Atomic Habits Short Book in Hindi pdf Download free

Atomic Habits Short Book in Hindi pdf Download free

Atomic Habits Short Book in Hindi pdf Download free. जेम्स क्लियर द्वारा लिखे गए”Atomic habits” का यह शॉर्ट बुक है, इसमें हर पाठ का सार और चार्ट भी दिया हुआ है।

Table of Contents

Atomic Habits Book Review

“हा हा हा…” एटॉमिक हैबिट्स को पढ़ने के बाद मेरे मन-मस्तिष्क पर छाई खुशी है, जो मैं आपसे शेयर कर रहा हूँ। एटॉमिक हैबिट्स को पढ़ने से पहले मैने 30-35 किताबें पढ़ चुकी हैं, लेकिन जो सुख इस किताब को पढ़ने में मिली वो किसी और में नहीं। एटॉमिक हैबिट्स है ही ऐसी किताब। आप उपन्यास पढ़ते हैं, आप कविता पढ़ते हैं, आप किसी महापुरुष की बायोग्राफी पढ़ते और तो और आज कल आप सब मोटिवेशनल किताबें पढ़ने लगे हैं। ताकि आप उन सब से प्रेरित होकर अपने जीवन को सुदृढ़ और सम्पन्न बना सके। लेकिन फिर भी आप कुछ ज़्यादा हासिल नहीं कर पाते।

ऐसा क्यों? क्योंकि आप सही किताब का चयन नहीं कर पाते है। मेरे खयाल से सबसे पहले आपको डॉ. सुधीर दीक्षित द्वारा लिखी गई किताब “टाइम मैनेजमेंट” पढे और फिर जेम्स क्लियर की “एटॉमिक हैबिट्स” जिसका हिन्दी अनुवाद डॉ. सुधीर दीक्षित ने ही किया है।

“अच्छी आदतें डालो। बुरी आदतों से दूर रहो।“ ये चार शब्द आप सबने अपने चाहने वालों से जरूर बचपन में या आज भी जो थोड़े बदमाश निकल चुके लौंडे हैं, उन्होंने ऐसा सुना होगा। जो बच्चे अपने माता-पिता या भाई-बहन के कहने पर उनकी बातों को अमल करते हैं। वो भी ज्यादे दिनों तक नहीं टिक पाते और पुनः अपनी अवस्था पर लौट आते हैं। ऐसा क्यों? इसी परेशानी को जेम्स क्लियर कि महान किताब “एटॉमिक हैबिट्स” दूर करती है।

और सही में जेम्स की बातें मानव के दिमाग में ये बातें क्लियर करती है कि कैसे अच्छी आदतों को पकड़ा जाता है और बुरी आदतों को छोड़ा जाता है या उससे दूरी बनाई जा सकती है। जेम्स बड़े ही सटीकता से और आसान शब्दों में महान व्यक्तित्वों के उदाहरण या उनके छोटे-छोटे कहानियों के माध्यम से बताते हैं कि आदतें क्या होती है?, अच्छी आदतों की पहचान क्या है? बुरी आदतों की पहचान क्या है? कैसे आप बुरी आदतों के रास्तों से होते हुए अच्छे आदतों की ओर आप अग्रसर हो सकते हैं? कैसे आपके जीवन में 2 मिनट का फार्मूला बेहतरीन काम करता है।

Atomic Habits Book Summary

जेम्स की इस महान रचना  को पढ़ने के बाद पता चला कि कैसे मामूली छोटे बदलाव आपके सामने एक असाधारण परिणाम प्रत्यक्ष कर देते हैं। जेम्स हमें अच्छी आदतों को विकसित करने और बुरी आदतों को छोड़ने के आसान और अचूक उपाय बताते हैं।

अपनी इस क्रांतिकारी किताब में क्लियर बताते हैं कि आखिर कैसे छोटे बदलाव जीवन को बदल देने वाले नतीजों में तबदिल हो जाते हैं। वे कुछ आसान तकनीकें बताते हैं, जिससे किसी के जीवन में असत-व्यस्तता कम हो जाती है और जीवन अपेक्षाकृत आसान हो जाता है। इन तकनीकों में वे आदतों को क्रमबद्ध करने की भुलाई जा चुकी कला, दो मिनट के नियम की अप्रत्याशित शक्ति और गोल्डि लॉक्स ज़ोन में प्रवेश करने की तरकीब का उल्लेख करते है।

