Art of War 41 powerful Quotes in Hindi by Sun tzu. सुन त्ज़ू द्वारा लिखे गए 13 अध्यायों से मैने कुछ शक्तिशाली कोट्स को चुन कर लिखा है। जिसे आप पढ़ कर अमल कर सकते हैं।
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Art of War in Hindi
आर्ट ऑफ वार एक सुप्रसिद्ध योद्धा-दार्शनिक सुन त्ज़ू द्वारा लिखी जाने वाली एक अमर कृति है, जिसका पूर्वी एशिया की संस्कृति एवं इतिहास में विशेष स्थान है। युद्ध और सैन्य रणनीति के दर्शन और राजनीति पर आधारित यह प्राचीन चीनी ग्रंथ ई.पू. छठी शताब्दी मे लिखा गया।
सुन त्ज़ू का दर्शन आज भी नेताओं और रणनीतिकारों के लिए उतना ही प्रासंगिक है, जितना कि प्राचीन में शासकों और सैन्य जनरलों के लिए था। तेरह अध्यायों में यह पुस्तक आर्ट ऑफ वार हर उस व्यक्ति को अवश्य पढ़नी चाहिए, जो प्रतिस्पर्धी वातावरण में काम करता है, जो युद्ध, रणनीति या चीनी इतिहास में रुचि रखता है।
मैने आर्ट वार को पढ़ने के बाद इसके रिव्यु और उन सभी तेरह आध्यायों के कुछ महत्वपूर्ण नियमों को लिखा है है, जिसे आप क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
Art of War 41 powerful Quotes in Hindi
इस ब्लॉग पोस्ट में सुन त्ज़ू द्वारा लिखा गया किताब से तेरह अध्यायों को पढ़ने के बाद प्रभावशाली कोट्स को छाँट कर लिखे गए है, जिसे पढ़ने वाले के उसके जीवन में काफ़ी प्रभावित करेंगे।
- परिस्थितियों के अनुकूल होने के अनुसार, किसी एक योजना को संशोधित करना चाहिए।
- यदि आपका प्रतिद्वंदी क्रोधी स्वभाव का है तो उसे उत्तेजित करने का प्रयास न करें।
- लंबे समय तक युद्ध से लाभान्वित होने वाले देश का कोई उदाहरण नहीं है।
- युद्ध में उद्देश्य केवल जीत हासिल करना होता है, न कि लंबी मुहिम छेड़ना ।
- सेना को आगे बढ़ने या पीछे हटने की आज्ञा देना, इस तथ्य को जाने बिना कि वह पालन नहीं कर पाएगी, इसे सेना को लंगड़ाकर चलना कहते हैं।
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- हार के खिलाफ सुरक्षा का मतलब रक्षात्मक रणनीति है।
- रक्षात्मक होना अपर्याप्त शक्ति को इंगित करता है।
- जीत को केवल तभी देखना, जब वह आसान और पहुँच के अंदर हो, यह पराकाष्ठा नहीं है।
- पतझड़ के मौसम में किसी गिरी हुई टहनी को उठा लेना कोई बड़ी ताकत का संकेत नहीं है।
- सूर्य और चंद्रमा को देखना तेज दृष्टि का संकेत नहीं है।
- तूफ़ानी आवाज को सुनना भी तेज कान के होने का संकेत नहीं है।
- एक विजयी सेना का बहाव ठीक उसी तरह होता है, जिस तरह किसी बांध की दरार से हजारों थाह रुका हुआ पानी बह निकलता है।
- आपकी सेना का टक्कर ऐसी होनी चाहिए, जैसी कि अंडे की पत्थर से।
- ऊर्जा की तुलना धनुष के मुड़ने की क्रिया से की जा सकती है; लेकिन निर्णय तो तीर के छोड़ने पर ही होगा।
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- चालाक योद्धा संयुक्त ऊर्जा के प्रभाव को देखता है और उसे व्यक्ति विशेष की कोई बहुत अधिक आवश्यकता नहीं होती है।
- दुश्मन के स्वभाव को जानकर और स्वयं को अदृश्य रखने की खोज करके हम अपनी शक्तियों को केंद्रित रख सकते है।
- एक सेना बिना किसी तनाव के बड़ी दूरी तय कर सकती है, अगर वह देश में मार्च करती है, जहां दुश्मन नहीं है।
- अपनी सेना की तुलना विरोधी सेना से सावधानी से करें, ताकि आप जान सकें कि ताकत कहाँ से प्रचुर मात्रा में है और कहाँ कम है।
- जैसे पानी का कोई निश्चित आकार नहीं होता है, वैसे ही युद्ध में भी कोई निश्चित स्थिति नहीं होती है।
- जब तक हम अपने साथियों के व्यवहार से परिचित नहीं होंगे, तब तक हम गठबंधन में प्रवेश नहीं कर सकते।
- युद्ध में आप आपनी वास्तविक भावनाओं को छिपाएं और तब आप सफल होंगे।
- आपकी तेजी हवा की मानिंद होनी चाहिए और गठन जंगल की तरह ।
- अपनी योजनाओं को गुप्त और रात्री में अभेद बनाए और जब आप चले तो वज्रपात-सा हो।
- आप एक चाल चलने से पहले चिंतन-मनन करें।
- जब भारी बारिश के परिणाम स्वरूप नदी, जिसे आप पार करना चाहते है, उसमें बाढ़ आई हुई हो तो आपको तब तक इंतजार करना चाहिए, जब तक यह शांत न हो जाए।
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- जिस देश में प्रपाती चट्टानें हो जिनके बीच तेज जलधारा बहती हो, गहरे प्राकृतिक गड्ढे हो, कटिली झाड़ियाँ हो, दलदल और दरारें हो, ऐसी जगह को जितना जल्दी हो सकें, छोड़ दिया जाना चाहिए।
