हैम्लिट द्वारा पूछे जाने पर उसने बताया कि वह उसके पिता की ही आत्मा है, जो हर रात को भटकती रहती है और दिन की धूम में उसे प्रति दिन जलना होता है।
आत्मा अपनी बात जारी रखते हुए कहता है कि उसकी मृत्यु उसी के चाचा द्वारा की गई है। बागीचे में सोते समय मेरे कान में विष डाल दी गई, जिससे मेरे धड़कन थम गई। उसके बाद उसने तुम्हारी माँ को बहला-फुसला कर शादी कर ली और राज्य भी हड़प लिया। इसमें तुम्हारी माँ का कोई दोष नहीं। मैं उससे बहुत प्रेम करता हूँ और उसे भगवान के हाथों छोड़ दिया है, वह जैसा करेगी वैसा भरेगी तुम उसे कोई भी हानि नहीं पहुचाओगे।
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वहाँ से लौटने के बाद हैम्लिट के मन में अपने चाचा और वर्तमान में डेनमार्क के राज्य से बदला लेने की सोचता है। लेकिन यह बात उस दुष्ट आदमी के कानों तक न पहुंचे या किसी के माध्यम से उसे भनक भी न लगे, वह अपनी हालत को किसी पागल की भांति कर लेता है। और अपनी प्रियसी आफिलिया की मदद से वह अपने को राजा-रानी की नज़रों में अपनी प्रियसी के प्यार में पागल साबित कर देता है।
हैम्लिट अभी इन्ही सब सोच-विचार और अपने को किसी प्रकार राजा को मारने के षणयंत्र रचता रहता है। लेकिन उसे पूर्ण विश्वस नही होता है कि ये सब उसके चाचा ने ही किया है। उसी दौरान नगर में एक नाटक दल आता है। जिसकी नाटक को देखकर नगरवासी इतना प्रभावित होते हैं कि वह रोने-बिलखने लगते हैं।
हैम्लिट उनकी ही मदद से अपने पिता के साथ कीए हुए कांड को लिख कर उन्हे एक नया नाटक करने को कहता है। जिसे वह नाटक दल स्वीकार कर लेता है। नाटक चल रही होती है। राजा और रानी के साथ हैम्लिट भी वहाँ मौजूद रहता है। बीच-बीच में हैम्लिट राजा को देखता रहता है। और जब सोते हुए राजा के कां में विष डालने वाली घटना घटनी है तो उसी बीच राजा उठ कर चला जाता है।
जिससे हमलित को यह बात पक्की हो जाती है कि उसके चाचा ने ही उसके पिता को मारा है। अब हैम्लिट अपने चाचा को मारने के प्रति उसकी इच्छा और प्रबल हो जाती है। जब थोडईऊ सी भयानक लगती है तो राजा अपना अएक दल हैम्लिट के पीछे लगा देता है। हैम्लिट जब इन्ही सब बातों का चर्चा करता रहता है कि कमरें में परदे के पीछे छिपा एक दूत अपनी तलवार लिए बाहर आआ जाता है। जिससे रानी डर जाती है और हैम्लिट उस राजदूत को मारने में कामयाब होता है।
उसके मरने के बाद हैम्लिट जब उसका चेहरा देखता है तो पता चलता है कि यह अलीशिया के पिता हैं। हैम्लिट यह जानकर बहुत दुखी होता है। कुछ दिन बाद राजा हैम्लिट को अपने कुछ सेनानायकों एक पत्र के साथ इंग्लैंड भेज देते हैं। हैम्लिट अपनी बुद्धिमता और जागरूकता की मदद से उस पत्र को पढ़ने में कामयाब होता हैं, जिसमें हैम्लिट को मारने के संदेश लिखे होते हैं।
हैम्लिट उस पत्र को अपने द्वारा लिखे गए पत्र से बदल देता है। और उस राज्य में कुछ दिन बिताने के बाद अपने राज्य को लौट आता है। तब उसे पता चलता है कि उसकी प्रियसी ने आत्म हत्या कर ली है। जिससे वह बहुत दुखी होता है। जब उसे दफनाया जाता है तो वह अपनी प्रियसी के मृत शरीर से लिपटे उसके भाई को देखकर वह भावुक हो जाता है और वह अपने आप को रोक नहीं पाता।
वह खुल कर सामने आ जाता है। कुछ देर तक दोनों में झड़प होती है लेकिन अंत में दोनों एक साथी बन जाते हैं। कुछ दिनों बाद राजा फिर एक चाल चलता है, जिसमें अलीशिया का भाई लार्टीज़ के साथ हैम्लिट को युद्ध करना होता है। दोनों के तलवार में राजा ने विष लगवा दिया होता है। युद्ध शुरू होती है।
उसी दौरान शराब में जहर मिले होने के कारण महारानी की भी मृत्यु हो जाती है । युद्ध में दोनों के तलवार पर विष लगे होने के कारण दोनों एक-दूसरे को क्षति पहुचा चुके होते हैं। पहले लार्टीज़ की मृत्यु होती है। जिसके दुख से बौखला कर हैम्लिट तुरंत पास में खड़े राजा को भी मार देता है और कुछ मिनट बाद ही उसकी भी मृत्यु हो जाती है।
