इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपसे नाज़िया मुराद द्वारा लिखित अपनी आपबीती “द लास्ट गर्ल” की Book review के साथ-साथ Summary in hindi और Quotes के साथ-साथ pdf download भी साझा करेंगे।
Table of Contents
द लास्ट गर्ल: Book review
“द लास्ट गर्ल” यज़िदी धर्म विचारक नादिया मुराद और उनके सहयोगी जेना क्राजेस्की द्वारा लिखित नादिया की दुखद और दूसरों के लिए प्रेरणादायक आपबीती है। यह आईएसआईएस द्वारा कैद और इस्लामिक स्टेट के खिलाफ नादिया के लड़ाई की कहानी है।
इस किताब को हिन्दी भाषा मे मंजुल प्रकाशन ने प्रकाशित किया है, जिसके अनुवादक आशुतोष गर्ग हैं।
मेरे द्वारा पढ़ी जाने वाली यह एक ऐसी किताब है, जो समझ में नहीं आ रहा कि क्या कहें? इसका हर एक शब्द, हर एक वाक्य, यहाँ तक की हर एक पन्ना और पूरा का पूरा किताब, इतने दर्द और मार्मिक से भरा पड़ा है कि आपको झकझोर को रख देगा। कोई इतना भी कैसे गिर सकता है कि आईएसआईएस बन सकता है। और कोई इतना भी कैसे साहसी हो सकता है, जो नादिया बन सकता है।
यह कोई ऐसी-वैसी किताब नहीं है जिसे मैं किसी को रिकमेंड कर सकता हूँ। बल्कि यह नादिया की आवाज है, जो हर उस इंसान तक पहुचनी चाहिए जो इस्लामिक स्टेट के बारे में जानना चाहते हैं, या आईएसआईएस को उसका आईना दिखाना चाहते हैं।
यह एक ऐसी किताब है, जिसके हर भाग अत्याचार, दुर्व्यवहार, निर्ममता, हत्या और बलात्कार से भरा पड़ा है। जिसे पढ़ने मात्र से आप नादिया के दुख की कल्पना कर सिहर उठेंगे।
नादिया मुराद एक साहसी यज़िदी युवती हैं जिन्होंने आईएसआईएस की कैद में रहते हुए यौन उत्पीड़न और अकल्पनीय दुख सहन किया है। नादिया के छः भाइयों की हत्या के बाद उनकी माँ को भी मार इया गया और उनके शव कब्रिस्तान में दफ़ना दिए गए। परंतु नादिया ने हिम्मत नहीं हारी।
पाठक! कृपया ध्यान दें:- Ram Prasad Bismil: Autobiography in Hindi
द लास्ट गर्ल: Summary in hindi-
12 अगस्त 2014 को जब उत्तरी इराक के एक भाग कोचों में जब आईएसआईएस ने अपने कदम रखे तो पूरे इलाके में दशहत का माहौल छा गया। अमेरिका के जाने के बाद अरबी सुन्नियों ने कोचों में रह रहे अल्पसंख्यकों को उनका धर्म परिवर्तन और शोषण करने के लिए आईएसआईएस का भरपूर साथ दिया और नादिया जैसे हजारों याज़िदी अल्पसंख्यकों को उनके धर्म परिवर्तन के लिए ज़ोर दिया जाने लगा।
जिसने नहीं बदला वह आईएसआईएस के हाथों मारा गया और उनकी पत्नी, बच्चों को यौन शोषण का शिकार बनाया गया। जिसमें से नादिया सिर्फ एक थी।
नदिया का परिवार उत्तरी इराक के कोचों जैसे छोटे भाग में रहते थे। जहां उनका परिवार आराम से अपने जीवन को व्यतीत कर रहा था कि एक दिन आईएसआईएस ने कदम रखा। उस इलाके में रहने वाले सभी लोगों से कहा गया कि जो लोग धर्म बदलना नहीं चाहते उन्हे पहाड़ी पर जाने दिया जाएगा, जो कोचों का सुरक्षित स्थान था।
