इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपसे प्रसिद्ध नाटककार William Shakespeare द्वारा लिखित Chaturth Aur Pancham Henry नाटक की review, summary in hindi के साथ-साथ Quotes और pdf download को भी साझा करेंगे।
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Review
चतुर्थ और पंचम हेनरी विलियम शेक्सपियर द्वारा लिखित एक नाटक है। जिसे शेक्सपियर ने आज से 400 साल पहले लिखा था लेकिन वह आज भी फेमस है। आज के समय में इस नाटक को हिन्दी भाषा में प्रकाशित करने वाला मैपल प्रेस प्राइवेट लिमिटेड है। जिसने इसे प्रकाशित किया है।
इस किताब में दो नाटक है, पहला चतुर्थ हेनरी और दूसरा उसके मृत्यु के बाद उसका लड़का पंचम हेनरी । मुझे पंचम हेनरी, चतुर्थ हेनरी से ज्यादा प्रभावशाली लगा, जिसकी चर्चा मैं इस ब्लॉग में करूंगा।
अपने पिता चतुर्थ हेनरी की मृत्यु के बाद 1413 में अपनी पिता की गद्दी पर बैठने के बाद पंचम हेनरी ने जिस तरह सत्ता और राज्य को संभला उसे देखने वालों के होश उड़ गए। जब चतुर्थ हेनरी जीवित था, पंचम हेनरी एक मतवाला की जिंदगी जीता था, उसे राज्य में होने वाले किसी भी कां से कोई सरोकार नहीं था, लेकिन पिता की मरितु के बाद जो उसमें अचानक परिवरतं हुए उसे देखते हुए राज्य के मंत्री और सभासद चौधियाँ गए।
विलियम शेक्सपियर का यह नाटक एक राजा को अपने राज्य और कमजोर सैनिकों के अंदर भरते जोश को प्रदर्शित करता है तो वहीं फ्रांस के घमंडी और शत्रु को अपने से कमजोर समझने वाले को मात देता है। मुझे शेक्सपियर की यह नाटक बहुत ही अच्छी लगी, उम्मीद है इसे पढ़ने के बाद आपको भी अच्छी लगेगी, कृपया मुझे कमेंट कर अपनी राय अवश्य साझा करें।
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Pancham Henry: Summary in hindi
1413 में अपने पिता चतुर्थ हेनरी की मृत्यु के बाद जब पंचम हेनरी ने इंग्लैंड की राजगद्दी संभाली तो सभासदों और मंत्रियों को एक आश्चर्य बदलाव देखने को मिला, जो उन्हे विश्वास नहीं होता था कि कभी ऐसा होगा। चतुर्थ हेनरी के रहते उसका पुत्र एकदम निकम्मा था। मतवाला बना फ़ीरता था, राज्य के कार्य से उसे कोई सारोकार नहीं था। हमेशा शराब और शबाब से घिरा रहता था।
लेकिन पिता की मृत्यु के बाद जब पंचम हेनरी ने राज्य के कार्यभार के लिए हाथ आगे बढ़ाया तो सबसे उसके तरफ आश्चर्य भरी नज़रों देखा। चतुर्थ हेनरी के समय, जो राज्य सिर्फ और सिर्फ गृह कलह में फंसा हुआ था, पंचम हेनरी उन सबका ध्यान वहाँ से हटाकर अपने राज्य विस्तार के लिए दूसरे देशों को जितने के तरह मोड़ दिया।
ऐसा कहा जाता है कि पंचम हेनरी ने ऐसा सम्मोहन भाषण दिया कि जवान तो जवान बूढ़े और बच्चे भी फ्रांस से लड़ने के लिए अपने-अपने हथियार इकट्ठा करना शुरू कर दिया।
यह बात जब फ्रांस नरेश छठवे चालर्स को पता चली तो उन्होंने पंचम हेनरी का मजाक उड़ाते हुए अपने राजदूत से हेनरी को गेंद की एक टोकरी भेजी। और संदेश भेजा कि पंचम हेनरी अभी बच्चा है। उसे इन्ही गेंद से खेलते हुए बड़ा होना चाहिए।
