8 powerful tips for increasing brain power.

8 powerful tips for increasing brain power | memory how to develop and use it book in hindi.

8 powerful tips for increasing brain power. विलियम वॉकर द्वारा लिखित “मेमोरी हाऊ टू डेवेलप एण्ड यूज इट” हमे अपने मेमोरी को सही तरीके से विकसित करना और इसका सही इस्तेमाल करने के बारे मेन सिखाते हैं। जो हर किसी को जरूरत है।

Book Review

जैसा कि आप नाम से ही पता कर सकते हैं कि यह किताब किस बारे में है? विलियम वॉकर ने बड़े ही सरलता से और छोटी-2 कहानियों या घटनाओं के माध्यम से हमें बताते हैं कि अपनी स्मृति को कैसे विकसित कर सकते हैं। यदि आपको किसी चीज, कोई लेख, कोई जगह, कोई नाम, कोई वस्तु को भूलने की आदत है अथवा आपको याद रखने में कठिनाइ होती हैं तो यह किताब आपका मार्गदर्शन करेगी।

हमें स्मृति को तेज करने की जरूरत है, ताकि हम एक पल में चीजों को याद कर सकें। “विलियम वॉकर एटकिंसन” द्वारा लिखा गया मेमोरी! हाऊ टू डेवलप, ट्रेन एण्ड यूज इट” मानव सभ्यता को अपने स्मृति को विकसित, प्रशिक्षित करने के लिए सरल और व्यावहारिक उपायों से परिचित कराती है।

यह पुस्तक दूसरों को मानसिक रूप से प्रभावित करने का तरीका भी बताती है, यह एक सूचनात्मक मार्गदर्शिका है जो हमें अपनी अवधारणा शक्ति को विकसित करने में सक्षम बनाती है।, जिससे तेजी से और सरलता के साथ याद किया जा सकता है।

180 पेज के इस किताब में विलियम वॉकर ने दो किताबों या यू कहें तो भागों में अपनी बात को रखा है। पहला कि आपको अपनी स्मृति को विकसित करने और दूसरे ये की आप अपने मानसिक व्यवहार से दूसरों पर कैसा प्रभाव डाल सकते हैं या दूसरे अप पर कैसे अपना प्रभाव छोड़ते हैं।

विलियम आपको कुछ सिखाते भी है तो कहीं आपको सचेत और सावधान रहने को भी कहते है। आप जल्दी किसी के दूसरे के वश में न आ सके। आपको किन उपायों का इस्तेमाल करना चाहिए, उनके लक्षण क्या होते हैं, जिनसे आप उनको पता कर उनके प्रति सचेत हो सकते हैं।

वीलीयम वॉकर कि यह किताब उन लोगों के लिए और खास कर छात्रों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित होगा, जिन्हे अक्सर भूलने की आदत होती है। उनके लिए विशेष कर इस किताब में ऐसे बहुत सारे टॉपिक दिए गए हैं, जिनकों पढ़ने के बाद उन पर अमल करने भर से अपनी भूलने की आदत को सुधार सकते हैं। और चीजों को बेहतर तरीके से हमेशा के लिए अपने दिमाग में बसा सकते हैं।   

Book Summary

इस 180 पेज वाले किताब में करीब-करीब 30 से ऊपर आध्याय हैं। उन सब अध्याय के बारे में बताना मुश्किल है। चुकी मैने समरी में ज्यादा से ज्यादा बातों को कवर करने की कोशिश करूंगा। और जैसा कि किताब में अध्याय है, ठीक वैसा ही अध्याय के माध्यम से चीजों को साझा करूंगा ताकि आपको पढ़ने में आसानी भी हो और चीजे आसानी से समझ में भी आ सके ।

मेमोरी-इसका महत्व

हम सभी जानते हैं कि मेमोरी का हमारे जीवन में क्या महत्व है? और जिनके पास नहीं होता, या जिनका काम नहीं करता, उनमें से कुछ सड़कों पर बेपरवाह घूमते हैं या कुछ अलग-अलग प्रसिद्ध शहरों के पागलखानों में बंद पड़ें रहते हैं।

हम अपने जीवन में जो चीजे करते हैं या करने का प्रयास करते हैं, उनका जड़ स्मृति ही है। हम उठटे-बैठते, खाते-पीते, घूमते-दौड़ते, पढ़ते-लिखते, एक-दूसरे से बातें करते  हैं, या एक-दूसरे के प्रति प्यार और दुश्मनी कर सकते हैं, वो है, स्मृति। इसके बिना हमारा जीवन पानी के ऊपर इधर-उधर तैरते, खाली डब्बे के समान है। जिसका कोई लक्ष्य नहीं।