आधुनिक मनोविज्ञान और न्यूरोसाइंस के गहन शोध के आधार पर वे व्याख्या करते है कि ये छोटे बदलाव क्यों मायने रखते है। साथ ही वे उन ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेताओं, शीर्ष सीईओ और विख्यात वैज्ञानिकों की प्रेरक कहानियाँ भी बताते है, जिन्होंने उत्पादन, उत्प्रेरित और प्रसन्न बने रहने के लिए छोटी आदतों के विज्ञान को अपनाया है।

Atomic Habits Short Book in Hindi

छोटी-छोटी आयतों की आश्चर्यजनक शक्ति-

  • आदतें आत्म-सुधार की चक्रवृद्धि ब्याज है। हर दिन 1 पटरीक्षत बेहतर बनना लंबे समय में बहुत ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है।
  • आदतें दुधारी तलवार होती है। वे आपके पक्ष या विपक्ष में काम कर सकती हैं, इसलिए उनके बारे में विस्तार से समझना अनिवार्य है।
  • जब तक आप कोई अत्यंत महत्वपूर्ण पड़ाव को पार नहीं कर लेते, तब तक ऐसा लगता ही नहीं है कि छोटे-छोटे परिवर्तनों से कोई फरक पड़ रहा है। किसी भी चक्रवृद्धि प्रक्रिया के सबसे शक्तिशाली परिणाम मिलने में समय लगता है, इसलिए आपको धैर्य रखने की जरूरत होती है।
  • एटोमिक हैबित वह छोटी आदत है, जो किसी ज़्यादा बड़े सिस्टम का हिस्सा है। जिस तरह परमाणु अणुओं की ईंटें हैं, उसी तरह एटोमिक आदतें भी उल्लेखनीय परिणाओं की ईंटें हैं।
  • अगर आप बेहतर परिणाम चाहते हैं, तो किसी विशिष्ट लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित नहीं करें। इसके बजाय सिस्टम पर ध्यान केंद्रित करें।
  • आप अपने लक्ष्यों के स्तर तक ऊपर नहीं उठाते हैं। आप तो अपने सिस्टम्स के स्तर तक नीचे गिरते हैं।

आपकी आदतें आपकी पहचान को कैसे तय करती है

  • परिवर्तन के तीन स्तर हैं: परिणाम में परिवर्तन, प्रक्रिया में परिवर्तन और पहचान में परिवर्तन।
  • आपकी आदतों को बदलने का सबसे प्रभावी तरीका उस पर ध्यान केंद्रित करना नहीं है, जो आप हासिल करना चाहते हैं, बल्कि उस पर ध्यान ध्यान केंद्रित करना है, जो आप बनना चाहते हैं।
  • आपकी पहचान आपकी आदतों से उत्पन्न होती है। हर कां उस तरह के व्यक्ति के पक्ष में वोट है, जो आप बनना चाहते हैं।
  • अअपना सर्वश्रेष्ठ ससकरण बनने के लिए यह जरूरी है कि आप लगातार अपने विश्वासों का सम्पादन करें और अपनी पहचान को उन्नत तथा विस्तृत करें।
  • आदतें मायने रखती हैं, इसका असली कारण यह नहीं है कि उनकी बदौलत आप बेहतर परिणाम पा सकते हैं(हालाँकि वे ऐसा कर सकती है)। असली कारण तो यह है कि वे आपके बारे में आपके विश्वासों को बदल सकती है।

चार आसान कदमों में बेहतर आदतें कैसे डालें

  • आदत वह व्यवहार है, जिसे इतनी बार दोहराया गया है कि वह स्वचालित हो गया है।
  • आदतों का चरम उद्देश्य न्यूनतम संभव ऊर्जा और प्रयास से जीवन की समस्याओं को सुलझाना है।
  • किसी भी आदत को एक फीडबैक चक्र में तोड़ा जा सकता है, जिसमें चार कदम शामिल है: संकेत लालसा, प्रतिक्रिया और पुरस्कार।
  • व्यवहार परिवर्तन के चार नियमों का इस्तेमाल करके हम बेहतर आदतें डाल सकते हैं। ये हैं 1. इसे स्पष्ट बनाए। 2. इसे आकर्षक बनाए। 3. इसे आसान बनाए। 4. इसे संतुष्टिदायक बनाए।