पंचम हेनरी ने इस माजक को बड़े ही विनम्रता से टाल दिया और संयम से काम लिया। पंचम हेनरी ने ठाना कि हम इसी गेंद को आने वाले दिनों में फ्रांस नरेश को बारूद की गोलों में परिवर्तित कर जवाब देंगे। उसी समय राज्य के कुछ अधिकारी लार्ड कैम्ब्रिज, लार्ड स्कूप और लार्ड ग्रे फ्रांस से कुछ पैसे लेकर पंचम हेनरी को मारने का प्लान तैयार कर रहे थे लेकिन हेनरी के चाचा की सूझ-बुझ के कारण तीनों पकड़ लिए गए और उन्हे उनके ही नियमानुसार फांसी का दंड दिया गया।
पंचम हेनरी ने अपने राजदूत भेजकर फ्रांस नरेश के पास एक संदेश भेजा कि ईश्वर के नाम पर फ्रांस के राज्य को उनके लिए छोड़ दीजिए, क्योंकि इस पर उनका और उनकी संतान का अधिकार है और आप जबर्जस्ती इस पर राज कर रहे हैं। और यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो बहुत भीषण लड़ाई होंगी।
अगर आपने राजमुकुट को अपने पेट में भी छुपा लिया, तो भी हमारे राजा उसको निकाल लेगें। इसलिए वे बहुत तेजी के साथ आ रहे हैं। अगर आप विधवाओं को नहीं देखना चाहते, माताओं के उनके कोख को सुनी नहीं करना चाहते, बच्चों को अनाथ नहीं करना चाहते, तो आपको यह राज्य छोड़ कर चले जाना चाहिए। इतना कहने के बाद राजदूत इंग्लैंड लौट आया।
फ्रांस नरेश के मन में एक संशय पैदा हो गई, जिसके वजह से उन्होंने सोचा की अपनी बेटी कैथरीन का विवाह अगर उससे कर दें और दहेज में राज्य के कुछ भाग दे तो हो सकता है वो मान जाए, पर यदि ऐसा नहीं हुआ, तो…
फ्रांस नरेश के कोई जवाब नहीं मिलने पर पंचम हेनरी ने फ्रांस के अंदर अपने सैनिकों सहित घुसना प्रारंभ कर दिया, जिसका कोई सामना नहीं कर सका और उसकी चोट से इतना डरने लगे कि कुछ राज्य तो ऐसे ही उन्हे अपने राज्य में प्रवेश दे दिया।
फ्रांस नरेश के मंत्री और सभासदों ने उन्हे लड़ाई के लिए उकसाना शुरू किया ये कहते हुए कि उनकी इंग्लैंड की सेना कमजोर है, थाकि हुई है, और तो और उनकी सेना में बीमारी भी फैली हुई है। वह हमसे जित नहीं सकते। उनके आगे सरेंडर करना आपके लिए अपमान होगा। हमारी औरते हमें कभी भी सर उठा कर नहीं देखेंगी। हमारे बच्चे हमसे कभी बात नहीं करेंगे। इन सब बातों से प्रभावित होकर फ्रांस नरेश युद्ध के लिए तैयार हो गए।
फ्रांस नरेश के मंत्रियों के पास जो पंचम हेनरी के सेनाओं की जानकारी थी, वह बिल्कुल सही थी। पंचम हेनरी ने अपनी सेना का हाल जानने के लिए भेष बदल कर उनके बीच घूमने लगे और जो भी सोच सेनाओं के मन में थी, उसे जानने के बाद एक गौरवपूर्ण और जोश भरी भाषण देकर उनके अंदर एक उत्साह पैदा किया। जिससे प्रभावित होकर चोटिल और बीमार हुए सैनिकों ने भी उतनी तत्परता से अपने हथियार उठा लिए, जिस प्रकार एक बच्चा खेलने के लिए अपने खिलौनों पर हाथ रखता है।
आखिर वो दिन आ गया और दोनों सेनाओं में भीषण युद्ध हुआ, जिसमें फ्रांस नरेश की हार हुई। फ्रांस की ओर से 126 जागीदार और राजकुमार, 8400 सरदार, और अन्य सैनिक मारे गए। बल्कि पंचम हेनरी के तरफ से सिर्फ और सिर्फ 25 ही मारे गए थे और इस प्रकार पंचम हेनरी ने अपनी जित की विजय पताका फ्रांस राज्य में लहरा दिया।
इस अविश्वसनीय युद्ध में जित के बाद पंचम हेनरी ने कोई घमंड न दिखाते हुए उसने भगवान को सुक्रिया कहा। उसके बाद फ्रांस नरेश की बेटी कैथलीन से शादी भी रचाई।
कुछ अच्छे और महत्वपूर्ण अंश-