- यदि पक्षी किसी भी स्थान पर इकट्ठा होते हैं, तो इसका मतलब है कि वह जगह कब्जे में नहीं है। रात में कोलाहल का होना अधीरता का संकेत है।
- पहले तो डींगें मारने वाले बनना, फिर दुश्मन की संख्या देखकर पैर पीछे खिचना, बुद्धिमत्ता की सर्वोच्च कमी को दर्शाता है।
- वह जो बड़ी सावधानी से योजना बनाने का अभ्यास नहीं करता है, बल्कि अपने विरोधियों को हल्के में लेता है, वह निश्चित रूप से शत्रु द्वारा पकड़ लिया जाता है।
- अगर लड़ना जीत का परिणाम है तो आपको लड़ना चाहिए, भले ही शासक इंकार करे; अगर लड़ाई से जीत हासिल नहीं होंगी तो आपको नहीं लड़ना चाहिए, भले ही शासक की आज्ञा क्यों न हो।
- अगर आप दुश्मन को जानते है और खुद को जानते है तो आपकी जीत संदेह में नहीं पड़ेगी; अगर आप स्वर्ग को जानते है और नरक को जानते है तो आप अपनी जीत हासिल कर सकते हैं।
- अपने प्रतिद्वंदी को प्रिय लगाने वाली चीज को अपने नियंत्रण में ले लो, तब वह आपके अधीर हो जाएगा।
- युद्ध के लिए चालाकी आवश्यक है।
- शगुन चिन्हों को प्रतिबंधित करके अंधविश्वासी संदेह को दूर करें।
- किसी भी आपदा से भयभीत न हो, जब तक मौत न आ जाए।
- ईमानदारी और न्यायसंगतता के साथ इस प्रकार व्यवस्था को बनाए रखे।
- युद्ध में सफलता दुश्मन के उद्देश्य को ध्यान से समायोजित करके प्राप्त की जाती है।
- वह व्यक्ति दुर्भाग्यशाली होता है, जो अपनी लड़ाई बिना उद्देश्य की भावना के जितने की कोशिश करता है और अपने हमलों में सफल होना चाहता है; जिसका परिणाम समय की बर्बादी और ठहराव होता है।
- समय के साथ गुस्सा खुशी में बदल सकता है और चिढ़ को संतुष्टि से समाप्त किया जा सकता है।
- दुश्मन के प्रबंधन का ज्ञान केवल अन्य लोगों से प्राप्त किया जा सकता है।
- सूक्ष्म बनो! सूक्ष्म रहो! और हर तरह के कार्य में अपने गुप्तचरों का उपयोग करें।
सुन त्ज़ू एक संक्षिप्त परिचय-
मैने सुन त्ज़ू के इस संक्षिप्त परिचय को फिंगरप्रिन्ट द्वारा छापे गए कृति से लिया है।
सुन त्ज़ू पूर्वी एशिया के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक लोगों में से एक हैं। वे एक सैन्य रणनीतिकार थे, जो प्राचीन चीन में रहते थे, पारंपरिक इतिहासकारों का मानना है कि उनका जीवनकाल 544 से 496 ईसा पूर्व हुआ था। सुन त्ज़ू का पैदाइशी नाम सुन वू था। यह एक प्रसिद्ध नाम है, जिसका मतलब है ‘मास्टर सुन’। उन्हें अपनी कृति आर्ट आफ वार के लिए पूरी दुनिया भर में जाना जाता है। यह एक कालातीत कृति है और पूर्वी साहित्य में अपनी एक महत्वपूर्ण पहचान रखती है।
आर्ट ऑफ वार युद्ध और सैन्य रणनीति पर लिखा गया एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और नेपोलियन, माओ जेडॉग्ण, फिदेल कास्त्रो, जोसेफ स्टालिन और जनरल डग्लस मैकार्थर ने इस महान ग्रंथ में उल्लिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं को अनगिनत लड़ाई ऊपर संघर्षों में अपनी रणनीति का आधार बनाया है ।
चीनी सम्राटों और शासकों ने युद्ध की अवधि के दौरान इस ग्रंथ से मार्गदर्शन लिया है। सैन्य विज्ञान पर कोई अन्य पाठ इतना लोकप्रिय और व्यापक रूप से नहीं पढ़ा गया है, जितना कि आर्ट ऑफ वार को पढ़ा गया है। सुन त्ज़ू की इस उत्कृष्ट कृति के अनेक भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं और पिछली कुछ सदियों में इसकी लाखों प्रतियां बिक चुकी हैं।
इस प्राचीन ग्रंथ की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक बने हुए हैं-25 शताब्दियों से भी अधिक समय पहले इसे लिखा गया था; क्योंकि इसके निर्देश किसी भी क्षेत्र में लागू किए जा सकते हैं, जहां प्रतिस्पर्धा सक्रिय और प्रचंड हो। उदाहरण के लिए दुनिया भर के व्यापारिक नेताओं ने अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकलने के लिए सुन त्ज़ू की रणनीतियों का उपयोग किया है।
वास्तव में, सुन त्ज़ू के समर्थकों ने इस बारे में किताबें लिखी है कि आधुनिक पूंजीवादी बाजारों में लाभ पाने के लिए उनके सिद्धांतों को कैसे लागू किया जा सकता है। यह ग्रंथ ना केवल विद्वानों इतिहासकारों और प्राच्यवादियों के लिए महत्व रखता है, बल्कि उन सभी के लिए यह ग्रंथ महत्वपूर्ण है, जो एशिया और विशेष रूप से चीन के इतिहास के संस्कृत में विशेष रूचि रखते हैं।
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