1.     इसे स्पष्ट बनाए।

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वह व्यक्ति, जो सही नहीं दिख रहा था।

  • पर्याप्त अभ्यास होने पर आप निश्चित परिणामों की भविष्यवाणी करने वाले संकेतों को अचेतन रूप से पकड़ सकते हैं।
  • जब हमारी आदतें स्वचालित बन जाती हैं, तो हम उस काम या व्यवहार पर ध्यान देना छोड़ देते हैं।
  • व्यवहार बदले की परकीया हमेशा जागरूकता से शुरू होती है। आदतों को बदलने से पहले आपको उनके बारे में जागरूक बनना होगा।
  • आदतों का स्कोरबोर्ड एक आसान अभ्यास है, जिसका इस्तेमाल करके आप अपने व्यवहार के बारे में ज़्यादा जागरूक बन सकते हैं।

नई आदत शुरू करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका-

  • व्यवयहार परिवर्तन का पहला नियायम है इसे स्पष्ट बनाएं।
  • दो सबसे आम संकेत हैं निश्चित समय और निश्चित जगह।
  • क्रियान्वय इरादे की तकनीक का इस्तेमाल करके आप किसी नई आदत को किसी निश्चित समय और निश्चित जगह के साथ जोड़ सकते हैं।
  • क्रियान्वय इरादा बनाने का फार्मूला है: मैं(जगह) पर (समय) पर (व्यवहार)  करूंगा।
  • आदतों का ढेर की रणनीति का इस्तेमाल आप किसी नई आदत को वर्तमान आदत से जोड़ने के लिए कर सकते हैं।
  • आदतों के ढेर का फार्मूला हैं: (वर्तमान आदत) के बाद मैं (नई आदत) डालूँगा।

प्रेरणा को जरूरत से ज़्यादा महत्व जबकि परिवेश ज़्यादा महातपूर्ण

  • पृष्ठभूमि में छोटे परिवर्तन आगे चलकर व्यवहार में बड़े परिवर्तनों की ओर ले जा सकते हैं।
  • हर आदत एक संकेत से शुरू होती हैं। हमारे उन संकेतों पर गौर करने की ज्यादा संभावना होती है, जो अलग हटकर दिखते हैं ।
  • अच्छी आदतों के संकेतों को अपने परिवेश में स्पष्ट बनाएं।
  • धीरे-धीरे आपकी आदतें किसी अकेले संकेत से नहीं, बल्कि व्यवहार के आस-पास की पूरी पृष्ठभूमि से जुड़ जाती हैं। पृष्ठभूमि संकेत बन जाती है।
  • नए परिवेश में नई आदतें बनाना ज़्यादा आसान होता है, क्योंकि तब आप पुराने संकेतों के खिलाफ लड़ते नहीं है। 

आत्म नियंत्रण का रहस्य-

  • व्यवहार परिवर्तन के पहले नियम का उलट है: इसे अदृश्य बनाएं।
  • जब कोई आदत पड़ जाती है, तो उसे भुलाना संभव नहीं होता।
  • ज़्यादा आत्म-नियंत्रण वाले लोग प्रलोभन वाली स्थितियों में कम समय बिताते हैं। प्रलोभन का प्रतिरोध करने से ज़्यादा आसान यह होता है कि आप उसे अपने सामने आने ही नहीं दें।
  • किसी बुरी आदत को खत्म करने का बहुत व्यावहारिक तरीका यह है कि उसे उत्पन्न करने वाले संकेत से न्यूनतम संपर्क रखा जाए।
  • स्व-नियंत्रण दीर्घकालीन नहीं, अल्पकालीन रणनीति है।  