अगर सरल भाषा में कहे तो मेमोरी वह माध्यम है जिससे हम अधिक-से-अधिक मानसिक काम कर सकते हैं। सारा ज्ञान मेमोरी में ही समाहित होता है। मेमोरी वह प्राथमिक और मौलिक क्षमता है जिनके बिना कोई भी काम नहीं किया जा सकता–यह वह सीमेंट डामर और साँचा है जिससे बाकि सारी क्षमताएं जुड़ीं हैं। इसके बिना सारी जिंदगी और विचार एक असंबंधित कड़ी में होंगे। मस्तिष्क की कोई भी क्षमता अपनी ऊर्जा का प्रभाव नहीं डाल सकती, “जब तक मेमोरी में वह आइडिया संग्रहीत न हों जो यह देख सके।”

मेमोरी कल्पना का कैबिनेट है, तर्क का खजाना है, विवेक का पंजीकरण है और विचार का काउंसिल चैंबर है।महान जर्मन इमैनुअल कांट ने मेमोरी को “सबसे आश्चर्यजनक क्षमता” बताया है।      

मेमोरी का सिस्टम-

इस आध्याय में विलियम हमें बताते हैं कि मेमोरी काम कैसे करता है।और कौन-कौन से माध्यम है, जिनके माध्यम से स्मृति में चीजे स्टोर होती हैं और पुनः जरूरत पढ़ने पर काम करती है।

संगति-

 मेमोरी में क्या है उसे याद करने या चेतना पर वापस लाने के लिए यह जरूरी है कि इसे अन्य चीजों के संपर्क में या संगति में लाया जाए जिसे याद करना आसान है। मेमोरी के इस कां में दो काम में दो प्रक्रियाएं जरूरी हैं। पहले हमें प्रभाव डालना है, फिर संगति करनी है। बिना स्पष्ट प्रभाव डाले, जो चिजे बाहर आएंगी, वह धूमिल और अस्पष्ट है; और जब तक यह किसी और चीज से ना जुड़ी हो, यह वापस नहीं आआ सकती।

जैसे आपको आचनक किसी कलम की जरूरत हो और आपको याद नहीं आ रहा हो कि आपने उस कलम को रखा, तो मुश्किल होगा उसका मिलना। लेकिन अगर आपको ये याद आ जाए कि आप गणित का सवाल लगाते लगाते वक्त या किसी विषय का किताब पढ़ते वक्त आपने उस पेन को उन किताब में दबा कर रखा है, तो इस तरह उस पेन के मिलने के आसार बढ़ जाएंगे। 

आँखों का प्रशिक्षण-

इस आध्याय में विलियम हमें बताते हैं कि कैसे आँखों को हम प्रशिक्षण कर हम आसानी से चीजों को अपने स्मृति में बसा सकते हैं। आज कल दिनों में ऐसी बहुत सारी घटनाएं होती हैं, जिन्हे हम देखते हैं और वो हमारी दिमाग पर गहरा प्रभाव छोड़ती है और हमें याद हो जाती हैं।  आँखों का प्रशिक्षण हमने ये सिखाता है कि अगर आप किसी चीज को याद करना चाहते हो तो उस पर स्पष्टता से देखों ताकि याद रहे।

कानों का प्रशिक्षण-

स्मृति को विकसित करने में कानों का प्रशिक्षण होन अति आवश्यक है। जिस प्रकार हम आँखों से स्पष्ट देखने के बाद चीजे याद होती है, ठीक उसी प्रकार कानों द्वारा स्पष्ट सुने गए चीजे भी याद रहती है। जैसे कि किसी का भाषण, टीचर का लेक्चर, किसी फिल्म का डायलॉक। हमारे कानों में जितनी स्पष्टता से सुनाई देती है, हमने याद हो जाती है।  

नाम कैसे याद करें-

नामों का अध्ययन शुरू करें- एक संकलन बनाएं- और आपको मेमोरी विकसित कारणे में बिल्कुल भी समय नहीं लगेगा।

नाम को ध्यान से सुने। नाम की सामान्य आवाज पकड़ने के बजाय इसे ध्यान से सुनिए और मेमोरी के रिकार्ड में एक विशेष स्थान बनाने दीजिए।

चेहरे को कैसे याद करें-

इस क्षमता को विकसित करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप दिन भर मिलने वाले लोगों के चेहरों की मन में तस्वीर शाम में बना लें। जिन्हे आप जानते हैं, उनके फीचर्स की मन में तस्वीर बनाने की क्षमता विकसित करें- यह आपको सही दिशा में ले आएगा। उनका मन में रेखाचित्र बनाएं-उन्हे अपने मन की आँखों से देंखे, जब तक आपने पुराने दोस्तों के फीचर्स की मन में तस्वीर न बना सके; फिर यही काम अपने परिचित लोगों के साथ करें।