गावं के लोगों ने आईएसआईएस की बातों को मानते हुए अपने-घर से अपना जरूरी सामान लेकर एक स्कूल मे इकट्ठे होने लगे। जिनमें नादिया अपने छः भाइयों और दो बहनों और दो भतीजी समेत माँ भी थी। स्कूल मे इकट्ठा होने के बाद औरतों और मर्दों को अलग किया गया।
पाठक! कृपया ध्यान दें:- Bhagat Singh: Biography in hindi
उसके बाद पुरुषों को ट्रक मे भरकर स्कूल के पीछे वाले हिस्से मे ले जाकर उनसे पूछा गया कि क्या वो धर्म बदलने के लिए राज़ी हैं और जब उन्होंने अस्वीकार किया तो उन्हे गोलियों से भून दिया गया और सामूहिक गड्ढे मे उन सबकों दफ़ना दिया गया।
उसके बाद महिलाओं मे बूढ़ी और युवा महिला को अलग किया गया। युवा महिलाओं को दूसरे ट्रक में भरकर कोचों से बाहर मोसुल ले जाया गया। जहां उन्हे दूसरे आईएसआईएस के आतंकी युवाओं के लिए सबाया(वेश्या या रखैल) बनने पर मजबूर किया गया। हर रोज उन महिलाओं को मारा जाता, चाबुक से पीटा जाता। और फिर उन्हे जबर्जस्ती नहला-धुला कर उनके साथ यौन संबंध के लिए तैयार किया जाता।
नादिया के साथ भी ऐसा ही हुआ और उन्हे भी हाजी सलमान जैसे आतंकवादी का सबाया बनाना पड़ा। जो उन्हे बहुत प्रताड़ित करता, मारता और उनके साथ जबर्जस्ती करता। वह नादिया से यह भी कहता कि तुम्हें भागने की भी कोशिश नहीं करनी चाहिए, नहीं तो तुम्हें इससे भी ज्यादा सजा मिलेगी। और वैसी भी अब तो तुम कुवारी भी नहीं रही। इससे तुम्हारे घर-परिवार या धर्म वाले भी नहीं अपनाएंगे।
लेकिन फिर भी नादिया उसकी बात को न मानते हुए हर रोज उससे लड़ती और भागने का विचार करती। एक दिन नादिया ने भागने के लिए कदम भी बढ़ाये लेकिन पकड़ी गई। उसके बाद हाजी सलमान ने नादिया को सजा के रूप मे अपने साथ रखे सभी पहरेदारों को उस पर छोड़ दिया ताकि वो उसका बलात्कार कर सकें।
पाठक! कृपया ध्यान दें:- Nelson Mandela biography: birth and death
उसके बाद सलमान ने नादिया को हमदानियां जैसे आईएसआईएस के दूसरे कब्जे वाले जगह अबू मुवाया को बेच दिया। अबू मुवाया ने भी वही किया, जो सलमान किया करता था। आईएसआईएस के सभी सदस्य ऐसे ही करते थे। उसने अपने साथ कुछ और भी सदस्य लाए और उन्होंने भी नादिया का बलात्कार किया।
अगले दिन अबू मुवाया नादिया को लेकर हमदानिया से सी सीरिया जाने के लिए निकल पड़ा। कुर्दिस्तान के चेक-प्वाइंट पर नादिया को एक कमरे में रखा गया। जहां उसकी देख-रेख के लिए हाजी अमेर को रखा गया। हाजी अमेर ने कुछ दया दिखाई और वह उसकी तबीयत खराब के लिए वह दवा लाने चला गया। दरवाजा खुला होने के कारण नादिया को वहाँ से भागने का एक अच्छा मौका मिल गया और वह वहाँ से बिना कुछ सोचे-समझे भाग निकली।
आस-पास का इलाका अरबी सुन्नी बाहुल क्षेत्र था। रास्ते मे भटकते हुए डर तो लग रहा था कि कहीं पकड़ी न जाएं लेकिन उसकी साहसी कदम और उसकी ईश्वर पर आस्था ने उसका साथ दिया। नादिया बिना कुछ सोचे-समझे एक सुन्नी परिवार का दरवाजा खटखटाया। मदद मांगी और उन्होंने स्वीकार भी कर ली।