2.     इसे आकर्षक बनाएं-

किसी आदत को अति आकर्षक कैसे बनाए-

  • व्यवहार परिवर्तन का दूसरा नियम है इसे आकर्षक बनाए।
  • कोई अवसर जितना ज़्यादा आकर्षक होता है, उसकी आदत पड़ने की उतनी ही ज़्यादा संभावना होती है।
  • आदतें डोपामाइन संचालित फीडबैक लूप होती है। जब डोपामाइन बढ़त हई, तो कां करने की हमारी प्रेरणा भी बढ़ जाती है।
  • पुरस्कार के मिलने के बजाय इसकी प्रत्याशा हमसे काम कराती है। प्रत्याशा जितनी ज़्यादा होती है, डोपामाइन की प्रवाह भी उतना ही ज़्यादा होता है।
  • प्रलोभन की पोटली आपकी आदतों को ज़्यादा आकर्षक बनाने का एक तरीका है। रणनीति यह है कि आप जिस काम को करना चाहते हैं, उसे किसी ऐसे काम के साथ जोड़ दें, जो आपको करने की जरूरत है। 

आपकी आदतें डालने में परिवार और मित्रों की भूमिका।

  • हम जिस संस्कृति में रहते हैं, वही तय करती है कि हमारे लिए कौन-से व्यवहार आकर्षक हैं।
  • हम ऐसी आदतों को अपनाने की प्रवृति रखते हैं, जिनकी हमारी संस्कृति प्रशंसा और अनुमोदन करेगी, क्योंकि हमारे अंदर कुनबे में फिट होने और इसका सदस्य बने रहने की प्रबल इच्छा होती है।
  • हमने तीन सामाजिक समूहों की आदतों की नकल करने की प्रवृति होती है: करीबी समूह (परिवार के सदस्य और मित्र), बहुसंख्यक समूह(कुनबा)  और शक्तिसंपन्न लोग (जिनके पास प्रतिष्ठा और रुतबा होता है) ।
  • बेहतर आदतें बनाने के लिए आप एक बहुत प्रभावी चीज़ यह कर सकते हैं कि किसी ऐसी संस्कृति में शामिल हो जाएं, जहां(1 ) आपका वांछित व्यवहार सामान्य व्यवहार हो और 2 आपके और उस समूह में पहले से ही कोई समानता हो।
  • कुनबे का सामान्य व्यवहार प्रायः व्यक्ति के वांछित व्यवहार पर भरी पड़ता है। ज्यादातर मौकों पर हम अकेले सही होने के बजाय भीड़ के साथ गलत होनया ज़्यादा पसंद करेंगे।
  • यदि किसी व्यवहार से हमें अनुमोदन, सम्मान और प्रशंसा मिल सकती है तो वह हमें आकर्षक लगता है।

अपनी बुरी आदतों के कारण खोजें और दूर करें-

  • व्यवहार परिवर्तन के दूसरे नियम का उलट है इसे अनाकर्षक बनाए।
  • हर व्यवहार की सतही स्तर की लालसा और गहरे स्तर का अंतर्निहित उद्देश्य होता है।
  • आपकी आदतें प्राचीन इच्छाओं के आधुनिक युग के समाधान है।
  • आपकी आदतों का कारण दरअसल वह भविष्यवाणी है, जो उस कां से पहले आती है। यह भविष्यवाणी भावना की ओर ले जाती है।
  • किसी बुरी आदत से बचाने के लाभ गिनाएं, ताकि यह अनाकर्षक दिखने लगे।

3.     इसे आसान बनाए-

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धीमें चले, लेकिन पीछे की तरफ नहीं-

  • व्यवहार परिवर्तन का तीसरा नियम है: इसे आसान बनाए।
  • योजना नहीं, बल्कि अभ्यास सीखने का दूसरा प्रभावी रूप है।
  • चेष्टा करने पर नहीं, बल्कि कां करने पर ध्यान केंद्रित करें।
  • आदत डालना वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा कोई व्यवहार दोहराव के ज़रिए क्रमशः ज़्यादा स्वचालित बनता है।
  • महत्वपूर्ण आयह नहीं है कि आप किसी आदत को कितने समय कर रहे हैं;ज़्यादा महत्वपूर्ण तो यह है कि आपने उसे कितनी बार किया है।

न्यूनतम प्रयास का नियम-

  • ऐसा परिवेश बनाएं, जहां सही काम करना सबसे आसान हो।
  • अच्छे व्यवहारों से जूड़ी मुश्किल को कम कर दें। जब मुश्किल कम होती है, तो आदतें आसान होती है।
  • बुरे व्यवहारों से जुड़ी मुश्किल बाधा लें। जब मुश्किल ज़्यादा होती है, तो आदतें पड़ना मुश्किल होती हैं।
  • अगले अच्छे कामों को ज़्यादा आसान बनाने के लिए अपने परिवेश को सबसे उपयुक्त बनाए।