जगहों को कैसे याद रखे-

आप भूगोल की एक छोटी किताब लेकर दिशा, दुनियाँ, स्थान, आकार और देशों के रूप आदि का अध्ययन करें। सिर्फ एक यांत्रिक चीज के रूप में नहीं, बल्कि दिलचस्पी के जीवंत विषय के रूप में।

जब आप अपनी कार से बाहर जाएँ तो घूमते-फिरते जाएँ, जितने ज्यादा मोड ले सकें, जरूर लें, ताकि जगहों और स्थानों की आपकी क्षमता का पूरा विकास हो-लेकिन दिशा को हमेशा नोट करें, ताकि इसे आप नक्शे पर अच्छी तरह डाल सकें।

संख्या को कैसे याद करें-

दिनांक , घटनाओं से जुड़ी विशेष सख्याएं आदि याद याद करने का सबसे बेहतर तरीका है कि उस संख्या या दिनांक की तस्वीर उस घटना से जोड़कर उसकी मन में तस्वीर बनाई जाए, फिर दोनों को तस्वीर में जोड़ा जाए और यह संगति तक कम आएगी, जब तस्वीर याद आएगी।

मेमोरी में तीन नियम हैं-“दिलचस्पी, ध्यान और अभ्यास’-और अंतिम नियम सबसे जरूरी है, क्योंकि इसके बिना बाकि सब कां नहीं करते।

संख्याओं और अंकों का आपके लिए ‘कुछ मतलब’ होनया चाहिए और बाकि सारी चीजे अपने आप हो जाएंगी।

तथ्यों को कैसे याद करें-

तथ्यों की मेमोरी किसी वस्तु से संबंधित जानकारी की चीजों को जमा करने और संग्रह करने की क्षमता है।

जब हम किसी नई चीज को मन की किसी चीज से संबंधित करते हैं तो इसे विचार के ताने-बाने मे सही जगह देते हैं। समानता से संगति के तरीकों से हम ईचार को बांधते हैं मानों वे अलग-अलग गठरियाँ हो, लेकिन यह बहुत जरूरी है कि हर गठरी के विचार एक समान हों। 

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कुछ अच्छे और महत्वपूर्ण अंश –

कडवें अनुभवों और सच्चे आनंद को कमजोरी से प्रस्तुत करने वाला चरित्र, जो बाद के समय में इसे पुनर्जीवित नहीं कर सकता, वह वास्तव में नैतिक कमजोरी के नकाब में बौद्धिक कमजोरी का शिकार है। जब हमारे सामने वो चीजें हो, जो हम पर वास्तव में प्रभाव डालती हैं और वास्तविकता के करीब हैं तो वे हमारी इच्छा का जाग्रत करने की मूल्यवाल परिस्थिति बन जाती हैं, जो खुशी के प्रति सच्चा मापदंड बनता है।

मेमोरी सही स्वभाव समझना असंभव है और इसकी ट्रेनिंग करनी भी नामुमकिन है, जब तक हमें उन चीजों का पता न चल जाए, जो हमारे अवचेतन मस्तिष्क में होती हैं।

मस्तिष्क का अवचेतन हिस्सा उस हर एक चीज का रिकार्ड फैल है, जो आज तक हमने अनुभव की है, सोची है या समझी है। हर चीज यहाँ रिकार्ड होती है। विद्वान जानकार कहते हैं कि चाहे प्रभाव कितना भी हल्का हो, हम उसे पूरी तरह से कभी ही भूल सकते, भले ही हम उसे याद नहीं कर पाते, क्योंकि यह काफी धूमिल हो गया है और इसकी ‘स्टोर’ नहीं हुई है।

मेमोरी की कला का नाम ध्यान है। बिना ध्यान वाले लोगों की मेमोरी खराब होती है। दार्शनिक द्वारा माना जाता है कि बिना ध्यान के मक्षतिष्क पर कोई प्रभाव नहीं डाला जा सकता या मेमोरी पैदा नहीं की जा सकती।

ध्यान दरअसल ध्यान का वह रूप है, जो दिलचस्पी, जिज्ञासा या इच्छा के बाद आता है-इसमें किसी विशेष प्रयास की जरूरत नहीं होती। हम कोशिश वाला ध्यान उसे कहते है,जो उन  चीजों  पर डाला जाता है, जो दिलचस्प, जिज्ञासु और आकर्षक नहीं होती।