पंचम हेनरी- हे सर्वशक्तिमान! हे परमात्मा! आज मेरे सिपाहियों के दिल पत्थर के समान बना दो, जिससे वे डर नहीं सकें। हे ईश्वर! हे दयानिधे! ऐसी प्रेरणा दो कि वे अपने शत्रु की संख्या से नहीं दरें। हे प्रभो! आज मुझे दंड नहीं दीजिए। आज बचा लीजिए।
हे जगन्नाथ! आज उन पापों पर विचार नहीं कीजिए, जिनके द्वारा मेरे पिता ने राज्य प्राप्त किया था। प्रभु! मैने रिचर्ड की लाश को फिर से सम्मान के साथ समाधि में रख दिया है और उसकी मौत पर इतने आँसू बहा चुका हूँ जितनी खून की बुँदे भी उसके शरीर से नहीं निकली थीं। पाँच सौ गरीब और कमजोर आदमियों को रोज कहना खिलता हूँ ताकि वे रिचर्ड की आत्मा के लिए रात-दिन ईश्वर से प्रार्थना करते रहें।
मैने दो धर्म मंदिर बनवा दिए हैं, जहां पुरोहित रिचर्ड की शांति के लिए भजन गाते रहते हैं। इतना मैने किया है। और भी करूंगा, परंतु जो कुछ मैं करता हूँ वह उस हत्या के सामने कुछ भी नहीं है। हे प्रभु! मैं आपसे क्षमा चाहता हूँ। क्षमा चाहता हूँ।
पात्रों का चरित्र-चित्रण-
पंचम हेनरी-
पंचम हेनरी एक समझदार, बहादुर प्रेरणादायक शासक है। जो अपने दूसरे राज्य पर कब्जा करना जानता है। उसे अपने कमजोर सैनिकों को उत्प्रेरित करना आता है। उसे चमत्कार पर विश्वास है। उसे परमात्मा पर अटूट विश्वास है। उसे अपने कीए पर पछतावा और वह उसके लिए परमात्मा से क्षमा याचना भी करता है। कमजोर और बीमार सिपाहियों के अंदर जान फुकना उसके फितरत में है। वह सहनशील है।
Quotes
हमेशा शत्रु को अधिक समझ कर तैयारियां करनी चाहिए, जिससे जरूरत पड़ने पर किसी प्रकार की कमी नहीं पड़े।
Chaturth Aur Pancham Henry
बुराई में भी कुछ भलाई अवश्य है, अगर आदमी उसको जान सके।
Chaturth Aur Pancham Henry
अगर हमारा पड़ोसी दुष्ट है तो हम अवश्य जल्दी उठेंगे और जल्दी उठने से हमारे स्वास्थ्य तथा अन्य कामों को लाभ पहुंचेगा।
Chaturth Aur Pancham Henry
जैसे ही मन में उत्साह पैदा होता है, वैसे दुर्बल से दुर्बल शरीर मेन भी उत्तेजना आआ जाती है।
Chaturth Aur Pancham Henry
जिस आनंद को साधारण लॉग भोगते हैं, वह राजाओं के भाग्य में नहीं होता है।
Chaturth Aur Pancham Henry
तलवार, राजमुकुट, राजकोष, सेना राजगद्दी और अन्य राजचीन्ह राजा को वह मीठी नींद नहीं दे सकते, जो एक गरीब आदमी रूखी-सुखी खाकर पा लेता है।
Chaturth Aur Pancham Henry
वह मधुमक्खी भी बहुत बहादुर है, जो शेर की मूंछ पर बैठती है।
Chaturth Aur Pancham Henry
FAQ
Q पंचम हेनरी कौन था?
पंचम हेनरी चतुर्थ हेनरी का बेटा था। जो चतुर्थ हेनरी के मरने के बाद इंग्लैंड का सफल शासक साबित हुआ।
Q पंचम हेनरी इंग्लैंड राज्य का राजा कब और कैसे बना?
चतुर्थ हेनरी के मरने के बाद 1413 ई. में पंचम हेनरी ने इंग्लैंड की बागडोर संभाली और अपने सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार कर फ्रांस पर भी विजय हासिल किया।
Q फ्रांस नरेश छठवें चालर्स और पंचम हेनरी के बीच कौन से मैदान में युद्ध हुआ?
फ्रांस नरेश के साथ पंचम हेनरी ने अजिन-कूर के मैदान में युद्ध किया और पंचम हेनरी ने विजय हासिल किया।
Q चतुर्थ और पंचम हेनरी का लेखक कौन है?
विलियम शेक्सपियर चतुर्थ और पंचम हेनरी के लेखक है।
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