टालने की आदत रोकने के लिए दो मिनट के नियम का इस्तेमाल करें-

  • कुछ सेकेंड की आदतें भी कई मिनटों या घंटों बाद तक आपके व्यवहार को प्रभावित कर सकती है।
  • कई आदतें निर्णायक पलों में होती हैं-ऐसे चयन जो सड़क के दोराहे जैसे होते हैं-और आपको एक उपयोगी या अनुपयोगी दिन की दिशा में भेजती है।
  • दो मिनट का नियम कहता आहै,”जब आप कोई नई आदत शुरू करें, तो इसे अकरने में दो मिनट से कम समय लगाना चाहिए”।
  • आप किसी प्रक्रिया की शुरुआत को रस्म या दस्तूर की तरह जितना ज़्यादा बनाते हैं, उस गहरी एकाग्रता की अवस्था में पहुचना उतना ही ज्यादा संभव होता है, जो महान चीजें करने के लिए जरूरी होती हैं।
  • सर्वश्रेष्ठ बनाने से पहले सामान्य बनाएं। आप उस आदत को बेहतर नहीं बना सकते, जो मौजूद ही नहीं है।

अच्छी आदतें अनिवार्य और बुरी आदतें असंभव कैसे बनाएं—

  • व्यवहार परिवर्तन के तीसरे नियम का विपरीत है इसे मुश्किल बनाए।
  • वचनबद्धता विधि वर्तमान में लिया गया वह विकल्प है, जो भविष्य में बेहतर व्यवहार को सुनिश्चित करता है।
  • अपनी आदतों को स्वचालित बनाना भावी व्यवहार को सुनिश्चित करने का अचूक तरीका है।
  • एक बार के विकल्प- जैसे बेहतर गद्दे खरीदना या किसी स्वचालित बचत योजना के नाम लिखना- अकेले कां है, जो आपकी भावी आदतों को स्वचालित बनाते हैं और समय के साथ ज़्यादा लाभ पहुचाते हैं।
  • आपकी आदतों कोस्वचालित करने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना सही व्यवहार की गारंटी देने वाला सबसे विश्वसनीय और प्रभावी तरीका है।   

4.     इसे संतोषजनक बनाएं-

व्यवहार परिवर्तन का आधारभूत नियम-

  • व्यवहार परिवर्तन का चौथा नियम हैं- इसे संतुष्टिदायक बनाए
  • जब अनुभव संतुष्टिदायक होता है, तो हमारे किसी व्यवहार को दोहराने की ज़्यादा संभावना होती है।
  • मानव मस्तिष्क का विकास इस तरह हुआ है कि यह विलंबित पुरस्कारों के बजाय त्वरित पुरस्कारों को ज़्यादा प्राथमिकता देता है।
  • जिस व्यवहार को तुरंत पुरस्कार दिया जाता है, उसे दोहराया जाता है। जिस वुअवहार को तुरंत दंड दिया जाता है, उससे बचा जाता है।
  • किसी आदत को स्थाई बनाने के लिए आपको तुरंत सफल महसूस करने की जरूरत होती है- भले ही यह छोटी सफलता हो।

हर दिन अच्छी आदतें कैसे कायम करें-

  • प्रगति करने का भाव सबसे संतुष्टिदायक भवों में से एक है।
  • हैबिट ट्रेकर यह मापने का एक सरल तरीका है कि क्या अपने किसी आदतन व्यवहार को किया है-जैसे कैलेंडर पर एक्स का निशान लगाना।
  • हैबिट ट्रेकर और मापन के अन्य दिखने वाले रूप आपकी आदतों को संतुष्टिदायक बना सकते हैं, क्योंकि वे आपकी प्रगति का स्पष्ट प्रमाण दिखाते हैं।
  • शृंखला या सिलसिले को नहीं तोदे। अपनी आदत की निरन्तरता को कायम रखने की कोशिश करें।
  • कभी दो बार नागा नहीं करें। अगर एक दिन नाग हो जाए, तो जल्दी से जल्दी दोबारा परती पर आने की कोशिश करें।
  • आप किसी चीज का मापन कर सकते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वही सबसे महत्वपूर्ण चीज है। 