नादिया ने अपने साथ बीते उन सभी घटनाओं का जिक्र किया, जिसे सुनकर उनके भी हृदय द्रवित हो गए। उस परिवार मे दो नवयुवक, एक पचास साल का वृद्ध और महिला, एक नवविवाहिता और दो बच्चे थे। सबने उसका आदर सत्कार किया और चाहे जैसे भी हो उसकी हर संभव मदद करने की कोशिश की।
पाठक! कृपया ध्यान दें:- the story of my life: book summary in hindi
नादिया के कहे अनुसार उसका एक भाई और एक भतीजा कुर्दिस्तान मे रहते थे। जो सुरक्षित स्थान था। वहाँ से टेलीफोन द्वारा नादिया को कुछ मदद मिली और उसके भाई तक पहुचाने के लिए नासिर अपने कुछ जान-पहचान की मदद से नकली पासपोर्ट और आईडी –कार्ड बनवाया और कुछ पैसे लेकर खुद छोड़ने भी गया।
इस तरह नदिया अपने भाई से मिल सकी। धीरे-धीरे और भी भाई-बहनों की खोज-खबर से उन्हे भी बचाया गया लेकिन माँ को आईएसआईएस ने मार दिया। जो नदिया के लिए सबबसे दुख बड़ी घटना थी।
उसके बाद नादिया ने एक संगठन की मदद से जर्मनी और फिर न्यू यार्क पहुंचकर बहुत सारे संस्थाओं का निर्माण किया। अपने दुख व्यक्त कीए। जिससे बहुत सारे लोग उससे जुडते चले गए। कोचों मे फसे और भी महिलाओं और बच्चों को बचाने का रेस्क्यू कार्य चलने लगा। नादिया आईएसआईएससाल से प्रताड़ित होने वाली आखिरी महिला होना चाहती है, जिसके वजह से उन्होंने किताब का नाम भी “द लास्ट गर्ल” रखा। 2017 मे इराक का उत्तरी इलाका आईएसआईएस से मुक्त हो गया। और नादिया वापस अपने घर को लौट सकी।
पाठक! कृपया ध्यान दें:- dr bhimrao ambedkar biography in hindi
कुछ अच्छे और महत्वपूर्ण अंश-
आईएसआईएस के हर सदस्य ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया। मेरा हर बार एक ही ढंग से बलात्कार किया जाता था। जिन आदमियों ने मेरा शोषण किया, मुझे उनकी कुछ बातें याद हैं। हाजी सलमान बहुत बुरा था, क्योंकि उसने सबसे पहले मेरे साथ बलात्कार किया। मैं आँखें बंद करती तो वाग मुझे मारता था। वह सिर्फ बलात्कार ही नहीं करता, बल्कि मुझे अपमानित भी करता था।
वह अपने पैरों की अंगुलियों पर शहद लगाता और फिर मुझे उसे चाटने को कहताआ था। वह कई बार मुझे मजबूर करता कि मैं उसे कपड़े पहनाऊँ । मूर्तजा का व्यवहार बच्चों जैसा था। वह मेरा बलात्कार करने आता तो ऐसे करता मानो रोने के बाद बच्चे को जश्न मनाने का मौका मिल गया हो।
मुझे उस पहरेदार को भी नहीं भूली, जिसने बलात्कार करने से पहले अपना चश्मा उतारकर टेबल पर रखा था। उसे अपने चशमें ज़्यादा फिक्र थी।
उसका कद छोटा था, लेकिन वह ताकतवर था। “इसका क्या फायदा?” मैने कहा। “यह किसी एक आदमी या दो या तीन की बात नहीं है। तुम सब एक जैसे हो। सब यही करते हो। मैं कब तक तुम्हारा विरोध करूंगी?”मेरी बात सुन कर वह हँस पड़ा।
पात्रों का चरित्र-चित्रण-
नादिया-
नादिया कोचों मेन रहने वाले अल्पसंख्यक समाज की एक याज़िदी युवती है। जिसे अपने धर्म और माँ-मर्यादा पर गुमान है। वह अपने धर्म-समाज या जाति से उतना ही लगाव है, जितना किसी को होना चाहिए। वह एक साहसी महिला है। वह जल्दी किसी से हार नहीं मानती है। उसे किसी का सामना करने अच्छी तरह से आता है। वह बाधाओं को पार करना जानती है।