कुछ अच्छे और महत्वपूर्ण अंश-
हैम्लिट- नहीं, मैं अपशकुनों पर विश्वास नहीं करता। मुझे उनका कोई डर नहीं हैं, क्योंकि इनश्वर ने इस संसार में रहने वाले सभी प्राणियों की जीवन की अवधि पहले से ही निश्चित कर दी है, उसके विरुद्ध कुछ नहीं हो सकता। अगर मेरे जीवन का अंत अभी आआ गया है, तो फिर यह सोचना कि मैं और अधिक जीवित रहूँगा एकदम बेकार है।
क्योंकि अगर मेरी मृत्यु भविष्य की प्रतीक्षा न करके अभी आती है, तो उसे कौन रोक सकता है। वह आआकर ही रहेगी। फिर अगर अब कोई ऐसे दुखद घटना नहीं होती है, तो भविष्य का ही क्य पता है। इसलिए मैं इसी में विश्वास करता हूँ कि मनुष्य को इस तरह के तरह के डर को छोड़कर हमेशा जो कुछ भी सामने आए, उसका मुकाबला करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
जब मृत्यु के बाद कोई भी चीज हम अपने साथ नहीं ले जा सकते, तो उसे छोड़ने में हमें क्यों दुखी होना चाहिए? आने दो, जो भी आता है, किसके लिए डरना और किसके लिए दुखी होनया। जो भी होना है, उसे होने दो।
पात्रों का चरित्र-चित्रण-
हैम्लिट-
हैम्लिट करूण भावनाओं वाला सीधा-सादा और साधारण लड़का है। जिसे किताबें पढ़ना और खेलना अच्छा लगता है। लेकिन पिता की मृत्यु से वह बहुत आहत होता है। वह अपने पिता के हत्यारे का पता लगाता है। और बहुत ही होशियारी और चालाकी के साथ अपने प्रतिद्वंदीयों से लड़ता है और उन्हे मौत के घाट उतार देता है।
क्लौडियस-
क्लौडियस एक लालची, धूर्त और बहुत ही बदमाश इंसान है। जो अपने ही भाई की छल-कपट से हत्या कर उसकी राज्य के साथ पत्नी को छिन लेता है। और तो और जब उसको शक होता है कि आने वाले दिनों में हैम्लिट उसे हानि पहुंचा सकता है तो वह उसे भी मरने की बार-बार अथक प्रयास करता है। जिसमें वह सफल भी होता है लेकिन उसे भी अपनी जान गवानी पड़ती है।
Hamlet: Quotes
जब तक अच्छी तरह किसी बात का पक्का यकीन नहीं हो जाए, उस काम को करने के लिए तैयार नहीं होना चाहिए।
Hamlet: William Shakespeare
स्त्रियों को प्रेम और संदेह बराबर होते रहते हैं।
Hamlet: William Shakespeare
जब प्रेम अधिक होता है तब थोड़ी सी बात पर संदेह हो जाता है।
Hamlet: William Shakespeare
हमारी इच्छाएं हमारी स्मृति के अधीन हैं।
Hamlet: William Shakespeare
स्मृति के कम होने पर इच्छाएं भी बदल जाती हैं।
Hamlet: William Shakespeare
हम उत्तेजित होकर कभी कुछ इरादा कर लेते हैं, परंतु बाद में उस इरादे को बदलना पड़ता हैं।
Hamlet: William Shakespeare
बड़े मनुष्य के पाटन पर उसके साथी उसको छोड़ जाते हैं।
Hamlet: William Shakespeare
गरीब मनुष्य अगर धनी हो जाए, तो उसके शत्रु भ मित्र हो जाते हैं।
Hamlet: William Shakespeare
हम प्रतिज्ञा करने में तो स्वतंत्र है, परंतु उनका पालन हमारे हाथ में नहीं हैं।
Hamlet: William Shakespeare
मनुष्य का जीवन एक क्षण में नष्ट किया जा सकता हैं।
Hamlet: William Shakespeare
मनुष्य को भविष्य का डर छोड़कर हमेशा जो कुछ भी सामने आए, उसका मुकाबला करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
Hamlet: William Shakespeare
जब मृत्यु के बाद कोई भी चीज हम अपने साथ नहीं ले जा सकते, तो उसे छोड़ने में हमें क्यों दुखी होना चाहिए।
Hamlet: William Shakespeare
FAQ-
Q हैम्लिट का लेखक कौन है?
विलियम शेक्सपियर इस महान नाटक हैम्लिट के लेखक हैं।
Q हैम्लिट कौन था?
हैम्लिट डेनमार्क का राजकुमार था।
Q हैम्लिट के पिता की मृत्यु कैसे हुई?
हैम्लिट के पिता की मृत्यु उसके चाचा द्वारा सोते समय कान में जहर डाल देने से हुई।
Q क्या हैम्लिट अपने पिता के हत्यारे को मारने में सफल रहा?
हाँ! लेकिन खुद हैम्लिट भी उस हत्यारे के जाल में फस कर मारा गया।