साझेदार के प्रति जवाबदेही हर चीज़ को बदल सकती है-

  • व्यवहार प्राइवर्तन के चओथे नियम का विपरीत है: इसे संतिशती दायक बनाए।
  • अगर बुरी आदत तुरंत दर्द या असंतुष्टि प्रदान करती है, तो हमारे उसे दोहराने की संभावना कम होती है।
  • किसी साझेदार के प्रति जवाबदेह होने का परिणाम यह होता है कि निष्क्रिय होने की कीमत चुकानी पड़ती है। हम इस बारे में गहराई से परवाह करते हैं कि दूसरे बारे में क्या सोचते हैं और हम यह नहीं चाहते कि दूसरे हमारे बारे में बुरा सोचे।
  • कोई दूसरा आपको देख रहा है, यह मालूम होने से आप बहुत ज़्यादा प्रेरित हो सकते हैं।

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प्रतिभा का सच(जींस कब महत्वपूर्ण होते है और कब नहीं होते)

  • प्रतिस्पर्धा का सही क्षेत्र चुनना आपकी सफलता की संभावनाओं को अधिकतम करने का रहस्य है।
  • सही आदत चुनेंगे, तो प्रगति आसान होंगी। गलत आदत चुनेगे, तो जीवन भर संघर्ष करना होगा।
  • जींस को आसानी से नहीं बदला जा सकता, जिसका मतलब है कि वे अनुकूल परिस्थितियों में बहुत फायदा पहुचाते हैं और प्रतिकूल परिस्थितियों में गंभीर नुकसान करते हैं।
  • आदतें ज़्यादा आसान तब होती हैं, जब वे आपकी नैसर्गिक योग्यताओं से मेल खाती हों। ऐसी आदतें चुने, जो आपके लिए सर्वश्रेष्ठ रूप से उपयुक्त हों।
  • आवाह खेल खेले, जो आपकी शक्तियों के पक्ष में हो। अगर आपको अपनी शक्तियों के अनुकूल खेल नहीं मिल पाए, तो उसे बना ले।
  • जींस कड़ी मेहनत की आवश्यकता को खत्म नहीं करते। वे इसे स्पष्ट करते हैं। वे हमें बताते हैं कि किस चीज में कड़ी मेहनत करनी है।

गोल्डिलॉक का नियम: जीवन और कामकाज में कैसे प्रेरित बने रहें-

  • गोल्डिलॉक का नियम यह बताता है कि इंसान शिखर प्रेरणा का अनुभव तभी करता है, जब वह ऐसे कां कर रहा हो, जो उसकी वर्तमान योग्यताओं की सरहद पर हो।
  • सफलता के लिए सबसे बड़ा जोखिम असफलता नहीं, बल्कि बोरियत है।
  • जब आदतें दिनचर्या का हिस्सा बन जाती है, तो वे कम रोचक और कम संतुष्टिदायक बन जाती हैं। हम बोर होने लगते हैं।

अच्छी आदतें बनाने का नकारात्मक पहलू-

  • आदतों का लाभ यह है कि हम बगैर सोचे काम कर सकते हैं। इनका नुकसान यह है कि हम छोटी-छोटी गलतियों पर ध्यान देना छोड़ देते हैं।
  • आदतें+ सचेतन अभ्यास=महारत।
  • चिंतन-मनन और समीक्षा वह प्रक्रिया है, जो आपको समय के साथ अपने प्रदर्शन के बारे में चेतन बनती है।
  • हम किसी पहचान को जितनी कसकर जकड़े रहते हैं, उसके आगे विकास करना उतना ही ज़्यादा मुश्किल होता है ।