हाजी सलमान-
हाजी सलमान इंसान के रूप मेन जन्मा एक राक्षस है। जिसे सिर्फ और सिर्फ महिलाओं का अपमान करना आता है। वह पुरुषों की हत्या करने से भी पिछे नहीं हटता । वह दूसरे समाज या धर्म के महिलाओं को अपना रखैल बनाता है। उन्हे प्रताड़ित करता है और खूब मारता-पीटता है। उन्हे अपना अगुलम बनाता है और फिर दूसरे के हाथों बेच देता है।
नासिर-
नासिर अरबी सुन्नी जाति का एक गरीब मुसलमान है। जिसके अंदर दया-भावना है। वह रिस्क नादिया का साथ देने के लिए चुनौती स्वीकार करता है। उसे किसी से डर नहीं लगता। वह मुश्किल के क्षणों मेन भी एक सामान्य बर्ताव करता है। वह जानता है कि क्या गलत एर क्या सही है। वह बिना किसी डर के आई एस आईएस के खिलाफ नादिया का साथ देता है और किसी तरह उसे अपने भाई के भेजने में कामयाब होता है।
द लास्ट गर्ल: Quotes
एक अविवाहित लड़की द्वारा सबका ध्यान आकर्षित करना खतरनाक हो सकता है।
द लास्ट गर्ल
इंसान को अपनी गलतियों पर हसने की योग्यता होनी चाहिए।
द लास्ट गर्ल
खुशी मनाने से हमारे मृत प्रियजन की स्मृति जल्दी मीट जाती है।
द लास्ट गर्ल
सबसे कीमती अपनों अपनों के संबंध होते हैं।
द लास्ट गर्ल
यदि डर के साथ किसी को अपना घर छोड़ना पड़े तो यह मनुष्य के साथ बहुत अन्याय है।
द लास्ट गर्ल
एक अच्छा विद्यार्थी होना और पति या पत्नी के प्रति उदार व्यवहार व्यक्त करना भी प्रार्थना के बराबर समझा जाता है।
द लास्ट गर्ल
गलतियाँ करना मनुष्य के स्वभाव का हिस्सा है।
द लास्ट गर्ल
जीवन मे इतना बुरा कुछ भी नहीं हो सकता कि हमें आत्महत्या करनी पड़े।
द लास्ट गर्ल
बलात्कार को इतिहास मेन युद्ध के हथियार के रूप मेन हमेशा से इस्तेमाल किया जाता रहा है।
द लास्ट गर्ल
कुछ भी हो जाए, लेकिन बचपन की आदतें बड़े होने पर स्वभाव का हिस्सा बन जाती हैं।
द लास्ट गर्ल
जिन लोगों ने आपको पाल-पोस कर बड़ा किया, उनके बारे में मन में संदेह रखना पीड़ा देता है।
द लास्ट गर्ल
आपकी कहानी को आपके खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
द लास्ट गर्ल
इंतजार की पीड़ा बहुत अलग होती है।
द लास्ट गर्ल
FAQ
Q द लास्ट गर्ल का लेखक कौन है?
नदिया मुराद और जेन क्राजेस्की “द लास्ट गर्ल” के लेखक हैं।
Q नादिया मुराद कौन है?
नादियामुराद एक साहसी याज़िदी युवती है, जिन्होंने आईएसआईएस की कैद मेन रहते हुए यौन उत्पीड़न और अकल्पनीय दुख सहन किया है।
Q नादिया कहाँ की रहने वाली है?
नादिया उत्तरी इराक की सिन्जर के पास कोचों इलाके की रहने वाली है।
Q नादिया को आईएसआईएस के चंगुल बचाने मे किसने मदद की थी?
नादिया को आईएसआईएस के चंगुल बचाने मे अजावी जनजाति से संबंध रखने वाले नासिर ने मदद की थी। जिनका याज़िदियों के साथ पुराना संबंध था।
Q नादिया के कितने भाई-बहन थे?
नादिया के नौ भाई-बहन थे। जिनमने से छः आईएस आईएस द्वारा मार दिए गए।
PDF download
नीचे दिए गए print बटन पर क्लिक करें और save as pdf पर क्लिक करें।