मानसिक रूप से विकसित लोग वे होते हैं, जिन्होंने मेमोरी के सारे हिस्सों को विकसित किया है, बजाय उन लोगों के, जो सिर्फ एक हिस्सा विकसित कर पाए हैं। यह सही है कि आपकी दिलचस्पी और व्यवसाय के हिसाब से आपकी दैनिक जरूरतों के हिसाब से आपकी मेमोरी विकसित होती है, लेकिन यह जरूरी है कि आप मेमोरी के अन्य हिस्सों को भी अभ्यास दे, ताकि आपकी मेमोरी का सिर्फ एकपक्षीय विकास न हो।

मेमोरी के तीन नियम हैं-‘दिलचस्पी, ध्यान और अभ्यास’- और अंतिम नियम सबसे जरूरी है, क्योंकि इसके बिना बाकि सब काम नहीं करते।

8 powerful tips for increasing brain power

  • जिस चीज को याद करना चाहते हैं, उसे जितना हो सके उतनी एकाग्रता दें।
  • किसी चीज को याद करते समय अधिक-से-अधिक क्षमताओं और इंद्रियों द्वारा प्रभाव ग्रहण करने की कोशिश करें।  
  • किसी इंद्रिय या क्षमता को विकसित करने का एक ही उपाय है, वह है इसका प्रशिक्षण, अभ्यास और इस्तेमाल करना।
  • अपने पहले प्रभावों को मजबूत बनाएं, ताकि वे आने वाले प्रभावों का आधार बने।
  • अपने प्रभावों को दोहराएं  और उन्हे गहरा बनाएं।
  • अपनी मेमोरी का इस्तेमाल करें और इसमें विश्वास डालें।
  • किसी भी प्रभाव के लिए अधिक-से-अधिक संगतियों का इस्तेमाल करें।
  • अपने प्रभावों का ग्रुप बनाएं। 

Quotes for Memory

  • शिक्षित इंसान इस मामले में हमेशा याद रखते हैं कि उन्हे किस चीज से आनंद मिला और किस चीज से उन्हे नुकसान हुआ।
  • हमारे मस्तिष्क की हर कोशिश एक रचना है, जो वापस शून्य में नहीं जा सकता।
  • जीनियस की काबिलियत यह है कि वह पुरानी चीजों को नए तरीके से पेश करता है, भले ही वह प्रकृति में कोई बल हो या मानवता का कोई हिस्सा।
  • किसी चीज को बुद्धिमानी से देखना सबसे मुश्किल कला है।  
  • किसी काम को पूरा करने की इच्छा एक कृतिम दिलचस्पी पैदा करती है, जो सवाभविक इच्छा जितनी ही प्रभावित होती है।
  • एक इंसान को अपनी मानसिक क्षमता का इस्तेमाल सक्रिय और बुद्धिमानी से सुनने में इस्तेमाल, अभ्यास और प्रयोग में करना चाहिए।
  • घटनाओं की पुनरावृति करना और उन्हे ‘बताना’ भविष्य में चीजों को देखने की क्षमता, ध्यान देने और बोध पैदा करने को तीव्र बनाता है।
  • किसी तथ्य की भविष्य की संगति इस पर निर्भर करती है कि तथ्यों को कैसे संग्रहीत किया जा रहा है।
  • अभ्यास से एकाग्रता की क्षमता बढ़ती है और ध्यान देने का विकास होता है। 

FAQ

Q- मेमोरी: “हाऊ टू डेवलप, ट्रेन एंड यूज इट” का लेखक कौन है?

विलियम वॉकर ऐटकिंसन ।

Q- मेमोरी क्या है?

मेमोरी वह माध्यम है जिससे हम अधिक-से-अधिक मानसिक काम करते हैं। सारा ज्ञान मेमोरी में ही समाहित होता है।

Q- मेमोरी कोई विकसित कैसे करें?

इन तीन चीजों को मद्देनजर रखते हुए आप अपने मेमोरी को विकसित कर सकते हैं।
·       इस्तेमाल और प्रयोग; समीक्षा और अभ्यास
·       ध्यान और रुचि।
·       बुद्धिमान संगति। 

Q- किसी चीज को आसानी से याद कैसे करें?

‘दिलचस्पी, ध्यान और अभ्यास’। इन तीनों के इस्तेमाल से आप किसी भी चीज को आसानी से याद कर सकते हैं।

Q- किसी तथ्य को अच्छे से याद करने के तरीके क्या है?

क्या है, क्यू है, कैसा है, कब सामने आया, क्यू आया, किस तरह आया, इसके कारण क्या है, उससे लाभ क्या है, हानि क्या है। इन सभी प्रश्नों के माध्यम से आप किसी भी तथ्य को बड़े ही आसानी से पता किया जा सकता है और उसे हमेशा के लिए आप याद रख सकते हैं।

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