Atomic Habits Short Book in Hindi chart

अच्छी आदतें कैसे डाले के आसान चार्ट

पहला नियमइसे स्पष्ट बनाए
1.1आदतों का स्कोरबोर्ड भरें। अपनी वर्तमान आदतों को लिखे, ताकि आप उनके बारे में जागरूक हो जाए।
1.2क्रियान्वयन इरादों का इस्तेमाल करए:”मैं(स्थान) पर (समय) पर (व्यवहार) करूंगा।”
1.3 आदतों के ढेर का इस्तेमाल करें: “(वर्तमान आदत) के बाद मैं (नई  आदत) करूंगा।“ 
 1.4अपने परिवेश को नए सिरे से ढाले । अच्छी आदतों के संकेतों को स्पष्ट बनाए, ताकि वे आसानी से दिखे। 
दूसरा नियमइसे आकर्षक बनाए। 
2.1प्रलोभन की पोटली का इस्तेमाल करें। अपने मनचाहे काम को उस काम से जोड़ दें, जो आपको करने की जरूरत है। 
2.2किसी ऐसी संस्कृति में शामिल हो, जहां आपका मनचाहा व्यवहार सामान्य व्यवहार है। 
2.3उत्प्रेरण क्रियापद्धती बनाए। किसी मुश्किल आदत से ठीक पहले कोई ऐसी चीज करें, जिसमें आपको सचमुच आनंद आता हो। 
तीसरा नियमइसे आसान बनाएं। 
3.1मुश्किल को कम करें। आपके और आपकी अच्छी आदतों के बीच के कदमों की संख्या कम कर दें। 
3.2परिवेश तैयार करए। भावी कामों को ज़्यादा आसान बनाने के लिए अपने परिवेश को सबसे अच्छी तरह तैयार करें। 
3.3निर्णायक पल में माहिर बने। बड़े परिणाम देने वाले छोटे चयनों को स्वचालित बना लें। 
3.4दो मिनट के नियम का इस्तेमाल करें। अपनी आदतों को इतना सूक्ष्म बना ले कि उन्हे दो मिनट या उससे कम में किया जा सके। 
3.5अपनी आदतों को स्वचालित करें। टेक्नोलॉजी और एक बार किसी चीज को खरीदने में निवेश करें, जो भावी व्यवहार को सुनिश्चित करती हो। 
चौथा नियमइसे संतोषप्रद बनाएं। 
4.1सुदृढीकरण का इस्तेमाल करें। जब भी आप अपनी कोई आदत पूरी करें, खुद को तुरंत पुरस्कार दे। 
4.2“कुछ नहीं करने” को आनंददायक बनाएं। जब आप किसी बुरी आदत से बचे, तो इसे आलभकारी दृष्टिकोण से देखने का तरीका खोजे।  
4.3हैबिट ट्रेकर का इस्तेमाल करें। अपनी आदत की निरंतरता की निगरानी करें और “शृंखला को नहीं तोड़े।” 
4.4कभी दो बार नहीं चुके। जब भी आप कोई आदत करने में चुके, तो तुरंत पटरी पर दोबारा लौटना सुनिश्चित करें। 
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बुरी आदतें कैसे छोड़ें के आसान चार्ट

पहले नियम का उलटइसे अदृश्य बनाएं
1.5 संपर्क कम करें। बुरी आदतों के संकेतों को अपने परिवेश से हटा दें।
दूसरे नियम का उलटइसे अनाकर्षक बनाए
2.4अपनी मानसिकता को नए सिरे से ढालें। बुरी आदतों से बचने के लाभों को रेखांकित करें।
तीसरे नियम का उलटइसे कठिन बना दें
3.6मुश्किल बढ़ा दे। आपके और बुरी आदतों के बीच के कदमों की संख्या बढ़ा दें।
3.7वचंबद्धता विधि का इस्तेमाल करए। भावी चयन के लिए वही विकल्प तय करें, जिनसे आपको फायदा होता है।
चौथे नियम का उलटइसे असंतोषजनक बना दें
4.5जवाबदेही के लिए साझेदार खोजें। किसी करीबी व्यक्ति से आग्रह करें कि वह आपके व्यवहार पर निगाह रखें।
4.6एक आदत अनुबंध तैयार करें। अपनी बुरी आदतों की लागत को सार्वजनिक और दर्दनाक बनाएं।
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1 Comment

  1. इन सभी बातों का अनुकरण करना बहुत कठिन सा लगता हैं।
    हर समय अपनी कृतियों और विचारों पे ध्यान देना होगा। इनके प्रति सचेत रहना होगा। मैं खुद के स्वभाव से परेशान हूं। जो करना चाहिए वो नही करता । बस खाली बैठने का मन करता है । कोई काम करना चाहूं तो मन विरोध में उतर आता है, और कोई भी काम करने में आलस आता है। उस काम को टाल देता हु। फिर आगे परेशानी होती है।

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